फिल्म   समीक्षा

वेब सीरीजःपति पत्नी और पंगाः

रेटिंगः डेढ़ स्टार

निर्माताःजय साहनी,सोना साहनी और आरूषी
मेहता.
लेखक व निर्देशकःअबीर सेन गुप्ता
कलाकारःनवीन कस्तूरिया,अदा शर्मा,अलका
अमीन,हितेन तेजवानी व अन्य
अवधिः 17 से 26 मिनट के छह एपीसोड,लगभग
140 मिनट
ओटीटी प्लेटफार्मः एमएक्स प्लेअर पर 11 दिसंबरसे

पति व पत्नी के बीच अक्सर तलाक की वजह किसी दूसरे मर्द या औरत के संग
अवैध संबंध नहीं ही होते हैं.मगर अबीर सेन गुप्ता निर्देषित हास्य प्रधान
वेब सीरीज ‘‘पति पत्नी और पंगा’’में तलाक की वजह‘सेक्स चेंज’ आपरेशन है.
जिसमें नारीवाद और नारी शरीर को लेकर लंबा चैड़ा भाषण भी है.

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कहानीः
मुंबई शहर में रोमांचक(नवीन कस्तूरिया) एक छोटा सा एस्टेट एजंट है,जिसकी अपनी ‘‘लवली प्रापर्टीज’’ नामक एक छोटी सी दुकान है.उसकी दुकान पर एक दिन एक लड़की षिवानी(अदा षर्मा) किराए पर मकान लेने के मकसद से आती है,मगर मुंबई में किसी अकेली लड़की को कोई भी अपना मकान किराए पर
देेने को तैयार नहीं होता,तब रोमांचक अपने मित्र जीतू की सलाह पर अपने माता(अलका अमीन) व पिता कमल अरोड़ाा से बात कर अपने ही घर का एक कमरा उसे किराए पर दे देता है.

एक माह के अंदर ही रोमांचक व शिवानी के बीच शारीरिक संबंध भी बन जाते हैं.इस बात से सबसे ज्यादा खास रोमांचक की मां होती है,क्योंकि उन्हेे लग रहा है कि उनका बेटा 28 वर्ष का हो गया और उसका
किसी लड़की के संग अफेयर भी नही है,कहीं उनका बेटा रोमांचक ‘गे’तो नही है. वैसे भी रोमांचक व उनकी मंा दोनों को ‘गे’से नफरत है. शिवानी का दावा है कि इस संसार में उसका अपना कोई नही है.वह इंदौर से
मुंबई एनजी ओ मेें काम की तलाश में आयी है.

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रोमांचक की मां को अपने बेटे रोमांचक की शादी की जल्दी है,तो वह षिवानी के बारे में कुछ भी
पता नहीं करते और रोमांचक व षिवानी की षादी हो जाती है.शादी के कुछ दिन बाद जीतू अचानक रोमांचक से कहता है कि उसने षिवानी के बारे में कुछ पता किया था या सिर्फ संुदर लड़की देखी और शादी कर ली.तब वह पता करने की कोशिश करता है,पर कुछ पता नहीं चलता.मगर यह बात सामने आती है कि शिवानी वास्तव में पहले शिव नामक लड़का थी और रोमांचक से मिलने से छह माह
पहले ही उसने अपना ‘सेक्स चेंज’आपरेषन करवाकर लड़के से लड़की बनकर अपना
नाम शिवानी कर लिया था.

अब रोमांचक को लगता है कि इस तरह तो वह भी ‘गे’हो गया.इसलिए वह षिवानी से तलाक लेने के लिए वकील तिवारी(हितेन तेजवानी) के पास जाता है.शिवानी का मुकदमा लड़ने के लिए कोई वकील तैयार
नहीं. सभी का मानना है कि वह अदालत में केस हार जाएंगी.तब षिवानी अदालत
में स्वयं अपने तलाक के मुकदमे की पैरवी करते हुए नारी वाद,नारी शरीर को वस्तु समझना,एलजीबीटीक्यू समुदाय के अधिकार सहित कई मुद्दो पर अपनी लंबी चैड़ी दलीलें रखती हैं,मगर उनका तलाक हो जाता है.फिर शिवानी ‘मेरा हक’नामक एनजीओ के संग काम करने लगती है.अंततः कुछ समय बाद दोनो एक दूसरे को ‘साॅरी’बोलकर दोबारा शादी कर लेते हैं.

