अपने दौर की सबसे पौपुलर अभिनेत्रियों में से एक परवीन बौबी काफी बोल्ड और बिंदास थीं. 70 के दशक में सिनेमाई पर्दे पर वह सबकुछ कर रही थीं, जो आधुनिकता और आत्म निर्भरता के नाम पर महिलाएं आज करने की चाहत रखती हैं. इंडस्ट्री में अपनी एक खास जगह बनाने वाली अभिनेत्री को एक गुमनाम मौत नसीब हुई. आइये जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ अनसुनी और अनसुलझी बातें!

बचपन और कैरियर

परवीन बौबी का पूरा नाम परवीन वली मोहम्मद अली खान बौबी था. माता पिता की शादी के 14 साल बाद परवीन का जन्म हुआ था. 10 साल की उम्र में ही उनके पिता का देहांत हो गया. 1972 में परवीन ने मौडलिंग से अपने कैरियर की शुरुआत की और 1973 की फिल्म ‘चरित्रम’ में पहली बार वो सिल्वर स्क्रीन पर नजर आईं. 1974 में रिलीज हुई फिल्म ‘मजबूर’ बौबी की पहली हिट फिल्म रही.

1970 से 1980 के बीच में परवीन ने ‘दीवार’, ‘नमक हलाल’, ‘अमर अकबर एंथनी’ और ‘शान’ जैसी ब्लौकबस्टर फिल्में दीं. इसी बीच रीना रौय के बाद परवीन बौबी दूसरी सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्री थीं.

छोटी भूमिकाओं में भी जादू

दीवार जैसी सुपरहिट फिल्म में छोटी सी भूमिका से ही परवीन बौबी ने एक बड़ी लकीर खींच दी थी. यही वजह है कि परवीन बौबी के सक्रिय फिल्म कैरियर के तीन दशक के लंबे अंतराल के बाद भी उनकी भूमिकाएं लोगों को याद हैं. ये बात भी महत्वपूर्ण है कि परवीन बौबी की भूमिकाएं, हीरो को ध्यान में रखकर बनी फिल्मों में नितांत छोटी हुआ करती थीं. ये उनके चेहरे और अभिनय का ही जादू था कि छोटी भूमिकाएं भी उन्हें चर्चा में बनाए रखने के लिए काफी थीं.

यकीन ना हो तो दीवार का वो दृश्य याद कीजिए जिसमें अमिताभ एक बियर बार में बैठे हैं. वहां उनको अकेला देखकर परवीन बौबी पहुंच जाती हैं और बिना जान पहचान के बातचीत शुरू करती हैं. एक हाथ में सिगरेट और दूसरे में शराब का प्याला. एकदम कौन्फिडेंट लड़की. ये तो महज एक दृश्य भर है, परवीन बौबी का पूरा कैरियर ऐसे ही दृश्यों से भरा पड़ा है जिसमें वो अपने दौर को बदलते हुए दिखाई देती हैं.

परवीन बौबी का जादू

जब सिनेमाई पर्दे पर अच्छी लड़कियों के सलवार सूट और साड़ी पहनने का चलन था, तब पाश्चात्य रंग-ढंग में पली-पढ़ी परवीन बौबी को फिल्म निर्देशक बीआर इशारा ने पहली बार क्रिकेटर सलीम दुर्रानी के साथ 1973 में फिल्म ‘चरित्र’ में मौका दिया. फिल्म तो फ्लौप हो गई, लेकिन परवीन बौबी का जादू चल पड़ा. कई जगहों पर इसका जिक्र है कि बीआर इशारा नई अभिनेत्री की तलाश में थे. ऐसे ही किसी दिन उनकी नजर परवीन बौबी पर पड़ी, जो उस वक्त सिगरेट का कश लगा रही थीं, जिन्हें देखकर बीआर काफी प्रभावित हुए और अभिनेत्री की खोज पर विराम लगा दिया.

टाइम के कवर पर

1976 में परवीन बौबी इस कदर कामयाब हो चुकी थीं कि उस साल प्रतिष्ठित मैग्जीन टाइम ने उन्हें अपने कवर पर छापा था. टाइम के कवर पर जगह पाने वाली पहली बौलीवुड कलाकार परवीन बौबी थीं.

सिनेमाई कैरियर जैसी कामयाबी निजी जीवन में नहीं

सिनेमाई कैरियर में वो जितनी कामयाब हुईं, वैसी कामयाबी उन्हें अपने निजी जीवन में नहीं मिली. पहले पहल उनका अफेयर डैनी के साथ हुआ. लेकिन ये प्यार बहुत आगे नहीं बढ़ पाया. डैनी ने फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि परवीन बौबी और उनका साथ तीन-चार साल तक रहा, इसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए थे.

डैनी के बाद परवीन बौबी का प्यार कबीर बेदी के साथ हुआ था. दोनों ने एक साथ 1976 में ‘बुलेट’ फिल्म में काम किया था और करीब तीन साल तक दोनों एक दूसरे के प्यार में डूबे रहे. कबीर बेदी के प्यार की खातिर परवीन बौबी ने अपने चमचमाते कैरियर को भी छोड़ दिया. लेकिन इनका रिश्ता भी ज्यादा समय तक टिक न सका.

