इस भागमभाग वाली जिंदगी में सुबह से ले कर रात तक चुस्तदुरुस्त रहना अपनेआप में एक बड़ी चुनौती है. आमतौर पर तो लोगों में हमेशा सुस्ती सी छाई रहती है और वे थकान का रोना रोते रहते हैं. सुबह 5-6 बजे के करीब ज्यादातर लोगों का मन बिस्तर छोड़ने को नहीं करता. उन्हें लगता है कि अभी नींद पूरी नहीं हुई और बदन में थकावट भरी पड़ी है. यह थकान का एहसास तमाम लोगों को हर वक्त रहता है. ऐसे में वे जो भी करते हैं, मजबूरन मन मार कर करते हैं.
दरअसल यह थकान की शिकायत खानपान में लापरवाही की वजह से होती है. अगर इनसान अपना खानपान सही रखे और थोड़ीबहुत कसरत करे, तो वह एकदम फिट और फुर्तीला रह सकता है. कुछ खास बातों पर ध्यान दे कर थकान के असर से छुटकारा पाया जा सकता है:
एक बार में ज्यादा न खाएं
कुछ लोग जब भी खाने बैठते हैं, तो जरूरत से ज्यादा खाना खा लेते हैं. ऐसे लोग आमतौर पर 2 या 3 बार ही खाना खाते हैं. मगर यह तरीका सेहत व चुस्ती के लिहाज से सही नहीं है. ऐसे लोग लंबी डकार ले कर कई बार सोना पसंद करते हैं और हमेशा थकावट की शिकायत करते रहते हैं. स्वास्थ्य व चुस्ती के लिहाज से थोड़ाथोड़ा कर के कई बार खाना ज्यादा ठीक रहता है. खाने में वही चीजें चुनें जो सेहत के लिए अच्छी मानी जाती हैं. ऐसी चीजों को 3-4 घंटे के अंतराल पर खाते रहें. जब भी भूख महसूस हो तो स्वादानुसार ब्रेडबटर, बिस्कुट या फल वगैरह खाएं. ज्यादा चिकनाई वाली तलीभुनी चीजें कम से कम खाएं. उम्दा किस्म की चीजें भी एकसाथ बहुत ज्यादा मात्रा में न खाएं.
भूख लगने पर ही खाएं
हर वक्त बेवजह खाना भी ठीक नहीं होता. अकसर कोई मनपसंद पकवान सामने आने पर लोग बगैर भूख के भी अच्छीखासी मात्रा खा जाते हैं. यह तरीका मुनासिब नहीं है. खानपान के माहिर डाक्टरों का कहना है कि शरीर की जरूरत के हिसाब से अपनेआप भूख महसूस होने लगती है. उस वक्त मनपसंद चीजें खाना फायदेमंद होता है. भूख लगने पर भी न खाने से थकान पैदा होना लाजिम है, लिहाजा ऐसे में लापरवाही नहीं करनी चाहिए. भूख लगे तो जरूरत के हिसाब से फल, मेवे, बिस्कुट या मैंगोशेक जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए. बीचबीच में थोड़ाथोड़ा खाते रहने से ब्लडशुगर की मात्रा सही बनी रहती है और व्यक्ति खुद को चुस्तदुरुस्त महसूस करता है.
पोषक तत्त्वों से भरपूर
वैसे तो सीमित मात्रा में खाने पर कोई चीज खराब नहीं होती, लिहाजा इच्छा के हिसाब से कुछ भी खाने में हर्ज नहीं है. कोई भी चीज में यकीनन शराब, तंबाकू, पान व गुटका वगैरह शामिल नहीं हैं. मतलब यह कि प्रतिबंधित व नशे वाली चीजों को छोड़ कर वेज या नानवेज किस्म का कोई भी खाना खराब नहीं होता. अलबत्ता यह ध्यान रखना जरूरी है कि पोषक तत्त्वों से भरपूर चीजें ही सेहत के लिए मुफीद होती हैं. मसलन प्रोटीन वाली चीजें और फाइबर वाली चीजें खाना हमेशा फायदेमंद होता है. प्रोटीन से शरीर को काफी मात्रा में ऊर्जा मिलती है और फाइबर ऊर्जा को लंबे अरसे तक बरकरार रखता है. फाइबर वाली चीजों से पाचन क्रिया भी द रुस्त रहती है. शरीर की जरूरत के मुताबिक थोड़ीबहुत फैट वाली चीजें खाना भी सही रहता है. पोषक तत्त्वों से भरपूर चीजों में दाल, चावल व रोटी के साथसाथ दूध, दलिया व कार्नफ्लैक्स जैसी चीजें भी इस्तेमाल की जा सकती हैं, पर हर चीज एक नपीतुली मात्रा में खाना ही ठीक है.
