लखनऊ की कुल्फी पूरे देश में मशहूर है. गरमियों में यहां घूमने आने वाले कुल्फी और चाट का आनंद जरूर लेते है.लखनऊ में कुल्फी को लेकर नित नये नये प्रयोग भी होते रहते है. दूध और केसर से बनने वाली कुल्फी के साथ ही साथ कई अलगअलग तरह के स्वाद वाली कुल्फी भी अब यहां तैयार होने लगी है.गरमियों में आने वाले फलों के स्वाद वाली कुल्फी खाने वालों को खूब पसंद आ रही है.इसको फ्रेशफ्रूट कुल्फी के नाम से जाना जाता है. छप्पनभोग मिठाई शौप के मालिक रवीन्द्र गुप्ता कहते है ’ दूध से तैयार रबडी में फलो के पल्प को मिलाकर उस फल के स्वाद वाली कुल्फी तैयार की जाती है.जो खाने में फल और कुल्फी जैसा स्वाद देती है.इनमें जिन फलांे का उपयोग होता है उनमें वाटर मिलन, चीकू मैंगो, लीची, केला, कोकोनट और औरेंज खास होता है.’
कुल्फी दूध, मेवा और केसर से तैयार होती है.अब इसके स्वाद को बढाने के लिये तरहतरह के फलों का प्रयोग होने लगा है. लखनऊ की कुल्फी की खासबात यह होती है कि इसके साथ फालूदा भी दिया जाता है.जो सेवइयों की तरह नूडल्स जैसा होता है.अब यह प्लास्टिक के छोटे छोटे बाक्स में रखकर बर्फ मंे जमाई जाती है.रात के खाने के बाद कुल्फी का प्रयोग डेजर्ट की तरह होता है. फ्रेशफ्रूट कुल्फी स्वाद के साथ सेहत से भी भरपूर होती है.इसको तैयार करने में 60 फीसदी हिस्सा दूध और मेवा से तैयार होता है तो 40 फीसदी हिस्सा फ्रेशफ्रूट से तैयार होता है.इससे खाने में कुल्फी की ठंडक और फ्रेशफ्रूट की ताजगी दोनो का अहसास होता है.यह शरीर को गरमी से लडने की ताकत भी देती है.
लखनऊ में कुल्फी खाने का बहुत रिवाज है.यहां गरमियों की शाम का आनंद कुल्फी के साथ ही लिया जाता है.शहर में छोटी बडी तमाम तरह की कुल्फी बनाने वाली दुकाने है.जहां पर सस्ती से महंगी कुल्फी खाने का मिल जाती है.40 रूपये से लेकर 80 रूपये प्लेट तक की कुल्फी यहां मिलती है.कुल्फी को पैककर घर तक ले जाने के लिये भी सुविधा है.जिससे कुल्फी घर पहंुचने तक खराब नहीं होती. लखनऊ की मटका कुल्फी भी बहुत पसंद की जाती है.गलियों में आवाज लगाकर कुल्फी बेचने वाले भी इसका कारोबार करते है.यह लोग शाम 8 बजे के बाद से रात 12 बजे तक साइकिल पर मटका रखकर कुल्फी बेचते है. लखनऊ आये तो लखनवी चाट और कुल्फी का आनंद जरूर ले.मटका कुल्फी से लेकर फाइव स्टार होटल तक में यह मिलती है.