फरवरी का चौथा सप्ताह भी सिनेमा के लिए खतरे की घंटी ही ले कर आया. 23 फरवरी को सिनेमा दिवस के अवसर पर हर सिनेमाघर में टिकट के दाम केवल 99 रुपए थे. इस के बावजूद सिनेमाघर खाली पड़े रहे जबकि पिछले वर्ष ‘सिनेमा दिवस’ के अवसर सिनेमाघर मालिकों ने कुछ पुरानी क्लासिक व अच्छी फिल्में प्रदर्शित कर जबरदस्त कमाई की थी.

इस बार सिनेमाघर मालिकों को नई फिल्मों पर भरोसा था. पर हर किसी को निराशा हुई. मुंबई के सर्वाधिक लोकप्रिय सिनेमाघर मराठा मंदिर और 7 स्क्रीन्स वाले मल्टीप्लैक्स ‘गेइटी ग्लैक्सी’ के मालिक व पुराने फिल्म वितरक मनोज देसाई ने कहा, ‘‘हमें विद्युत जामवाल की फिल्म ‘क्रैक’ और ‘आटिकल 370’ से काफी उम्मीदें थीं. मगर इन फिल्मों ने तो बौक्सऔफिस पर बहुत निराश किया. मेरी राय में ‘आर्टिकल 370’ को डुबोने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. उन्होंने कश्मीर में अपने भाषण में जिस तरह से फिल्म ‘आटिकल 370’ का जिक्र किया, उस से दर्शकों का इस फिल्म से मोह भंग हो गया. लोग फिल्म के प्रदर्शन से पहले ही समझ गए थे कि यह सत्तापरस्त एजेंडे वाली फिल्म है.

23 फरवरी यानी कि फरवरी माह के चौथे सप्ताह में भी कहने को 4 फिल्में प्रदर्शित हईं. पहली फिल्म ‘उरी द सर्जिकल स्ट्राइक’ फेम निर्देशक आदित्य धर निर्मित सत्ता समर्थक एजेंडे वाली फिल्म ‘आर्टिकल 370’ है, जिस का निर्देशन आदित्य सुभाष जांभले ने किया है. दूसरी हम डूबेंगे सनम तुम्हें भी डुबोएंगे की तर्ज पर नए प्रतिभाशाली कलाकारों के संग वरुण ग्रोवर निर्देशित फिल्म ‘आल इंडिया रैंक’ रही. तीसरी फिल्म अहं के शिकार ऐक्शन स्टार विद्युत जामवाल की फिल्म ‘क्रैक : जो जीतेगा जिएगा’ रही. चौथी फिल्म ‘प्रचंड’ रही.

23 फरवरी को सिनेमा दिवस के चलते टिकट के दाम केवल 99 रुपए थे. इस के बावजूद ये फिल्में पहले दिन भी अच्छा बिजनैस करने में बुरी तरह से असफल रही थीं.
आदित्य धर निर्मित, आदित्य सुभाष जांभले निर्देशित तथा यामी गौतम व प्रिया मणि के अभिनय से सजी फिल्म ‘आर्टिकल 370’ में 5 अगस्त, 2019 को कश्मीर से धारा 370 के खात्मे की कहानी है.

कहानी कें केंद्र में एनआईए की अफसर जूनी हक्सर (यामी गौतम धर) और पीएमओ की संयुक्त सचिव राजेश्वरी स्वामीनाथन (प्रियामणि) हैं. दोनों प्रधानमंत्री तक सूचना पहुंचे बिना सारा काम कर रहे हैं. एक दफ्तर में बैठ कर कागज संभाल रही है, तो दूसरी कश्मीर में जमीनी सतह पर काम करते हुए आतंकवादियों के साथ कश्मीरी नेताओं पर अंकुश लगा रही थी.

