आजकल बढ़ता मेहंदी का प्रचलन या यों भी कह सकते हैं कि मेहंदी बना व्यापार. हर त्योहार जैसे शादी, तीज, राखी, दीपावली, भैयादूज, करवाचौथ आदि पर महिलाएं मेहंदी को ऐसे लगाती हैं जैसे कि बिना मेहंदी के कोई शुभ कार्य होगा ही नहीं. और इस का फायदा उठाते हैं मेहंदी लगाने वाले. भारत में मेहंदी का उपयोग बहुत पुराने समय से होता रहा है.

कैसी कैसी मेहंदी

अरेबिक मेहंदी डिजाइन- अरेबिक मेहंदी में ज्यादातर सजावटी आउटलाइन का उपयोग किया जाता है, यह डिजाइन भारतीय शैली के भरे पैटर्न से कहीं ज्यादा सरल है जहां भारतीय मेहंदी में डिजाइन काफी नाजुक होता है, वहीं अरेबिक शैली में डिजाइन के आउटलाइन्स मोटे होते हैं.

पाकिस्तानी मेहंदी डिजाइन – इस शैली में भारतीय और अरेबिक शैली का सुंदर सा संगम दिखाई देता है. पाकिस्तानी मेहंदी में आउटलाइन करते समय ब्लेक मेहंदी का उपयोग किया जाता है और शेष डिजाइन हलके डिजाइन और पैटर्न भरा जाता है.

इंडो अरेबिक मेहंदी डिजाइन- पाकिस्तानी शैली की तरह इस में भी डिजाइन की आउटलाइन अरेबिक शैली की तरह मोटी बनती और भारतीय डिजाइन के पैटर्न और आधार भरे जाते हैं.

मोस्क्कन मेहंदी डिजाइन- मोरक्कन मेहंदी डिजाइन काफी ज्यामितीय होता है. आमतौर पर इस प्रकार के डिजाइन में आप त्रिकोण, चौकोर, गोलाकर इन का उपयोग ज्यादा देखोगे, दोनों हाथों में एक समान डिजाइन बनाना यह मोरक्कन मेहंदी डिजाइन की खासियत है.

मुघलाई मेहंदी डिजाइन- यह मेहंदी का सब से पुराना और पारंपरिक रूप है. इस प्रकार के डिजाइन में हथेली का एक छोटा सा भाग रिक्त रखा जाता है और बाकी हथेली पर काफी छोटा और नाजुक डिजाइन बनता. इस के अलावा आजकल मेहंदी के नवीनतम डिजाइन्स में ग्लिटर मेहंदी और मल्टी कलर मेहंदी जैसे विभिन्न प्रकार भी दिखाई देते हैं.

क्या करें, कैसे बचें ठगी से

ये लोग मेहंदी लगाने का मनमाना पैसा वसूलते हैं, जो कि आसमान छू रहे हैं. इन का रेट 5 सौ से प्रारंभ होता है और 21 हजार तक वसूले जाते हैं. इस तरह की ठगी से बचने के लिए अगर महिलाएं घर पर ही मेहंदी का कोन बना लें और आपस में एकदूसरे को मेहंदी लगाएं. इस के अलावा आजकल तो बाजार में लकड़ी के बनेबनाए ठप्पे मिलते हैं.

उस में हर तरह के डिजाइन के मेहंदी के ठप्पे ला कर रख लें और जब भी कोई उत्सव हो और आप मेहंदी लगाना चाहें तो खुद को ठप्पों के द्वारा मेहंदी लगा सकते हैं. ठप्पे से मेहंदी लगाने के लिए कटोरे में मेहंदी घोल ले व उस में लड़कड़ी के डिजाइन वाले ठप्पे डिप करें और हाथ में छाप लें. एकदूसरे को इस तरह के डिजाइन लगा सकते हैं.

इस के अलावा मेहंदी का कलर गाढ़ा करने के लिए उस में तरहतरह के कैमिकल मिलाए जाते हैं. जो कि त्वचा के लिए हानिकारक होता है, इसलिए अगर आज महिलाएं व लड़कियां इन मेहंदी वालों को सबक सिखाने के लिए इन से मेहंदी ना लगवा कर खुद ही लगा लें तो इन को सबक मिल जाएगा और नाजायज फायदा नहीं उठा पाएंगे.

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