यूट्यूब पर भोजपुरी गानों में अश्लीलता परोसने वाले अगर गायकों और गीत के बोल की बात करें तो खेसारी लाल यादव का गीत निम्बू खरबूजा भईल, पलंग सागवान के और गायक पवन सिंह अपने गीतों छलकत ‘हमरो ई जवनिया राजा’, ‘चाची के बाची सपनवां में आती है’, ‘राते दिया बुता के पिया क्या क्या किया’ भोजपुरी गाने के लिए यूजर्स के निशाने पर आ चुके हैं और ट्रोल भी हो चुके हैं.

इसी लिस्ट में गायक राकेश मिश्रा अपने सुपरहिट गीत ‘राजा तनी जाई न बहरिया’ के लिए उन्हें ट्रोल किया गया और कहा गया था कि इस गाने के बोल अश्लील हैं.

गायिकाओं की बात करें तो अंतरा सिंह, प्रियंका की गिनती भी भोजपुरी इंडस्ट्री में अश्लील गाना गाने वाले लोगों में होती है और वह भी कई बार उन के गाने के बोल को ले कर ट्रोल हो चुकी हैं.

भोजपुरी युवा दिलों पर राज करने वाले सिंगर व एक्टर अरविंद अकेला कल्लू भी ‘गली में आज चांद नहीं माल आईल बा’ भी इसी लिस्ट का हिस्सा है.

इन अश्लील भोजपुरी गीतों को पसंद करने वालों में सब से नंबर वन पर ट्रक और ट्रैक्टर के ड्राइवर रहते हैं. ड्राइवर ऐसे गाने को खुद तो सुनते ही हैं. ट्रक-ट्रैक्टर पर लगे स्पीकर को तेज आवाज में बजा कर दूसरे को भी सुनाते हैं. इन की हरकतों से सब से अधिक महिलाएं और लड़कियां परेशान होती हैं. कई बार तो आटो वाले भी कम नहीं होते. वह भी महिला यात्रियों को देख गंदे गाने बजाने लगते हैं.

ऐसे ही होली के मौके पर अश्लील भोजपुरी गानों की यूट्यूब पर भरमार है. और तो और सिंगर खुद इन गीतों के लिंक लोगों के साथ शेयर कर रहे हैं. ये गायक भाभी से ले कर साली तक को जोड़ कर अश्लील गाना बनाते हैं. इन्हीं गानों के चलते भाभी और साली को सैक्सुअलाइज कर दिया गया है. इन्होंने जैसे परमिशन दे दी है कि कोई किसी की साली है या भाभी है तो उसे छेड़छाड़ करने का फ्री पास है.

कई गीतों के तो ऐसेऐसे बोल हैं कि सुन कर किसी का भी दिमाग चकरा जाए – जैसे ‘पटक के * देम’, ‘करुआ तेल’, ‘आग लग जाता * में’, ‘चाटा तो चाटा * से न काटा’. पुरुष सिंगर तो अश्लील गीत गाने में शुरू से ही आगे रहे हैं लेकिन अब महिला सिंगर भी पीछे नहीं हैं और वे भी जम कर अश्लील भोजपुरी गीत गा रही हैं. इन के गाने अकसर महिलाओं के गुप्तांगों पर केंद्रित होते हैं. गाने जिस में डोढ़ी, कमर, गाल, होंट, ब्लाउज, पेटीकोट, जांघ इत्यादि आते ही हैं. भाभी और साली के रिश्ते ऐसे घसीटे जाते हैं जैसे ये रिश्ते इसीलिए बने हैं.

दोषी सिर्फ निचला वर्ग नहीं

इन अश्लील गीतों को बढ़ावा देने में सिर्फ निचले वर्ग को दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि इन गीतों को समाज का हर तबका देख रहा है. जैसे नम्रता मल्ला का गाना ‘चढ़ल जवानी रसगुल्ला’ को 19 करोड़ लोगों ने यूट्यूब पर देखा है. शिवानी सिंह और पारुल यादव का ‘सेंट गमकउआ’ गाने को लगभग 35 करोड़ लोगों ने देखा है. अब ये गाने हर कोई देख रहा है.

