इंग्लैंड के कप्तान एलेस्टेयर कुक का मानना है कि मैच फिक्सिंग में लिप्त पाए जाने वाले खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबंध लगना चाहिए. कुक ने जहां एक तरफ मैच फिक्सिंग में दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की वहीं उन्होंने साथ ही कहा कि स्पॉट फिक्सिंग के मामले में सजा काट चुके पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर के खिलाफ उन्हें खेलने में कोई खतरा नहीं है क्योंकि इसके लिए आमिर को सजा मिल चुकी है.

सीमित ओवरों के क्रिकेट में वापसी के बाद आमिर लॉर्डस में इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला के पहले टेस्ट के साथ टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए तैयार हैं. कुक 2010 में इंग्लैंड की उस टीम में शामिल थे जब आमिर और पाकिस्तान के 2 अन्य खिलाड़ी लाडर्स टैस्ट में स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त पाए गए थे. 

छह साल पहले लॉर्डस टेस्ट के दौरान ही आमिर और पाकिस्तान टीम के उनके दो साथियों को जानबूझकर नो बॉल फेंकने का दोषी पाया गया था. तब एक समाचार पत्र ने स्टिंग आपरेशन कर के इन तीनों को स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने पर राजी होने की इच्छा जताते हुए दिखाया था.

कुक ने कहा, ‘यह विडंबना है कि उसका (मोहम्मद आमिर) पहला टेस्ट मैच दोबारा यहां लॉर्डस पर ही होगा.’ उन्होंने कहा, ‘उसने अपनी सजा काट ली है. उसने जो किया उसके लिए उसे सजा मिली और यह सही हुआ क्योंकि हमें खेल की अखंडता को बचाना है.‘

 इंग्लैंड के कप्तान कुक ने कहा कि यदि कोई खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में लिप्त पाया जाता है तो उस पर आजीवन प्रतिबंध लगाना चाहिए. इसके साथ मैच फिक्सिंग करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए क्योंकि हमें खेल की विश्वसनीयता बनाई रखनी है.

कप्तान ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है आमिर को क्रिकेट में वापसी नहीं करना चाहिए था, क्योंकि उस समय के नियम अलग थे. लेकिन मेरे नजरिए से देखा जाए तो इसके लिए कठोर मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इसे रोका जा सके. आमिर ने जो गलती की थी इसके सजा उन्हें मिल चुकी है.

कुक से पहले इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी कहा था कि आमिर के खिलाफ खेलने को लेकर उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच पहला टैस्ट मैच 14 जुलाई से खेला जाएगा.

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