टीम इंडिया को अनिल कुंबले के रूप में नया हेड कोच तो मिल गया है. लेकिन कोच के चयन को लेकर दो पूर्व दिग्गजों में विवाद अभी भी जारी है. कोच के दावेदारों में शामिल रहे रवि शास्त्री और सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली में छह दिन बाद भी बयानों की जंग चल रही है.

शास्त्री ने कहा था कि उनके इंटरव्यू के समय गांगुली वहां मौजूद नहीं थे. उनका यह रवैया अपमानजनक था. जवाब में गांगुली ने कहा- अगर उन्हें लग रहा है कि वे मेरे कारण कोच नहीं बने, तो वे मूर्खों को दुनिया में जी रहे हैं.

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर और पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी दो पूर्व कप्तानों रवि शास्त्री और सौरव गांगुली के बीच टीम के हेड कोच की नियुक्ति को लेकर चल रही जुबानी जंग को लेकर एक दूसरे अलग विचार रखते हैं. बेदी ने तो गांगुली पर सीधा हमला बोल दिया.

संजय मांजेरकर ने ट्वीट किया, ‘मुझे लगता है कि सौरव से अधिक रवि पद के लिए नहीं चुने जाने से खफा है. यह उनके लिए नया अनुभव है. बीसीसीआई ने कोच के रूप में बेहतर व्यक्ति को चुना.’

उधर बिशन सिंह बेदी ने शास्त्री का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, ‘कोच पद के लिए नहीं चुने जाने के अलावा रवि शास्त्री का चयन प्रक्रिया पर नाराजगी जताना सही है जहां एक चयनकर्ता अनुपस्थित हो गया. वह बोर्ड से ऊपर तो नहीं है.’

इस मामले में कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. गुस्साये गांगुली ने शास्त्री पर जवाबी हमला बोला. उन्होंने इस पूर्व भारतीय ऑलरांडर की बैंकॉक में छुट्टियां मनाते हुए इंटरव्यू देने पर इस पद को लेकर उनकी गंभीरता को लेकर सवाल उठाये.

भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक गांगुली ने शास्त्री के इस सुझाव पर भड़क गये जिसमें उन्होंने कहा था कि अगली बार जब साक्षात्कार लिये जा रहे हों तो उन्हें उपस्थित होना चाहिए. गांगुली ने कहा, ‘‘इससे मुझे गुस्सा आया कि वह मुझे सलाह दे रहे हैं कि मुझे इस तरह की बैठकों में उपस्थित होना चाहिए. मैं पिछले कुछ समय से बीसीसीआई की बैठकों का हिस्सा रहा हूं और मैं हमेशा उनके लिये उपलब्ध रहा. रवि को मेरी सलाह है कि जब भारत के कोच और सबसे महत्वपूर्ण पद के लिये चयन हुआ तब उन्हें समिति के सामने होना चाहिए था ना कि बैकाक छुट्टियां मनाते हुए प्रस्तुति देनी चाहिए थी.’’

गांगुली ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यदि रवि शास्त्री को लगता है कि उनके भारतीय कोच नहीं बन पाने के लिये सौरव गांगुली जिम्मेदार हैं तो फिर वह गलतफहमी में जी रहे हैं.’’

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