स्मार्टफोन चुनना कितना आसान हो जाता अगर आप और हम ये तय कर सकते कि उसमें हमें कितनी मेमोरी, कितना स्टोरेज और कौन सा प्रोसेसर चाहिए और उसका कैमरा कितने मेगापिक्सेल का चाहिए.

वैसे ये असम्भव भी नहीं है. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो आपके लिए इसे संभव बनाती हैं.

लेकिन स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों के एक साथ काम नहीं करने के कारण ऐसी कंपनियों के प्रोडक्ट के फायदे आम लोगों तक नहीं पहुंच रहे हैं.

इस साल की शुरुआत में एलजी ने जी5 लॉन्च किया था जिसमें मॉड्यूलर फीचर है. कोई भी कंपनी इसके लिए बैटरी या दूसरे फीचर वाले प्रोडक्ट बना सकती है, एलजी ने लॉन्च के समय घोषणा की थी.

2014 में लेनोवो ने भी ऐसा फोन लॉन्च किया था जिसमें माड्यूलर फीचर थे. लेनोवो वाइब एक्स2 में अलग अलग 'लेयर' थे. अलग अलग कवर लगाने पर स्मार्टफोन में नए फीचर काम करने लगते थे. उसके एक कवर लगाकर आप जेबीएल स्पीकर इस्तेमाल कर सकते थे.

जब म्यूजिक सुनने का मन हुआ तो नया कवर लगा लिया. लेकिन आपके हाथ में स्मार्टफोन हमेशा एक ही था.

फेयरफोन ने भी ऐसा ही मॉड्यूलर स्मार्टफोन बनाया है. इसमें होने वाली परेशानी को आप खुद ही ठीक कर सकते हैं.

इस वीडियो में आप फेयरफोन  स्मार्टफोन की झलक देख सकते है.

फेयरफोन  का पहला फोन तो बहुत चला नहीं लेकिन फेयरफोन 2 में काफी सुधार करने का दावा किया गया है. फिलहाल बाजार में कुछ लोग उसके लॉन्च का इंतजार कर रहे है.

वैसे दुनिया के पहले मॉड्यूलर फोन का नाम 'मोडू' था और उसे 2007 में लॉन्च किया गया था.

सभी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां चाहती हैं कि वो कुछ ऐसा मॉड्यूलर स्मार्टफोन बनाएं जो आपके लिए हर समय काम करे. चाहे आप ऑफिस में हों, घर पर हों या शाम को कहीं बाहर जाएं.

गूगल भी मॉड्यूलर स्मार्टफोन बनाना चाहता है. और प्रोजेक्ट आरा की वही कोशिश है.

शुरूआती डिजाइन में आरा में छह स्लॉट होंगे. इसमें आप कोई भी फीचर जोड़ सकते हैं और उसी तरह कोई भी निकाल भी सकते हैं.

अगर आपको बेहतर कैमरा चाहिए तो अभी के स्लॉट से कैमरा निकाल कर दूसरा लगा दीजिए.

गूगल इसमें तुरंत मिलने वाले ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट, हवा प्रदूषण पर नजर रखने के फीचर जैसी और भी खासियतों को जोड़ने के बारे में सोच रहा है.

लेकिन इन सभी फीचर के बाद भी इस फोन के प्रोसेसर, रैम या स्क्रीन को आप बदल नहीं सकते. कम से कम अभी तो ऐसा नहीं कर सकते.

पिछले महीने वायर्ड मैगजीन को इस स्मार्टफोन को परखने का मौका मिला और इस रिपोर्ट के अनुसार प्रोजेक्ट आरा का स्मार्टफोन लोगों तक पहुंचने के लिए तैयार है.

एक बात तो साफ है. स्मार्टफोन के फीचर अब सिर्फ फोन बेचने वाली कंपनियां नहीं तय करेंगी. उन्हें आप भी तय करेंगे और कंपनियां इसके लिए अपनी तैयारी कर रही हैं.

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