आयरन और विटामिन
खानेपीने की चीजों में आयरन की मौजूदगी का खास खयाल रखना चाहिए, क्योंकि आयरन भरपूर होने से शरीर में खून की कमी नहीं होने पाती. आयरन के इस्तेमाल से ही खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा सही रहती है. डाक्टरों का कहना है कि रोजाना 2 सेब खाने से आयरन का हिसाब सही रहता?है. 1 सेब नाश्ते के वक्त सुबह व दूसरा शाम के वक्त खाना सही रहता है. यहां भी वही थोड़ा खाने का मामला लागू होता है, यानी ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक बार में ही 1 किलोग्राम सेब निबटा लिए जाएं. ऐसा करने से फायदे के बजाय नुकसान ही होगा. आयरन के लिए अनार का जूस भी काफी कारगर रहता है, मगर इस के साथ मौसमी का जूस या नीबू का रस जरूर लेना चाहिए. मौसमी या नीबू के विटामिन सी के बल पर आयरन का असर बेहतर होता?है.
आयरन व विटामिनों के लिहाज से हरी पत्तेदार सब्जियां, सहजन, राजमा, मौसमी फल व भीगे हुए बादाम रोजाना के खाने में शामिल करने चाहिए. भीगे चने, मूंग व सोयाबीन का इस्तेमाल भी कारगर साबित होता है.
जो लोग नान वेजीटेरियन होते हैं वे मटन, चिकन व अंडे जैसी चीजों का सेवन कर के शरीर में आयरन की मात्रा सही रख सकते हैं. दूध, दही व पनीर जैसी चीजें भी शरीर की थकान मिटाने व सेहत बेहतर बनाने में कारगर साबित होती है. चाय, काफी व कोल्डड्रिंक जैसी चीजों का कम से कम इस्तेमाल करना बेहतर रहता है.
मसला डाइटिंग का
मोटापा अपनेआप में थकान की वजह बन जाता है. इस का दिल पर भी असर पड़ता है. यानी मोटापा घटाना बहुत जरूरी है. वजन बढ़ना तो आसान है, पर उसे कम करना मुश्किल होता है. ऐसे में डाइटीशियन से सलाह ले कर डाइटिंग करना बेहतर रहता है. आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आलू, चावल व चीनी वगैरह से शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है. पर डाइटिंग करने वाले इन चीजों से परहेज करने लगते हैं. वे किसी माहिर की सलाह के बगैर ही आलू, चावल, चीनी व मिठाइयां आदि खाना छोड़ देते हैं. नतीजतन कमजोरी के शिकार हो जाते हैं. बेहतर तो यही है कि किसी माहिर डाक्टर की सलाह ले कर ही डाइटिंग की जाए.
मोटापे की ओर बढ़ रहे लोगों को मिठाइयां खाना काफी कम कर देना चाहिए. उन्हें साबुत अनाज, ओटमील, मशरूम, खीरा, टमाटर, गाजर, ब्राउन राइस जैसी चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए. चोकर वाले आटे की रोटी मोटे लोगों के लिए मुफीद होती है. उन्हें चीनी के साथसाथ नमक खाना भी कम कर देना चाहिए. नाश्ते में प्रोटीन वाली चीजें ज्यादा लेनी चाहिए.
टहलें और कसरत करें
चुस्तदुरुस्त बने रहने के लिए सही खानपान के साथसाथ थोड़ीबहुत कसरत करना व टहलना भी जरूरी है. रोजाना थोड़ीबहुत कसरत जरूर करें. स्कूलों में सिखाई गई कसरत से भी काफी फायदा होता है. वैसे आजकल टीवी पर भी कसरत करना सिखाया जाता है, उस के मुताबिक भी कसरत की जा सकती है. इसी तरह रोजाना थोड़ी देर टहलना भी जरूरी है. 10-15 मिनट से ले कर आधा घंटे तक टहलना काफी साबित होगा. टहलने और कसरत करने से शरीर में आक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जो थकान व तनाव दूर भगाती है. इस प्रकार नपातुला खानपान अपना कर और थोड़ीबहुत कसरत कर के हमेशा चुस्त और फुर्तीला रहा जा सकता?है. ऐसे लोगों के शरीर पर थकान का नामोनिशान तक नहीं रहता.