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पुलिस ने उस से गहराई से पूछताछ की, जिस के बाद पता चला कि संदीप के साथ दोस्ती से शुरू हुआ उस का सफर पहले प्यार में बदला और बाद में प्यार के इस रिश्ते में ऐसा बेरुखी भरा बदलाव आया कि वह उस की जिंदगी को भी लील गया.

दरअसल 24 वर्षीय खूबसूरत रिचा मौडलिंग के क्षेत्र में जाना चाहती थी. उस की खूबसूरती की सभी तारीफ किया करते थे. जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही पढ़ाई के साथसाथ उस ने इस के लिए प्रयास भी शुरू कर दिए थे. अपनी मेहनत के बल पर उस ने कम उम्र में ही एक्टिंग व मौडलिंग के क्षेत्र में खुद को स्थापित भी कर लिया. उस ने स्थानीय वह बाहरी कई म्यूजिक कंपनियों के साथ हिमाचली, गढ़वाली व पंजाबी वीडियो एलबम के साथ ही फिल्मों में भी काम किया.

रिचा व्यवहारकुशल भी थी और सुंदर भी. अभ्यास भी वह जम कर करती थी, जिस के बल पर उसे खूब काम मिला. वह ऐसी अदाकारा थी, जिस ने बिना किसी गौडफादर के अपनी प्रतिभा को साबित किया. वह काफी ऊंचाइयों पर पहुंच गई थी.

रिचा को हिंदी सीरियलों के औफर भी मिले, लेकिन वह हिमाचल प्रदेश में रह कर ही काम करना चहती थी. करीब एक साल पहले रिचा की मुलाकात एक प्रोग्राम के दौरान संदीप से हुई. पहली मुलाकात में ही दोनों ने एकदूसरे के दिलों पर अपनी छाप छोड़ी और मोबाइल नंबरों का आदानप्रदान भी कर लिया. दोनों के बीच अकसर बातें होने लगीं.

दोनों के बीच बातों के अलावा कुछ मुलाकातें भी हुईं. दिन, तारीख व साल के साथ उन की दोस्ती गहराती गई. उन की यह दोस्ती प्यार में कब बदल गई, इस का पता उन दोनों को पता ही नहीं चला. बातोंमुलाकातों के इसी दौर में दोनों के दिलों में चाहत ने जन्म ले लिया और यही चाहत एक प्यार का पौधा बन कर अंकुरित हो गई. रिचा के दिल में पहली बार किसी युवक ने अपनी जगह बनाई थी.

प्यार उस शै का नाम है जो बिना आहट किए दिल के दरवाजे खोल कर उस में चुपके से बस जाती है. इस का पता इंसान को तब चलता है, जब उस के दिल की धड़कनें खुदब खुद कुछ कहने लगती हैं. जब कोई प्यार का पाठ पढ़ता है तो दिल की धड़कनें उसी का नाम लेती हैं, जिस की सूरत उस में बसी होती है. दोनों अपने प्यार को कैद किए हुए थे. रिचा व संदीप प्यार का इजहार करने के लिए उचित अवसर की तलाश में रहने लगे. एक दिन संदीप ने अपने दिल की बात रिचा से कह दी.

रिचा को उस की बात पर कोई हैरानी नहीं हुई, क्योंकि वह जानती थी कि संदीप उसे चाहने लगा है. उस के सामने प्यार का इजहार करने के लिए उस के दिल की कलीकली खिल गई. वह मुस्करा दी. हालांकि उस की मुसकराहट में ही वह सच्चाई छिपी थी जो संदीप उस के मुंह से सुनना चाहता था. फिर भी उस ने पूछ लिया, ‘‘बताओ न, करती हो मुझ से प्यार?’’

‘‘बहुत ज्यादा, लेकिन ये बताओ कि कभी तुम मेरा साथ छोड़ तो नहीं दोगे?’’ रिचा ने आशंकित होते हुए कहा तो संदीप बोला, ‘‘ऐसा कभी हो सकता है क्या?’’ बात वहीं खत्म हो गई.

बीतते वक्त के साथ दोनों ने एक साथ जीनेमरने की कसमें खा लीं. समय अपनी गति से चलता रहा. रिचा दिल की सच्ची लड़की थी. वह संदीप को टूट कर चाहती थी. प्यार में दोनों ने हमेशा एक होने का फैसला कर लिया था. संदीप ने उसे यकीन दिलाया था कि वह अपनी बात से कभी पीछे नहीं हटेगा. देखतेदेखते कई महीने बीत गए.