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लेखन व निर्देशनः
लघु फिल्म ‘सोल साथी’के बाद अबीर सेन गुप्ता की आज ही वेब सीरीज‘पति
पत्नी और पंगा’ के अलावा फिल्म‘इंदू की जवानी’भी प्रदर्शित हुई है. वास्तव में अबीर सेन गुप्ता ने दो साल पहले एक फिल्म ‘मैन टू मैन’का निर्देशन किया था,जो कि अब तक सिनेमाघर नहीं पहुॅच पायी थी,उसी को अब नाम बदलकर ‘पति पत्नी और पंगा’नामक वेब सीरीज के रूप में ‘एमएक्सप्लेअर’ लेकर आए हैं.इसी के चलते वेब सीरीज के कुछ एपीसोडों के संवादों में ‘मैन टू मैन’जुड़ा हुआ है.पर यह वेब सीरीज अपना प्रभाव नहीं छोड़ती.कहने को तो यह हास्य वेब सीरीज है, किसी भी दृष्य में हंसी नहीं आती.फिल्म में नारी वाद वगैरह की बातें जरुर की गयी हैं.फूहड़ता ज्यादा है.‘गे’समुदाय पर
लोगों के गलत नजरिए को ही उकेरा है. इस अदालत में शिवानी जज के सामने सवाल रखती हैं कि-‘‘क्या औरत कोई बच्चा पैदा करने की मशीन है?’या ‘जो औरत बच्चा पैदा नहीं कर सकती,उसे
शादी करने का हक नहीं है?क्या वह सिर्फ सेक्स सिम्बाॅल है?नारी भी इंसान है. मगर फिल्मकार सेक्स चेंज आपरेशन के संदर्भ में कोई बात नही कहते. ऐसा लगता है,जैसे लेखक व निर्देशक ने ‘सेक्स चेंज’आपरेशन पर कोई शोधकार्य नहीं किया.सेक्स चेंज आपरेषन के बाद इंसानी भावनाओं वगैरह पर क्या असर होता है,इस पर भी ही वेब सीरीज कोई बात नहीं करती.इसके किरदार भी ठीक से गढ़े नही गए हैं.यहां तक कि फिल्मकार ने ‘गे’समुदाय और ‘सेक्स चेेज’आपरेशन कराने वालों को समान स्तर पर रखकर बातें की है. अफसोस फिल्म ‘इंदू की जवानी’की ही तरह इस वेब सीरीज में अष्लीलता है.मां भी घर की नौकरानी के सामने अपने ेबेटे से सेक्स की बाते करती है.क्या वास्तव में भारतीय परिवार इतना आधुनिक हो गया है?इतना ही नही लेखक व निर्देशक अबीर सेन गुप्ता के दिमाग में पाकिस्तान कुछ ज्यादा ही घर कर गया है.उनकी फिल्म‘इंदू की जवानी’में भी पाकिस्तान का जिक्र ैहै और इस वेब सीरीज में
भी एक संवाद है-‘‘किसी सिंगल लड़की को किराए पर मकान दिलाना मतलब किसी
पाकिस्तानी को इंडियन सिटिजनषिप दिलाना है.’’अब इस तरह के संवाद से अबीर सेन
गुप्ता क्या कहना चाहते हैं,यह तो वही बता सकते हैं?
अभिनयः
यॅूं तो अदा शर्मा पहले कुछ फिल्मों मंे अपनी प्रतिभा को साबित कर
चुकी हैं,मगर इसमें वह मात खा गयी.नवीन कस्तूरिया भी जमे नही.हितेन तेजवानी कानपुरिया भाषा में बात करते हैं जबकी कहानी मुंबई की है.

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