Box Office : बड़ी फिल्मों का बज इतना ज्यादा होता है कि छोटी फिल्में कहीं दबी रह जाती हैं. यही ‘डिप्लोमेट’ और ‘इन गलियों में’ के साथ हुआ है. फिल्में हौल में बेदम हो चली हैं.

मार्च माह के दूसरे सप्ताह यानी कि 14 मार्च से 20 मार्च, 14 मार्च होली के दिन एक साथ दो फिल्में रिलीज हुईं. इन में से एक जौन अब्राहम की फिल्म ‘द डिप्लोमेट’ और दूसरी अविनाश दास की फिल्म ‘इन गलियो में’ रही. इन के निर्माताओं ने जो हरकत की, उसे देख कर तो यही कहा जा सकता है कि दोनों ने ‘आ बैल मुझे मार’ वाला कारनामा किया.

जौन अब्राहम और सादिया खतीब की मुख्य भूमिका से सजी फिल्म ‘द डिप्लोमेट’ का निर्देशन शिवम नायर और निर्माण जौन अब्राहम ने टीसीरीज के साथ मिल कर किया है. शिवम नायर की गिनती बेहतरीन संजीदा फिल्म निर्देशक के तौर पर होती है. वह इस फिल्म से पहले ‘आहिस्ता आहिस्ता’, ‘महारथी’, ‘भाग जौनी’ और ‘नाम शबाना’ जैसी फिल्में निर्देशित कर चुके हैं. उन्हें सिनेमा की अच्छी समझ है. यही वजह है कि ‘द डिप्लोमेट’ भी अच्छी फिल्म बनी है. मगर यह फीचर फिल्म की बनिस्बत डाक्यूमेंट्री फिल्म नजर आती है.

2017 की सत्य घटनाक्रम पर आधारित फिल्म की कहानी 2017 के उज्मा अहमद केस पर है. भारतीय महिला उज्मा अहमद पाकिस्तान में एक लड़के के प्रेम के चक्कर में फंस जाती है, किसी तरह वह भारतीय दूतावास में जा कर वहां भारतीय राजदूत जेपी सिंह से मदद मांगती है. पाक में मौजूद तत्कालीन भारतीय राजदूत जेपी सिंह, तत्कालीन भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मदद से उज्मा अहमद को भारत भेजने में सफल होते हैं.

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