उमंग कुमार निर्देशित दूसरी बायोपिक फिल्म ‘‘सरबजीत’’ को लेकर जितनी उम्मीदें थी, उन उम्मीदों पर यह फिल्म खरी नहीं उतर पा रही है. चार दिन के अंदर ‘सरबजीत’ ने बाक्स आफिस पर जो कमायी की है, उससे वितरक परेशान हैं, क्योंकि निर्माताओं ने तो अपना पैसा वसूल कर लिया है, पर बेचारे वितरकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. यूं तो निर्माताओं की तरफ से प्रचारित किया जा रहा है कि ‘सरबजीत’ ने तीन दिन के अंदर 13.69 करोड़ कमाए है. पर वह भूल जाते है कि इससे पहले ‘फितूर’ जैसी असफल फिल्म ने तीन दिन में 14.11 करोड़ और ‘रॉकी हैंडसम’ जैसी घटिया फिल्म ने तीन दिन में 16.12 करोड़ कमाए थे.
इसके लिए अब पूरी तरह से ऐश्वर्या राय बच्चन को ही दोषी ठहराया जा रहा है. जी हॉ! बौलीवुड के साथ साथ मीडिया में भी चर्चाएं गर्म है कि यदि ऐश्वर्या राय बच्चन ने एक प्रोफेशनल कलाकार की तरह फिल्म ‘‘सरबजीत’’ में अभिनय किया होता और अपने किरदार को सही ढंग से निभाने का प्रयास करने के अलावा यदि फिल्म को प्रमोट करती, तो यह फिल्म ज्यादा बेहतर बनती तथा बाक्स आफिस पर ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर पाती. लेकिन अफसोस की बात यह है कि ऐश्वर्या राय बच्चन ने फिल्म की बजाय ‘इंसान को खूबसूरत बनाने वाली क्रीम’ यानी कि एक इंटरनेशनल ‘ब्यूटी क्रीम’ को बेचने पर ज्यादा ध्यान दिया.
वैसे यह देखने में आ रहा है कि ऐश्वर्या राय बच्चन ने पांच साल बाद फिल्मों में वापसी भले ही की हो, पर वह अपनी फिल्म को प्रमोट करने पर ध्यान नहीं देती हैं. उन्होने फिल्म ‘जज्बा’ के समय भी यही किया था और अब फिल्म ‘सरबजीत’ के समय भी यही किया है. ऐश्वर्या राय बच्चन ने ‘कान फिल्म फेस्टिवल’ में जाने से पहले उस ब्यूटी क्रीम के प्रमोशन में हिस्सा लिया था, जिसकी वह ब्रांड अम्बेसडर हैं. इस क्रीम के प्रमोशन को लेकर ऐश्वर्या राय बच्चन ने पत्रकारों से लंबी बातचीत भी की थी. मगर ऐश्वर्या राय बच्चन ने फिल्म ‘‘सरबजीत’’ को प्रमोट नहीं किया.
ऐश्वर्या के करीबी और उनके निजी प्रचारक की दलील है ऐश्वर्या राय बच्चन ‘‘कॉन फेस्टिवल’’ का हिस्सा बनने के लिए फ्रांस गयी थी, पर याद रखना होगा कि ‘कॉन फिल्म फेस्टिवल’ 11 मई से 22 मई के बीच संपन्न हुआ. यदि ऐश्वर्या राय बच्चन चाहती, तो 11 मई से पहले भी फिल्म ‘सरबजीत’ को प्रमोट करने के लिए पत्रकारों से बात कर सकती थीं. लेकिन पत्रकारों से रूबरू बात करने व मिलने के लिए उनके पास समय का अभाव रहा. उन्होने इस फिल्म को लेकर कुछ पत्रकारों के साथ ‘ग्रुप’ यानी कि ‘‘लगभग प्रेस कॉंफ्रेंस जैसी स्थिति’’ में 19 मई को बात की, जबकि फिल्म ‘सरबजीत’ 21 मई को रिलीज हुई.
