गूगल प्ले-स्टोर पर लाखों ऐप्स मौजूद हैं, लेकिन सऊदी सरकार का यह ऐप अभी कई हाई-प्रोफाइल लोगों के निशाने पर है. ट्विटर पर लोग #DropTheAPP लिखकर इस ऐप को गुलामी का टूल बता रहे हैं.

अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता काकस वाइस चेयर कैथरीन क्लार्क ने भी ट्वीट करते हुए इस ऐप को पितृसत्तात्मक हथियार बताया है. साथ ही #Apple और #Google को टैग करते हुए इस खतरनाक ऐप की सुविधा को बंद करने की बात कही है.

रिपब्लिक पार्टी की नेता कैरोलीन मलोनी ने भी कैथरीन क्लार्क की बातों को समर्थन देते हुए #DropTheAPP से ट्वीट किया है. मंगलवार को अमेरिकी सीनेटर रॉन विडेन ने ऐपल के सीईओ टिम कुक और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पत्र लिखकर मांग की कि वे ऐप स्टोर और Google Play से इस ऐप को तुरंत हटा दें.

आखिर इस ऐप का क्यों हो रहा है विरोध?

ऐप का नाम है- एब्शर( Absher). यह ऐप सऊदी के पुरुषों को यह अनुमति देता है कि वह अपनी पत्नियों और बेटियों की जासूसी कर सकें. इस ऐप के जरिए घर के पुरुष यह पता लगाते हैं कि उनके घर कि महिला कहां हैं. महिलाएं अगर एयरपोर्ट पर अपने पासपोर्ट का इस्तेमाल करती हैं, तो उसकी जानकारी तक उनके पति के मोबाइल में पहुंच जाती है.

एक तरह से यह महिलाओं को ट्रैक, उनकी यात्रा को प्रतिबंधित और उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ताज्जुब की बात यहां ये है कि इसे बनवाने वाली कोई और नहीं, सऊदी सरकार है.

Google/Apple के ऐप स्टोर पर उपलब्ध यह ऐप सऊदी अरब को अपने गार्जियनशिप लॉ को लागू करने में मदद करता है. गार्जियनशिप लॉ महिलाओं को पुरुष अभिभावक की अनुमति के बिना यात्रा करने की अनुमति नहीं देता है.

गूगल और ऐपल को क्यों घसीट रहे हैं लोग?

क्योंकि ऐपल के ऐप स्टोर और गूगल के प्लेस्टोर में यह ऐप मौजूद है. दुनियाभर की कई महत्वपूर्ण संस्थाएं जैसे ह्यूमन राइट्स वॉच, एमनेस्टी इंटरनेशनल, महिला अधिकारों की एक्टिविस्ट यासमीन मोहम्मद ने गूगल और ऐपल को पत्र लिखकर इस ऐप को हटाने की मांग की है.

यूएस की सीनेटर रॉन विडेन ने गूगल और ऐपल के सीईओ टिम कुक और सुंदर पिचाई को पत्र लिखकर कहा, ‘अमेरिकी कंपनियों को सऊदी सरकार की पितृसत्ता को सक्षम या सुविधाजनक नहीं बनाना चाहिए, उन्होंने महिलाओं पर नियंत्रण की सऊदी प्रणाली को अपमानजनक बताया और इसे जल्द से जल्द हटाने की मांग की.

वहीं ह्यूमन राइट्स वॉच के लिए मध्य पूर्व शोधकर्ता रोथना बेगना ने कहा कि इस तरह के ऐप महिलाओं के खिलाफ भेदभाव सहित मानवाधिकारों के हनन की सुविधा देते हैं.

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने तो यहां तक कह दिया कि यह ऐप महिलाओं की आजादी को खतरे में डाल रहा है, इसलिए गूगल और ऐपल इसे अपने प्लेटफॉर्म से तुरंत हटाएं.

इन शिकायतों का जवाब देते हुए कुक ने कहा कि वे गंभीरता के साथ इसका हल निकालेंगे. अंतरराष्ट्रीय कानून निर्माताओं, समूह, एक्टिविस्ट के दबाव में गूगल ऐप की जांच के लिए तैयार हो गया है. गूगल यह निर्धारित करने के लिए ऐप की समीक्षा करेगा कि यह उसकी नीतियों के अनुरूप है या नहीं. इस जांच में ऐपल भी शामिल है.

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