आपने अपने पार्टनर से चीटिंग की है. अब वजह चाहे वन नाइट स्टैंड वाली हो या ज्यादा ड्रिंक करने के बाद लिया गया डिसीजन. या फिर किसी कलीग से अफेयर के चक्कर में पार्टनर को धोखा दिया है. इन सब बातों से अब कोई फर्क नहीं पड़ता. खैर, धोखा तो दे दिया है. अब सवाल यह उठता है कि आप अपने रिश्ते को बरकरार रखने में दिलचस्पी भी रखते हैं या नहीं? अगर हां, तो क्या करें?
सच का सामना
ज्यादातर यही सलाह देंगे कि आप अपने गिल्ट का निवारण अपने साथी को सच बता कर करें कि आपने उसे धोखा दे दिया है. लेकिन ज्यादातर मैरिज काउंसलर और सेक्स थेरेपिस्ट कहते हैं कि स्कूलों में “होनेस्टी इज द बेस्ट पौलिसी” वाली नीति रिलेशनशिप के मामले में खास कारगर नहीं होती. न्यूयौर्क की सेक्स थेरेपिस्ट एंड मैरिज काउंसलर मेगन फ्लेमिंग के मुताबिक़, ‘यह सुनने में भले ही कन्ट्रोवर्सियल लगे लेकिन मेरा यही सुझाव है कि आप अपने पार्टनर को बेवफाई के बारे में न ही बताएं तो अच्छा है.’
भारी पड़ता है कन्फेशन
वह आगे कहती हैं, “आप भले ही सच बोलकर अपने अपराध बोध से छुटकारा पा लें और यह सोचें कि सच बोला है तो आपका पार्टनर आपको डंप नहीं करेगा. लेकिन मेरा अनुभव कहता है कि आपका सच सुनकर साथी भावनात्मक तौर पर टूट जाता है. आप जो भी कर लें लेकिन उस पर नकारात्मक भावनाओं का अम्बार लग जाता है. चिडचिडापन, शक, भ्रम, क्रोध और रिजेक्शन जैसे भाव उसे घेर लेते हैं. और यह सब मिलकर आपके और उनके बीच के रिश्ते की नींव हिलाकर रख देगा. इस कन्फेशन के बाद आपका पार्टनर आप पर कभी भी भरोसा नहीं कर पायेगा, यह निश्चित है.
रिलेशनशिप क्राइसिस?
यदि आप वास्तव में रिश्ते को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले यह सोचे कि आपने उन्हें चीट किया ही क्यों. यानी ऐसी नौबत क्यों आई कि आपको अपने पार्टनर से बेवफाई करनी पड़ी. जाहिर है, इस सवाल का जवाब खोजने में आपको अपने रिश्ते की कई उलझनों का सामना करना पड़ेगा लेकिन समस्या की जड़ तक जाने के लिए यह जरूरी है. इस मामले में डॉक्टर फ्लेमिंग कहती हैं, आमतौर पर जब इस तरह के मामले लेकर क्लाइंट मेरे पास आते हैं तो उनकी बेवफाई के पीछे अमूमन यही कारन होता है कि उनकी जरूरतें अपने पार्टनर से पूरी नहीं हो पा रही थीं. फिर चाहे वे सेक्सुअल नीड्स हों या इमोशनल. जबकि वे इस इस मामले में अपने करीबी रिश्तेदारों से बात कर इस समस्या को सुलझा सकते थे लेकिन इसके बजाए उन्होंने चीटिंग काटने का ऑप्शन चुना.
यह दरअसल रिलेशनशिप क्राइसिस का पड़ाव होता है. जहां कपल का रिश्ता संकट में होता है और वे इस संकट को सुलझाने के बजाए किसी और पार्टनर की बाहों में जाना बेहतर समझते हैं. जबकि वे अपने रिश्ते की मरम्मत करने का अवसर गंवा रहे होते हैं.
अब क्या करें
अगर आपका वन नाइट स्टैंड ओवर हो चुका है और ऑफिस कलीग से भी दिल भर गया है तो जाहिर है आप अपने पार्टनर के पास वापस जाना चाहेंगे. ऐसे में पहले तो सच को दबाकर यह संकल्प लें कि दोबारा ऐसी नौबत नहीं आयेगी. उसके बाद खुद को किसी रिलेशनशिप काउंसलर के पास ले जाएँ ताकि आपकी जरूरतों और कमियों को समझा जा सके. फिर जरूरत पड़े तो पार्टनर को भी सेक्स थेरेपिस्ट या मैरिज काउंसलर के पास ले जाएँ. एक चिकित्सक आपको यह समझने में मदद कर सकता है कि अपने रिश्तों में क्या नहीं सोचा गया था और स्वस्थ तरीके से अपने साथी के साथ फिर नयी शुरुआत कैसे करें. लेकिन हाँ, इस सारे प्रोसेस में अपने अफेयर की बात को न घुसायें तो बेहतर होगा.
बोल दिया जाए या छोड़ दिया जाए
हालांकि कुछ लोग इसके ठीक विपरीत सोचते हैं. वे मानते हैं कि पार्टनर से धोखे की बात छिपानी नहीं चाहिए. क्योंकि एक बार एक बार धोखा देने वाला व्यक्ति यह काम बार-बार करता है. इसलिए उसके कन्फेशन से कम से कम सामने वाला पार्टनर एलर्ट तो रहेगा. कुछ मानते हैं कि एक साथी को कभी न कभी यह पता चल ही जाता है कि उसे धोखा दिया गया है. इस से बेहतर है कि आप ही सब सच-सच बता दें. फिर भले ही वह डिप्रेशन में जाए या उस रिश्ते को ख़त्म कर ले.
लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि रिश्तों के नाजुक मसलों में हर सच कई बार इतनी दरारें पैदा कर देता है कि वह चरमरा कर टूट जाता है. इसलिए सच नहीं बोलना है तो यह जरूर निश्चय कर लें कि अब उस गलती को दोबारा नहीं दोहराएंगे, तब जाकर आपका झूठ किसी हद तक जायज माना जा सकता है.