रेटिंग: एक स्टार

निर्माताः कमल किशोर मिश्रा

निर्देशकः मनोज शर्मा

कलाकार: धर्मेंद्र,मधु,कैनाट अरोड़ा, रजनीश दुग्गल, असरानी,विजय राज,राजपाल यादव,एकता जैन,ब्रजेंद्र काला व अन्य

अवधिः लगभग दो घंटे

लेखक व निर्देशक के तौर पर पिछले 17 वर्षों से बौलीवुड में कार्यरत मनोज शर्मा ने महज आठ फिल्में निर्देशित की हैं.उनकी सातवीं फिल्म ‘देहाती डिस्को’ कुछ माह पहले प्रदर्शित हुई थी.और अब 16 सितंबर को उनकी आठवीं फिल्म ‘‘खली बली’’ सिनेमाघरों में पहंुची है.धर्मेंद्र,मधु,विजय राज,राजपाल यादव,रजनीश दुग्गल,एकता जैन, असरानी जैसे कलाकारों के अभिनय से सजी फिल्म ‘‘खली बली’’ सिर दर्द के अलावा कुछ नही है.

कहानीः 

कहानी के केंद्र में नवोदित मौडल और बौलीवुड अभिनेत्री संजना (कैनात अरोड़ा   ) हंै,जो कि कालरा (ब्रजेंद्र कालरा) के इशारे पर रोहित (रजनीश दुग्गल)  संग प्यार का नाटक करते हुए उससे पैसे ऐंठ रही है.इतना ही नही संजना खुद को बड़ी हीरोईन साबित करने के लिए रोहित से खुद को हीरोइन लेकर एड फिल्म, म्यूजिक वीडिया व फिल्में बनवा रही हैं. अब तक तीन निर्देशकों ने संजना की हीरोइन वाली फिल्म निर्देशित करने से इंकार कर दिया है.दो फिल्में अधुरी पड़ी हैं.एक विज्ञापन फिल्म की शूटिंग के दौरान संजना के साथ कुछ विचित्र अलौकिक घटनाएं घटित होती हैं.मसलन शूटिंग के दौरान अचानक एक फैन / पंखा गिर जाता है और संजना की स्कर्ट उपर उठकर उड़ने लगती है.दूसरे दिन बंद पड़ा पंखा अचानक चलने लगता है.सोते समय संजना किसी के संग प्यार में डूबे होने की हरकते करती है.मगर संजना अपने प्रेमी रोहित को इन सब पर यकीन न करने के लिए मजबूर करती है.मगर एक दिन कुछ ऐसा होता है कि संजना को अस्पताल ले जाना पड़ता है.मगर कालरा के इशारे पर डाक्टर भी कहता है कि इसे सुपरनेच्युरल पाॅवर की संज्ञा देने की बजाय कुछ समय के लिए मुंबई से बाहर जाकर समय बिताएं.डाक्टर उन्हे लखनउ में अपने बंगले पर रहने भेजता है.लखनउ में डाक्टर के बंगले का केअर टेकर गोपाल अपनी पत्नी बिंदिया के संग रहता है.लखनउ पहुॅचते ही रोहित व संजना का साबका पुलिस इंस्पेक्टर गुर्जर सिंह(विजय राज ) व हवलदार पांडे( हेमंत पांडे ) से पड़ता है.यहां संजना के साथ बहुत कुछ घटित होने लगता है.तब उसका इलाज करने के लिए पैरानॉर्मल स्पेशलिस्ट अनुश्का ( मधु )  आती हैं.वह पता लगा लेती हैं कि इसका इलाज संजना के गांव में हैं,जहां वह पहले रहती थी.अनुष्का व गुर्जर सिंह गांव जाते हैं,जहां वह मृत अमन(रोहन मेहरा)  के घर जाकर उसकी आत्मा को बुलाती है.अमन मन ही मन संजना से प्यार करता था.पर वह यह बात कभी कह नही पाया और मन की बात कहने के लिए जाते समय ही छत से गिरकर उसकी मौत हो गयी थी.अब वह संजना को छोड़ना नही चाहता.अनुष्का का प्रयास विफल हो जाता है.तब अनुष्का,प्रोफेसर गुरपाल सिंह(  धर्मेंद्र )  की मदद लेती है और मामला सुलझ जाता है.

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