यानी कि फिल्म ‘‘सरबजीत’’ के रिलीज से पहले कुछ नहीं छप पाया. शायद उन्हें याद नहीं होगा कि कई दैनिक अखबारों में फिल्म के संस्करण दस दिन पहले ही बन जाते हैं. यानी कि इन अखबारों में फिल्म ‘सरबजीत’ को लेकर ऐश्वर्या राय बच्चन के इंटरव्यू छपने संभव ही नहीं थे. इतना ही नहीं साप्ताहिक और पाक्षिक या मासिक पत्रिकाओं मे भी नहीं छप पाया. इससे किसका फायदा व किसका नुकसान हुआ, यह ऐश्वर्या राय बच्चन सहित हर कलाकार बड़ी आसानी से समझ सकता है. इससे सबसे बड़ा नुकसान फिल्म ‘‘सरबजीत’’ को हुआ. मगर दूरदृष्टि से देखें, तो इससे ऐश्वर्या राय बच्चन को भी नुकसान हुआ. पर शायद उन्हें यह नुकसान अभी समझ में नहीं आ रहा होगा. अभी तो वह उस ब्यूटी क्रीम और ‘कॉन फिल्म फेस्टिवल’ में शिरकत की तस्वीरे छपवाकर खुश हो रही हैं.
बालीवुड के सूत्रों के अनुसार एक कलाकार की गिद्ध की नजर किसी भी इंटरनेशनल प्रोडक्ट का ब्रांड अम्बेसडर बनने पर टिकी रहती है. क्योंकि एक इंटरनेशनल ब्रांड का अंबेसडर बनते ही कलाकार को न सिर्फ एक बहुत बड़ी रकम मिल जाती है, बल्कि वह ब्रांड अपने ब्रांड को प्रचारित करते हुए उनके चेहरे का भी प्रचार करता है. ज्ञात है कि ऐश्वर्या राय बच्चन कॉन फिल्म फेस्टिवल में अपने उसी ब्यूटी प्रोडक्ट की ब्रांड अम्बेसडर की हैसियत से गयी थी. सूत्रों का दावा है कि किसी भी कलाकार को एक फिल्म में अभिनय करने के लिए उतने पैसे नहीं मिलते है, जितने एक इंटरनेशनल प्रोडक्ट का ब्रांड अम्बेसडर बनने पर मिल जाते हैं. वैसे भी बौलीवुड में महिला कलाकारों को पुरूष कलाकारों के मुकाबले काफी कम रकम मिलती है.
यूं तो ऐश्वर्या राय बच्चन के पति अभिषेक बच्चन तो फिल्म ‘‘सरबजीत’’ की तारीफों के पुल बांधते हुए नहीं थक रहे हैं. वह कहते हैं-‘‘फिल्म का प्रीमियर देखने के बाद मेरे मुंह से शब्द नही निकल रहे थे. बहुत ही बेहतरीन फिल्म बनी है. यह ऐसी फिल्म है, जिसे ‘जज’ ही नहीं किया जा सकता. ऐश्वर्या राय ने तो काफी बेहतरीन परफार्मेंस दी है.’’ मजेदार बात यह है कि सिर्फ अभिषेक बच्चन ने ही नहीं बौलीवुड की कई बड़ी बड़ी हस्तियों ने ‘सरबजीत’ के प्रीमियर का हिस्सा बनने के बाद ‘सरबजीत’ की जमकर तारीफ की थी. पर इन बड़े स्टारों की तारीफ भी दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचकर नहीं ला पा रही है.
मगर हमारी तरह तमाम फिल्म आलोचकों का मानना है कि ‘सरबजीत’ की सबसे कमजोर कड़ी ऐश्वर्या राय बच्चन रही हैं. ऐश्वर्या राय बच्चन ने भी यदि रणदीप हुड्डा की तरह दलबीर कौर के किरदार को न्याय संगत तरीके से निभाया होता तो शायद फिल्म और अच्छी बन जाती. ऐश्वर्या बच्चन की अभिनय की कमी के चलते ही फिल्म कई जगह मेलोड्रामैटिक हो गयी है. ऐश्वर्या राय बच्चन पंजाब के गांव की भाषा का पुट नहीं पकड़ पायी, या यूं कहें कि उन्होने ऐसी कोशिश ही नही की. इस वजह से पंजाब के दर्शकों ने इस फिल्म को पूरी तरह से नकार दिया, जबकि निर्माताओं व वितरकों ने पंजाब में इस फिल्म की सर्वाधिक कमायी करने का अनुमान लगाया था. लेकिन पंजाब में ‘सरबजीत’ ने शुक्रवार को 40 लाख, शनिवार को 60 लाख और रविवार को 85 लाख ही कमाए.
ऐश्वर्या राय बच्चन अपनी अभिनय की इस कमी को फिल्म ‘‘सरबजीत’’ को सही ढंग से प्रमोट करके कुछ हद तक ढंक सकती थी, लेकिन उन्होने फिल्म को प्रमोट नहीं किया. अब वह अपनी अगली फिल्म को प्रमोट करेंगी या नहीं, यह तो समय ही बताएगा. पर ‘‘सरबजीत’’ की हर तरह से कमजोर कड़ी वही साबित हो रही हैं.