निचला तबका इन अश्लील गीतों को देखने के लिए सिर्फ इसलिए बदनाम होता है क्योंकि इन गीतों को वह सब के सामने खुलेपन में सुनता है लेकिन यूट्यूब पर इन फूहड़ और अश्लील भोजपुरी गीतों को करोड़ों की संख्या में लोग देखते हैं.

लोगों की पसंद हैं ये अश्लील गीत

भोजपुरी गीतों के अश्लील होने के पीछे पहला कारण है इसे सुनने वाला तबका, दूसरा ऐसे गीतों का चुनाव करने वाले लोगों की समझ. ऐसे गीतों को देखने वालों में ज्यादातर वे नौजवान होते हैं जो अनपढ़ या फिर कम पढ़ेलिखे होते हैं और जो ज्यादातर मजदूर श्रेणी का काम करते हैं, उन्हे गीतों के बोल से कोई भी मतलब नहीं होता. उन्हें बस कोई ऐसा गीत चाहिए होता है जिसे देख कर उन की सैक्स की भूख शांत हो जाए और वे अपने दिन भर की थकान भूल जाएं.

ये दर्शक तड़कतेभड़कते गीतों को शालीन गीतों के मुकाबले ज्यादा महत्व देते हैं. ऐसे गीतों की रचना करने वाले भी ऐसे ही तरह के गीत बनाते हैं जो इस कैटेगरी के लोगों को पसंद आए.

टैक्नोलौजी भी है दोषी

भोजपुरी सिंगर्स की इन दिनों हर रोज कोई नई एलबम रिलीज हो रही है और इस में उन की मदद करता है औटोट्यून सौफ्टवेयर. इस तकनीक में कंप्यूटर में पहले से ट्रैक के हिसाब से अश्लील और फूहड़ शब्दों को ले कर कुछ ही घंटे में गाना लिख दिया जाता है और औटोट्यून सौफ्टवेयर उसे ठीक कर देता है. इसी वजह से रोज स्टूडियो में 1000-2000 रुपए में दर्जनों गाने रिकौर्ड हो रहे हैं और इन का प्रचारप्रसार खुद बड़ेबड़े भोजपुरी के सिंगर कर रहे हैं और अपने अश्लील गानों को लोगों से अधिक से अधिक देखने और शेयर करने की भी अपील कर रहे हैं.

डबल मीनिंग, सैक्सिज़्म और हाइपर सैक्शुएलिटी परोसते गीत

ये अश्लील गाने भोजपुरी भाषा की गरिमा बिगाड़ रहे हैं और जब से देश में सस्ता इंटरनेट लोगों तक पहुंच गया है, तब से ऐसे फूहड़पने वाले गानों के यूट्यूब पर मिलियंस में व्यूज होते हैं. डबल मीनिंग, सेक्सिज़्म और हाइपर सैक्सुएलिटी वाले ये गीत लोगों की पसंद बन रहे हैं.

इन बेहूदा अश्लील भोजपुरी गीतों को बनाने वाले भोजपुरी गायक व्यूज पाने के लिए इस प्रकार के गाने रिलीज कर खुद तो पैसा बना लेते हैं लेकिन दर्शकों के मन में गंदे, काम वासना से भरे विचार दे देते हैं और आपराधिक घटनाओं को जन्म देते हैं. हालात तो ऐसे हैं कि हर आटो वाले, दुकान वाले इन गानों को धड़ल्ले से बजाते हैं.

गाने के बोलों को तो छोड़िये, गाने में दिखाए जाने वाले दृश्य तो फूहड़पने को पराकाष्ठा तक पंहुचा देते हैं. इन गीतों में साफ तौर पर अश्लीलता परोसी जाती है. ऐसे घटिया गानों ने महिलाओं को एक भोग-विलास की वस्तु के रूप में प्रकट कर के रख दिया है. आलम तो ये है कि लोग बड़े शौक से “लौलीपौप लागे लू” जैसे गाने अपनी शादीब्याह के कार्यक्रमों में भी बजवाने लगे हैं.Community-verified icon

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