रिचा ने संदीप से अपने प्रेमिल रिश्तों की बात अपने घर वालों को भी बता दी थी. उस ने घर वालों को विश्वास दिलाया था कि संदीप अच्छा लडका है और वह उस से जरूर शादी करेगा. रिचा अपने पैरों पर खड़ी थी. अच्छाबुरा भी समझती थी, इसलिए उस की खुशी के लिए किसी ने उस के रिश्ते पर कोई आपत्ति नहीं की. लेकिन प्यार में हर किसी को मुकाम मिल जाए, यह जरूरी नहीं. रिचा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. प्यार में कुछ बातों की हकीकत वक्त के साथ ही पता चलती है. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ.

रिचा संदीप को उस का शादी का वादा याद दिलने लगी तो वह कटाकटा सा रहने लगा. उसे संदीप से ऐसी उम्मीद कतई नहीं थी. वह किसी न किसी बहाने से बात को टाल जाता था. इस से रिचा परेशान रहने लगी. इसी बीच उसे पता चला कि संदीप की दोस्ती किसी अन्य युवती के साथ भी है. रिचा को लगा कि वह उसे धोखा दे रहा है. एक दिन उस ने इस मुद्दे पर संदीप से बात की तो वह हत्थे से उखड़ गया और उस ने रिचा को ही कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. यह दिसंबर, 2016 की बात थी.

इस घटना के बाद दोनों के बीच अकसर झगड़ा होने लगा. हालांकि कुछ दिनों में धीरेधीरे दोनों सामान्य हो गए. 1 जनवरी, 2017 को नए साल का जश्न मनाने के लिए रिचा संदीप व अन्य दोस्तों के साथ हिमाचल के ही मैक्लोडगंज गई. कुछ दिन सब ठीक रहा, लेकिन उन के बीच फिर झगड़ा शुरू हो गया. हालात तब बिगड़े जब संदीप उस के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार भी करने लगा. उस के बदले व्यवहार ने रिचा को तोड़ कर रख दिया.

रिचा चाहती तो किनारा कर सकती थी उसे कई चाहने वाले भी मिल सकते थे लेकिन वह संदीप को दिलोजान से प्यार करती थी. उस से दूर होने की कल्पना कर के ही वह निराश हो जाती थी. गलती संदीप की होने पर भी वह खुद हारने में यकीन रखती थी. खुद हार कर वह प्यार को जिताती थी. उस के बेपनाह प्यार का आलम यह था कि वह किसी भी सूरत में संदीप को खोना नहीं चाहती थी.

संदीप से उस की शादी जल्द हो इस के लिए उस ने बाहर शूटिंग पर जाने के कई प्रोग्राम छोड़ दिए थे. हालांकि यह सब उस के  कैरियर के लिए अच्छा नहीं था, लेकिन संदीप के लिए वह यह कुर्बानी देने को भी तैयार थी. दूसरी ओर संदीप पूरी तरह बेरुखी पर उतर आया था, जबकि वह चाहती थी कि वह उस से जल्द से जल्द शादी कर ले. रिचा तनाव के दौर से गुजर रही थी. अपनी परेशानियों का जिक्र वह अपनी सहेलियों से किया करती थी.

रिश्तों के मनमुटाव को दूर करने के लिए वह एक दिन संदीप के पास ऊना भी गई, लेकिन दोनों के बीच झगड़ा हो गया तो वह वापस आ गई.

11 जनवरी की रात मोबाइल फोन पर भी उस की संदीप से नोकझोंक हुई तो संदीप ने शादी करने से साफ इनकार कर दिया. उस ने रिचा के साथ दुर्व्यवहार भी किया. अचानक दिल पर लगी इस बड़ी चोट ने उसे तोड़ कर रख दिया. अवसाद के दौर में उस ने देर रात अपनी एक सहेली को कई बार फोन किया. लेकिन उस की बात नहीं हो सकी. कोई हालात को संभाल पाता, उस से पहले ही रिचा ने सुसाइड नोट पर कलम के जरिए अपना दर्द उकेरा. शुरुआती 2 पन्नों पर उस ने अपनी व संदीप की मौजूदा स्थिति के बारे में लिखा, जबकि अंतिम आधे पन्ने में आत्महत्या का कारण बताया.

रिचा ने अपनी मौत का जिम्मेदार संदीप को बताते हुए घातक कदम उठा लिया. उस की मौत उस के चाहने वालों को भी निराश कर गई.

पूछताछ के बाद पुलिस ने संदीप को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. काश! रिचा की तरह संदीप  ने भी प्यार के रिश्ते को उतनी ही खूबसूरती से निभाया होता और वक्त पर रिचा को संभाल लिया होता तो निश्चित तौर पर आज वह प्रतिभाशाली खूबसूरत अदाकारा जिंदा होती. कथा लिखे जाने तक संदीप की जमानत नहीं हो सकी थी.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित
सहयोगी : आर. गुलेरिया

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