कमल ने सोहन को आते देखा तो रास्ता बदल लिया. तब दिलीप ने पूछा, ‘‘उसे देख कर तू ने रास्ता क्यों बदल लिया?’’

कमल ने जवाब दिया, ‘‘वह आते ही मैंमैं करने लग जाता है. उस की मैंमैं सुन कर मेरा सिरदर्द करने लगता है. वह दूसरों की बातें सुनता ही नहीं है. सदा मैंमैं करता रहता है.’’

यह सुनकर दिलीप हंसने लगा, ‘‘तू ऐसा क्यों बोल रहा है?’’

कमल ने कहा, ‘‘अरे यार, जब भी देखो तब वह कहता रहता, मैं ने यह किया, मैं ने वह किया. यानी वह मैंमैं का गुणगान ही करता रहता है. कभी हमारी बातें सुनने का प्रयास नहीं करता.’’

हंसते हुए दिलीप बोला, ‘‘यानी, तू मैंमैं की बकरी से दूर भागने का प्रयास कर रहा है.’’

‘‘हां यार, तूने ठीक समझा.’’

ऐसा कमल के साथ ही नहीं, सभी के साथ होता है. मानवमात्र की चाह है कि लोग उसी के बारे में बात करें. यही उस की मूलभूत कमजोरी होती है. कोई नहीं चाहता कि दूसरे के बारे में बातें की जाएं. यदि आप लोकप्रिय होना चाहते हैं तो पहला मूलमंत्र यह अपना लें कि सदा दूसरों के बारे में ही बात करेंगे.

मैं छोड़, आप कहना शुरू करें

पहला मूलमंत्र ही है कि सदा के लिए मैं कहना छोड़ दें. इस की जगह आप कहना शुरू कर दें. मैं ने यह किया है. इस की जगह यह कहें कि आप ने बहुत बढि़या काम किया है. पहली आदत यह अपना कर देखिए. लोग आप के दीवाने हो जाएंगे. जिस तरह लोहे को चुंबक अपनी ओर आकर्षित कर लेता है, आप द्वारा इस आदत को अपनाते ही लोग आप के प्रति आकर्षित होना शुरू हो जाएंगे. जबतब लोग आप के पास आने को तरसेंगे.

बस, आप को लोगों और उन के काम में सकारात्मक रुचि लेनी है. यह पता लगाना है कि उन में क्या अच्छी आदत है. वे कौन सा काम अच्छा करते हैं. कौन सी चीज उन में सब से अच्छी है. वे कपड़े किस तरह के पहनते हैं. इन में से कोई भी अच्छाई हो, उस पर गौर करें. फिर जब भी मौका मिले, कह दें, ‘भाई रमेश, मैं आप का मुरीद हो गया. आप यह बताइए कि आप अपनी अलमारी को इतने करीने से सजा कर किस तरह रखते हैं या फिर कहिए, ‘गीताजी, आप बहुत सुंदर लग रही हैं. आप ने मेकअप बहुत शानदार कर रखा है. उस पर फिरोजी रंग की साड़ी बहुत अच्छी लग रही है. इस संयोजन ने आप की सुंदरता में चारचांद लगा दिए हैं. आप यह बताइए कि इतने सुंदर बाल किस तरह बनाती हैं. इन बालों में चमक लाने के लिए आप क्याक्या करती हैं.’ ऐसा कुछ कह कर देखिए. सामने वाला खुल कर आप से बातें करने लगेगा.

कामयाबी पर हम कहें

अब दूसरा मंत्र है हम कहने का. कोई भी काम हो, चाहे वह आप की वजह से हुआ हो. यदि आप किसी भी टीम का हिस्सा हों, और आप की मेहनत से वह टीम सफल हुई हो, तब भी सब के सामने पूरे जोश के साथ यह कहें कि यह जो कामयाबी मिली है यह हम सब की मेहनत का नतीजा है. यदि एक भी व्यक्ति अपनी पूरी ताकत लगा कर काम नहीं करता तो यह काम सफल नहीं होता. इस सफलता का श्रेय हम सब को जाता है.

फिर इस हम का असर देखिए. यह हम शब्द आप की टीम में नई जान डाल देगा. फिर पहले मंत्र को अपना कर हरेक व्यक्ति की किसी न किसी विशेषता का बखान करते हुए उस की कामयाबी की गाथा में उस गुण का बखान कीजिए. आप ने तेजी से काम किया. इन्होंने उतनी ही तेजी से आप को सहयोग किया.

यदि ये तेजी से माल नहीं पहुंचाते तो वह माल समय पर तैयार नहीं होता. इन का मैनेजमैंट बहुत बढि़या है. इन्होंने दिनरात एक कर के इस काम को अंजाम तक पहुंचाया है. यानी पूरी टीम को इस का श्रेय दीजिए. फिर देखिए, आप का यह मूलमंत्र किस तरह काम करता है.

नुकसान पर खुद को आगे करें

तीसरा मूलमंत्र यह है कि जब भी कोई नुकसान हो तो अपनेआप को आगे कर लीजिए. कहिए कि यह काम मेरी इस गलती के कारण ठीक ढंग से नहीं हो पाया. यदि मैं गलती नहीं करता या ठीक वक्त पर यह निर्णय ले लेता तो यह काम पूरा हो जाता. इस से 2 बातें होंगी. पहली, आप की टीम में हीनभावना नहीं आएगी. वह अपनी गलती मन ही मन मान कर दोहरे उत्साह से काम करने को तैयार हो जाएगी. दूसरी, टीम के सभी सदस्यों में आत्मविश्वास बना रहेगा.

हर व्यक्ति यह महसूस करेगा कि आप उन की गलती अपने सिर ले रहे हैं, जबकि वास्तविक गलती उन की है. ऐसे में वे आप पर गर्व करने लगेंगे. उन का विश्वास आप के प्रति दृढ़ हो जाएगा. वे महसूस करने लगेंगे कि यदि गलती हो जाती है तो आप उन्हें कभी प्रताडि़त नहीं करेंगे. तब वे दूने उत्साह से काम करने लगेंगे.

वे हर बात में आप से सलाह, मार्गदर्शन व प्रेरणा प्राप्त करेंगे. इस से उन की आप में रुचि बढ़ जाएगी. यह पहले मूलमंत्र का पूरक हिस्सा है. उस में आप ने दूसरों में रुचि लेना शुरू किया था. इस के उलट, आप ने दूसरों की गलती को अपना बता कर उन में विश्वास जागृत किया था. इस से उन में आप के प्रति आस्था व दृढ़ विश्वास बढ़ जाएगा. तब वे आप को छोड़ कर जाने के बारे में कभी नहीं सोचेंगे.

ये 3 मूलमंत्र हैं जिन्हें अपना कर आप अपने साथियों में लोकप्रिय हो कर अपना काम बढि़या ढंग से पूरा कर सकते हैं. अपने को लोकप्रिय होने के लिए आप को ये 3 मूलमंत्र याद रखने हैं. ये 3 मूलमंत्र ही हैं जो हर सफल व्यक्ति अपना कर अपने जीवन में लोकप्रिय होता है.

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