दीवारें भी अब बोलती हैं. हर दीवार का अपना महत्त्व होता है. इन का रंगरोगन इन के महत्त्व को देखते हुए किया जाता है. दीवारें तब बोलती हैं जब इन को पेंट्स के जरिए पेंटिंंग सा सजाया जाता है. एक जमाना था जब दीवारों को सफेद चूने से रंगा जाता था. समय के साथ बदलाव हुए तो चूने में रंग मिलाया जाने लगा. बाद में चूने की जगह डिस्टैंपर और सीमेंट मिक्स कलर आने लगे. अब तरहतरह के रंग आने लगे हैं. इन में औयल बेस्ड कलर प्रमुख हैं. दीवारों पर टैक्स्चर पेंट का दौर है. रंगों द्वारा दीवारों को एंटीक, इनफिनिटैक्स, स्टुडो, ड्यून, टैक्सटाइल, मैटेलिक, स्पैशल इफैक्ट और सफारी इफैक्ट्स भी दिए जा सकते हैं. ऐसे में लोग एक ही कमरे में अलगअलग इफैक्ट्स देने के लिए दीवारों पर अलगअलग रंग भी करने लगे हैं.
लखनऊ की एकता सिंह को अपने
ई-बाजार के लिए शोरूम तैयार करना था. शोरूम के 4 हिस्से थे. एक हिस्से में औफिस था. दूसरा हिस्सा मीटिंग के लिए था. तीसरे हिस्से में शोरूम की वह जगह थी जिस में लोग अपनी पसंद की ड्रैस का चुनाव करते थे. सब से अहम हिस्सा वह था जहां पर उन की वर्कशौप थी. वहीं लोगों की पंसद के कपडे़ तैयार होते थे. एकता का मन था कि हर हिस्सा अपनी पहचान के अनुसार ही दिखे. ऐसे में एक इंटीरियर डिजाइनर की सलाह पर उन्होंने अपने कमरों को अलग रंग, डिजाइन के पेंट्स से रंगरोगन कराया. ऐसा करने से उन के घर के हर कमरे में अलग फीलिंग आने लगी. एकता कहती हैं, ‘‘कलर्स आप के मूड को बदलने की क्षमता रखते हैं. कई बार कस्टमर बहुत तनाव में रहता है. ऐसे में जरूरी है कि शोरूम में आते ही उस को अच्छा सा फील हो. इस के बाद वह कस्टमर आप से खुश हो कर ही जाएगा.’’
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हर रंग कुछ कहता है
प्रतिष्ठा इनोवेशंस की आर्किटैक्ट प्रज्ञा सिंह कहती हैं, ‘‘जिस तरह अलगअलग तरह की खशबू और रोशनी लोगों को पसंद आती है उसी तरह दीवारों पर अलगअलग किस्म के रंग भी लोगों को पसंद आते हैं. अब दीवारों पर रंगरोगन भी इंटीरियर डिजाइन का हिस्सा हो गया हैं. कई बार बदलते मौसम के हिसाब से भी लोग रंग पसंद करते हैं. कमरे के माहौल को बदलने के लिए जरूरी नहीं है कि चारों दीवारों का रंग बदला जाए. अब एक ही दीवार के रंग को बदलने से कमरे का पूरा लुक बदल जाता है. जैसे चारों दीवारों में से एक दीवार पर एंटीक सा कुछ देखना है तो एंटीक लुक दिखाने वाले रंग का प्रयोग किया जा सकता है. इस में बाकी 3 दीवारों का रंग बदलने की जरूरत नहीं होती है. ऐसे में सस्ते में ही कमरे का लुक बदला जा सकता है.’’
एक दीवार का रंग अलग रखने से केवल कमरे का लुक ही नहीं बदलता बल्कि कमरा बड़ा और खुलाखुला दिखने लगता है. रंगों के अलगअलग टैक्स्चर के अलावा 2 कौंबिनेशन में भी रंग होने लगे हैं. इन में औरेंज ग्रीन, पिंक ब्लू और वायलेट गोल्डन प्रमुख हैं. इस से कमरे खुलेखुले से लगते हैं. ऐसे में रंगों से ही दीवारों की सजावट पूरी हो जाती है. अलग से दीवार की सजावट की जरूरत नहीं पड़ती. अब पूरी की पूरी दीवार किसी पेंटिंग की तरह दिखती है. हर सीजन के आने पर केवल एक दीवार का रंग बदल कर पूरे कमरे के रंग को बदला जा सकता है.
रंगों में दिखे बाहरी दुनिया
एंटीक, इनफिनिटैक्स, स्टुडो, ड्यून, टैक्सटाइल, मैटेलिक, स्पैशल इफैक्ट और सफारी इफैक्ट रंगों से दीवार को अलग तरह से सजाया जा सकता है. अगर कमरे को एंटीक लुक देना है तो रौयल प्ले एंटिकों का प्रयोग किया जा सकता है. इस से दीवार को पूरी तरह से एंटीक यानी पुरानी इमारत का लुक दिया जा सकता है. ऐसे में कमरे के अंदर बैठ कर किसी पुरानी ऐतिहासिक इमारत में बैठने का एहसास होने लगता है. ऐसे ही अगर रेगिस्तान के रंगों को देखना है तो सफारी शेड्स के रंगों का प्रयोग किया जा सकता है. कुछ रंग स्पैशल इफैक्ट्स वाले भी होते हैं. इन के इस्तेमाल से दीवार पर अलग ही रंग दिखता है. पत्थर सी दीवार देखनी है तो दूसरे रंगों का प्रयोग कर सकते हैं. कुछ लोगों को जीवंत रंग पंसद आते हैं, ऐसे में वे जीवंत रंगों के लिए इनफिनिटैक्स का प्रयोग कर सकते हैं.
रंगों द्वारा केवल एक कमरे की ही दीवार को उस की पहचान नहीं दिलाई जा सकती. कमरे को अलग पहचान भी दी जा सकती है, जैसे किचन, बाथरूम, बच्चों का कमरा, बैडरूम, ड्राइंगरूम और लौबी. हर कमरे को उस की पहचान का रंग दिया जा सकता है.
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बच्चों के कमरों को ले कर अब तरहतरह के प्रयोग होने लगे हैं. कुछ लोग आज भी यह मानते हैं कि दीवारों पर बच्चों द्वारा लिखना दीवार को खराब नहीं करता बल्कि वह बच्चे में सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाता है. ऐसे में लोग बच्चों के रहने वाले कमरे की दीवार को ऐसा जरूर तैयार कराते हैं जिस से बच्चा कुछ न कुछ लिखने लगे. यह देख कर खुश होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया होती है. बच्चे द्वारा लिखी गई यह दीवार भी किसी खूबसूरत पेंटिंग से कम नहीं होेती. ऐसे में कुछ रंगों के डिजाइन ऐसे आते हैं जिन के प्रयोग करने से दीवार पर बच्चों के लिखने का एहसास होता है.