फिल्मकार संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म 'पद्मावती' पर चल रहा विवाद अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस फिल्म को पहले 1 दिसंबर को रिलीज किया जाना था, लेकिन भारी विवाद के चलते इस फिल्म पर रोक लग गई और इसकी रिलीज डेट टालनी पड़ गई थी. लेकिन फिल्म की रिलीज डेट टालने के बाद से ही दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह जैसे सितारों से सजी इस ऐतिहासिक फिल्म का फैन्स बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात सामने आई है उससे तो यही लगता है कि 'पद्मावती' के फैन्स को यह फिल्म देखने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

इसका कारण यह है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने इस फिल्म को अब भी देश में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र नहीं दिया है. इसकी जानकारी खुद सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (सेवानिवृत्त) ने सोमवार को राज्यसभा को दी.

उन्होंने बताया कि यह फिल्म चलचित्र अधिनियम 1952, चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली 1983 तथा उसके अंतर्गत बनाए गए दिशानिर्देशों के अनुसार प्रमाणन की प्रक्रिया से गुजरेगी. जिसके लिए 68 दिन का समय लगेगा. राठौड़ ने बताया कि यदि फिल्म में दर्शाए गए विषयों पर विशेषज्ञों की राय अपेक्षित होगी तो सीबीएफसी के अध्यक्ष अतिरिक्त समय सीमा के संबंध में निर्णय करेंगे.

बता दें कि यह पहला मौका नहीं था जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म 'पद्मावती' को बिना पास किए वापस लौटाया हो. जहां एक ओर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, समेत कई राज्यों ने इस फिल्म को अपने राज्य में बैन कर दिया है वहीं दूसरी ओर अभी तक इसकी कोई रिलीज डेट फाइनल नहीं हो पाई है.

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