कई कॉर्पोरेट दफ्तरों में फेसबुक के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है, मगर कंपनी ने इसका एक समाधान निकाला है. जोमैटो, पेटीएम, बुकमाइशो, डेलिवरी, यस बैंक, गोदरेज और एलऐंडटी समेत कई कंपनियां अपने दफ्तर में फेसबुक यूज कर रही हैं. दरअसल ये कंपनियां फेसबुक का एक खास वर्जन इस्तेमाल कर रही हैं, जिसका नाम है- Facebook At Work.

'Facebook At Work' फेसबुक का ही एक संस्करण है. यह वर्जन खासतौर पर ऑफिस में इस्तेमाल के लिए बना है. सामान्य फेसबुक में जहां आपकी न्यूजफीड दोस्तों की तस्वीरों और अन्य पोस्ट्स वगैरह से भरी रहती है, वहीं इसमें स्प्रेडशीट्स, प्रॉजेक्ट्स और अन्य असाइनमेंट्स वगैरह नजर आते हैं.

फेसबुक ऐट वर्क के डायरेक्टर जूलियन कोडोरनिओ ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, 'एक ऐसे प्लैटफॉर्म की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिसे बिना ईमेल या ऑफिशल मोबाइल नंबर के ऐक्सेस किया जा सके.'

'ऐट वर्क' वैरियंट में फेसबुक ने नॉर्मल वेबसाइट के कई फीचर शामिल किए हैं, मगर इसका अपना अलग नेटवर्क और मेसेजिंग एप है. इसमें न कैंडी क्रश है, न इस तरह का कोई अन्य एप. यह फेसबुक के गहरे नीले रंग के बजाय स्लेट ग्रे रंग में है. इसके लिए लॉगइन भी अलग से करना होगा.

फेसबुक ऐट वर्क अभी शुरुआती दौर में है. यह प्लैटफॉर्म 'एंटरप्राइज नेटवर्क्स' की कैटिगरी में आती है. इस तरह के नेटवर्क ऑफिस के अंदर ही मेसेज शेयर करने या प्रॉजेक्ट्स पर चर्चा करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. फेसबुक ऐट वर्क का मुकाबला इसी तरह के अन्य नेटवर्क्स Slack और माइक्रोसॉफ्ट के Yammer से है.

फेसबुक ने साल 2015 में 'वर्क' वैरियंट के लिए बीटा प्लैटफॉर्म लॉन्च किया था. इस पायलट प्रॉजेक्ट को सबसे पहले रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के साथ शुरू किया गया था. भारत में एलऐंडटी पहली कंपनी थी, जिसने अप्रैल में इसे आजमाना शुरू किया.

खास बात यह है कि इस वर्जन में कोई ऐड नहीं है. कंपनी सब्स्क्रिप्शन मॉडल पर रेवेन्यू कमाती है, मगर उसने इस वर्जन की फीस और सब्स्क्रिप्शन प्लान के बारे में बताने से इनकार कर दिया. कंपनी का दावा है कि 6,000 से ज्यादा कंपनियों ने ट्रायल के लिए साइन अप किया है.

 

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