फिल्म मे कश्मीरी नेता, केंद्रीय गृहमंत्री और प्रधानमंत्री हैं. परदे पर यह किरदार हूबहू हैं पर नाम बदले हुए हैं. इस की वजह समझ से परे है. पूरी फिल्म सच बयां करने के बजाय केवल सत्ता को पंसद करने वाले घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए कई अहम दस्तावेज छिपा कर रखने के आरोप भी कुछ नेताओं पर लगाती है.
जम्मू व लद्दाख का जिक्र नहीं है. एकदम शुष्क फिल्म है. पहले कहा जा रहा था कि इस का बजट 100 करोड़ से अधिक है पर अब अचानक निर्माता इस का बजट 20 करोड़ बता रहे हैं. पहले दिन ‘सिनेमा दिवस’ के अवसर पर इस फिल्म ने 5 करोड़ रुपए कमा लिए थे. पर पूरे सप्ताह यह फिल्म बामुश्किल 40 करोड़ रुपए ही कमा सकी. इस में से निर्माता के हाथ में बामुश्किल 15 से 16 करोड़ रुपए ही आएंगे. फिल्म बुरी तरह से असफल मानी जाएगी. इसे प्रधानमंत्री भी सफलता दिलाने में नाकाम रहे.
दूसरी बड़ी फिल्म विद्युत जामवाल निर्मित व अभिनीत ‘क्रैक’ है, जिस के तमाम ऐक्शन दृश्यों को सैंसर बोर्ड द्वारा पारित किए जाने पर उंगली उठ रही है. ये वे दृश्य हैं जिन्हें ट्रेन में लटक कर करने से किशोरवय बच्चे अपनी जिंदगी गवां सकते हैं. यह ऐक्शन दृश्य करना कानूनन जुर्म भी है. पर फिल्म का नायक (विद्युत जामवाल) 10 मिनट से अधिक समय तक ऐसे जानलेवा ऐक्शन दृश्य करता है.

फिल्म शुरू होते ही 10 मिनट में कहानी का अंत समझ में आ जाता है. फिल्म की कहानी, पटकथा, एक्शन व कलाकारों का अभिनय सबकुछ खराब है. यह फिल्म सिनेमा दिवस के दिन 4 करोड़ 25 लाख रुपए ही एकत्र कर पाई. पर पूरे सप्ताह में यह फिल्म 12 करोड़ 35 लाख रुपए ही एकत्र कर सकी. यानी, निर्माता विद्युत जामवाल के हाथ में बामुश्किल 4 करोड़ रुपए ही आएंगे.

कुछ समय पहले विधु विनोद चोपड़ा एक बेहतरीन फिल्म ‘12वीं फेल’ ले कर आए थे. उसी तर्ज पर गीतकार व लेखक वरुण ग्रोवर की बतौर निर्देशक पहली फिल्म ‘आल इंडिया रैंक’ है जिस में आईआईटी पास करने व कोटा की कोचिंग की बात की गई है. मगर फिल्म अति लचर कहानी, पटकथा व निर्देशन के कारण धराशाई हो गई.
फिल्म के कई दृश्य कुछ सीरियल व फिल्मों से चुराए हुए नजर आते हैं. यह फिल्म पूरे सप्ताह में सिर्फ 37 लाख रुपए ही कमा सकी. फिल्म में हीरो की भूमिका में बोधिसत्व शर्मा एक नया कलाकार है. बेहतरीन अभिनय करने के बावजूद इस फिल्म की बौक्सऔफिस पर हुई बुरी दुर्गति के चलते उस का कैरियर बनने से पहले ही तबाह हो गया.
निर्देशक सुशांत पंडा की साइकोलौजिकल हौरर फिल्म ‘प्रचंड’ कब आई और कब गई, कुछ पता ही नहीं चला. फिल्म के निर्मातानिर्देशक ने फिल्म का प्रचार करने से दूरी बना कर रखी. फिल्म में पितोबश, अनंत महादेवन, अतुल श्रीवास्तव जैसे कुछ अच्छे कलाकार हैं. पर बात बनी नहीं. इस के बौक्सऔफिस कलैक्शन को ले कर भी निर्माताओं ने खामोशी बरत रखी है. इस फिल्म ने 10 लाख रुपए भी नहीं कमाए.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...