कबीर बेदी के साथ ब्रेकअप को अपने जीवन का टर्निंग प्वाइंट बताने वाली परवीन बौबी इसके बाद महेश भट्ट के प्यार में पड़ीं. दोनों का रोमांस 1977 के आखिर में शुरू हुआ था, तब महेश भट्ट भी कबीर बेदी की तरह शादीशुदा थे. लेकिन वो अपनी पत्नी और बेटी पूजा बेदी को छोड़कर परवीन बौबी के साथ रहने लगे थे. ये वो दौर था जब परवीन चोटी की स्टार थीं और महेश भट्ट एक फ्लौप फिल्ममेकर.

परवीन बौबी के साथ अपने रिश्तों पर ही महेश भट्ट ने ‘अर्थ’ फिल्म बनाई थी. इस फिल्म से जहां महेश भट्ट का कैरियर परवान चढ़ा वहीं परवीन बौबी ऐसी स्थिति में पहुंच गईं जहां से उनका मानसिक संतुलन डगमगाने लगा था. महेश भट्ट ने अपने कई इंटरव्यू में बताया कि बौबी को पैरानायड स्कित्जोफ्रेनिया है. हालांकि परवीन बौबी ने खुद को कभी इस बीमारी की चपेट में नहीं बताया. उन्होंने ये जरूर माना था कि आनुवांशिक मानसिक बीमारी ने उन्हें अपनी चपेट में ले रखा है.

 

ग्लैमर का सपना और बौलीवुड का गहरा अंधेरा

परवीन बौबी ने ‘द इलस्ट्रेटेड वीकली औफ इंडिया’ में अपना एक संस्मरण लिखा था – “मेरा कैरियर इससे बेहतर कभी नहीं रहा. मैं नंबर एक की रेस में हूं. बंबई में कोई ऐसी फिल्म नहीं बन रही है, जिसमें परवीन बौबी ना हो. लोग मेरी इस कामयाब वापसी से चकित हैं. कई लोग इसे मेरा लक बता रहे हैं, लेकिन मैं आपको बताना चाहती हूं कि इसमें लक की कोई बात नहीं है, ये बिल्कुल पसीना और आंसू है जो टूटे दिल के साथ कठिन मेहनत से आई है. हालांकि इस दौरान मैं ये जान गई हूं कि इंडस्ट्री में बने रहने का अपना संघर्ष है, इसके अपने दबाव और चुनौतियां हैं. मैं इसमें इतनी धंस चुकी हूं कि मुझे अब इसे झेलना ही होगा.”

गुमनाम मौत

1976 में मशहूर ‘टाइम’ मैगजीन ने परवीन बौबी को अपने कवर पेज पर जगह दी थी. 1983 में परवीन अपना फिल्मी कैरियर और भारत को छोड़कर अमेरिका चली गयी थीं. कम उम्र में ही परवीन डायबिटीज की शिकार हो चुकीं थीं. 22 जनवरी 2005 को जब तीन दिनों तक परवीन ने अपने मुंबई के घर का दरवाजा रोज की तरह दूध और अखबार लेने के लिए नहीं खोला तो पुलिस को इसकी जानकारी दी गई. उसके बाद परवीन का शव उनके घर से बरामद किया गया जो बेहद ही खराब हालत में था.

जान के खतरे का शक

अपनी बीमारी के दौरान ही उन्होंने अमिताभ बच्चन सहित दुनिया के नामचीन लोगों से अपनी जान को खतरा बताया था. अमिताभ बच्चन को लेकर उनका संशय आखिरी समय तक बना रहा था. हालांकि अमिताभ ने कभी परवीन बौबी को लेकर सार्वजनिक तौर पर कुछ भी अटपटा नहीं कहा. 2005 में परवीन बौबी के निधन के बाद उन्होंने मीडिया से कहा था कि परवीन अपनी शर्तों पर जीने वाली कलाकार थीं जिनका हिंदी सिनेमा पर गहरा असर रहेगा.

बहरहाल, मानसिक बीमारी और सनक की हद तक अपनी शर्तों पर जीने वाली शकमिजाजी के बाद भी परवीन बौबी अपने जीवन के अंतिम दिनों तक आत्मनिर्भर बनी रहीं. लेकिन ये भी सच है कि जिस परवीन बौबी के घर के सामने प्रोड्यूसरों की कतार लगी रहती थी, उस परवीन बौबी के आखिरी दिनों में सबने उन्हें भुला दिया था.

करीब एक दशक तक का स्टारडम और करीब 50 फिल्में उनके जीवन के सूनेपन को भर नहीं पाईं, यही अकेलापन उन्हें आखिरी समय तक परेशान करता रहा. दरअसल परवीन बौबी की कहानी, एक छोटे शहर से आकर बौलीवुड में छाने वाली उस लड़की की कहानी है जिसे मुक्कमल जहां नहीं मिला. कुछ तो बौलीवुड में बने रहने का दबाव, कुछ प्यार में मिलने वाले धोखें और कुछ मानसिक बीमारी- इन सबने आपस में मिलकर परवीन बौबी के करिश्मे को फीका जरूर कर दिया, लेकिन उनका असर बौलीवुड में लंबे समय तक बना रहेगा.

VIDEO : कार्टून लिटिल टेडी बियर नेल आर्ट

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