इंडियन मौडल आरशी खान ने अपने कपड़े उतारे, वीडियो बनवाया और सप्रेम पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी व भारतीय क्रिकेट टीम को अर्पित भी कर दिया पर चाहे वीडियो को खूब देखा गया, जीत न गोरों को मिली, न भूरों को, जीत मिली वैस्टइंडीज के अश्वेत खिलाडि़यों को, जिन्होंने इंगलैंड को आखिरी ओवर तक उम्मीद में रख कर आखिर की 4 बौलों से टी-20 विश्व कप जीत लिया. टी-20 वैसे खेल कम सर्कस ज्यादा है पर भारतपाकिस्तान और बंगलादेश में तो यह हिंदू व इसलाम धर्म के बाद का धर्म है. क्रिकेट के खिलाफ बोलने वाले क्रिकेटद्रोही ही नहीं देशद्रोही भी हैं और तीनों देश कोई भी सीरीज जीतने पर खिलाडि़यों को मालामाल भी करते हैं, उन्हें ऊंचे सम्मानों से भी  नवाजते हैं. एक सम्मान आरशी खान ने भी दिया पर दोनों टीमें हार गईं.

टी-20 से क्रिकेट रोमांचक हो गया है और 5 दिन चलने वाले उबाऊ टिपटिप की जगह यहां रनों की झड़ी ही अच्छी लगती है. भारत ने इस बार वैसे देश प्रेम की तरह की क्रिकेट में कप जीतना ही है का प्रचार कम किया था पर फिर भी मैदान दर्शकों से भरे थे और आंखें टीवी सैटों से चिपकी थीं. अब क्रिकेट दमखम का खेल होने लगा है और मंझोले से कद वाले भारतीयों की आस्टे्रलिया पर जीत काफी सुखद लगी थी पर फिर सेमीफाइनल में वैस्टइंडीज ने उस सुख की नली को बंद कर के ठंडी हवा बंद कर दी. अब यह खेल औरतों में भी पौपुलर होने लगा है और जिस शाम वैस्टइंडीज की पुरुष टीम जीती उसी दिन वैस्टइंडीज की महिला टीम भी जीती.

क्रिकेट का शौक औरतों के लिए बुरा नहीं है. इस में भागदौड़ कम है. फुटबौल हौकी की तरह पूरे मैदान का चक्कर नहीं है. इस में खिलाडि़यों की टक्कर भी नहीं होती. बौल से हाथपैर में मामूली ही चोट लगती है और इसीलिए इसे यहां गलीगली में अपनाया जाना चाहिए. अब तो लड़कियां हर जगह टीशर्ट और पैंट पहनने लगी हैं, इसलिए पोशाक का भी चक्कर नहीं. यह टी-20 खत्म हो गया हो तो क्या तंबोला की जगह इसे खेलने का प्लान बनाइए. मजा आएगा. बाहर की हवा मिलेगी. पार्क, गली, सड़क, मैदान जहां संभव हो वहां पैंट टौप पहनिए और बल्ला पकडि़ए. राजकमारी केट विंसलैट ने भारत में आ कर स्कर्ट में ही बल्ला घुमा डाला था.

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