भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी के चेयरमैन एस के राय ने 25 जून को अपना इस्तीफा सरकार को सौंप दिया. इस से इस बात की पुष्टि हुई कि वित्त मंत्रालय में सबकुछ ठीकठाक नहीं है. वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की तरह शायद एस के राय भी काम करने में खुद को असहज महसूस करने लगे थे, तो आश्चर्य की बात नहीं. हालांकि राय ने इस्तीफे की वजह नहीं बताई है, इसलिए अंदाजा लगाने वालों ने अंदाजा यही लगाया कि कम पगार इस की वजह हो सकती है. एलआईसी के चेयरमैन का वेतन 1.7 लाख रुपए महीने होता है.

एलआईसी की अपनी एक अलग साख है जो बीमा के प्रति जागरूकता पैदा करने का नेक काम कर रही है. ऐसे में शीर्ष स्तर से इस्तीफे उसे प्रभावित करने वाले तो हैं ही, साथ ही यह भी बताते हैं कि निष्कासनों, इस्तीफों और मनमानी नियुक्तियों का दौर अभी जारी रहेगा.

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