दौर फार्मूलों और विचारों का है. ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ज्ञातरूप में पहली बार पैसों के संकट से जूझ रही कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए एक फार्मूला पेश किया है कि कांग्रेस के सांसद अपने वेतन में से प्रतिमाह 50 हजार रुपया पार्टी को दान करें और एकमुश्त एक लाख रुपए भी कोष मेें जमा कराएं. कांग्रेस के अभी लोकसभा में 44 और राज्यसभा में 65 सदस्य हैं, इस हिसाब से लगभग 5 करोड़ रुपए महीने उसे मिलेंगे और 10 करोड़ रुपए एकमुश्त इकट्ठा हो जाएंगे. इस बाबत अरसे से कांग्रेस का खजाना संभाल रहे मोतीलाल वोरा ने सांसदों को पत्र भी लिख दिया है जिस की प्रतिक्रिया या उपलब्धि सामने नहीं आई है और उम्मीद है कि आएगी भी नहीं. अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के दिमाग में पार्टी की दरिद्रता को दूर करने के लिए कोई आइडिया आया, यह अच्छी बात है पर ऐसे आइडिए 10 साल प्रधानमंत्री रहते उन के दिमाग में जाने क्यों नहीं आए, आते तो पार्टी की इतनी दुर्गति शायद न होती.

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