गाजियाबाद के मुरादनगर में बने कृषि विज्ञान केंद्र में हाल ही में प्रीरबीजायद किसान मेले व नुमाइश को शानदार तरीके से पेश किया गया. ‘सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ’ के निदेशक प्रसार डा. रघुवीर सिंह ने फीता काट कर मेले की शुरुआत कराई. उन्होंने मेले व गोष्ठी में कार्यक्रम की अध्यक्षता भी की. मेले के दौरान डा. रघुवीर सिंह ने किसानों से कहा कि इस मेले का मकसद किसानों को रबी व जायद की फसलों में कृषि विश्वविद्यालय खोजी गई नईनई तकनीकों के इस्तेमाल के बारे में बताना है. उन्होंने कहा कि तैयार किए गए उन्नत बीजों के इस्तेमाल से किसानों को भरपूर फायदा होगा.

कृषि विश्वविद्यालय से आए डा. कृष्ण गोपाल यादव ने कहा कि सिंचाई की नाली की सुविधा के साथ किसान खेतों में से पानी निकालने का भी माकूल इंतजाम रखें ताकि जलभराव की वजह से होने वाले नुकसान से बचा जा सके.

कृषि विज्ञान केंद्र के इंचार्ज डा. हंसराज सिंह ने अपने केंद्र द्वारा किए गए तमाम कामों का तफसील से खुलासा किया. डा. पीएस तिवारी ने नए कृषि यंत्रों की देखभाल व उन के इस्तेमाल के बारे में किसानों को पूरी जानकारी दी. गृहविज्ञान से जुड़ी अनिता यादव ने मेले में आई तमाम महिला किसानों को अचार, मुरब्बा और हाथ से बनाई जाने वाली चीजों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने छोटे बच्चों व उन की मांओं की सही खुराक के बारे में भी बताया.

डा. अनंत कुमार ने उद्यान विज्ञान के तहत सब्जियों की बेमौसमी नर्सरी तैयार करने की विधि किसानों को बताई. उन्होंने मौजूदा मौसम में लगाई जाने वाली कद्दूवर्गीय फसलों लौकी, तुरई, करेला व टिंडा वगैरह की खेती के बारे में तफसील से जानकारी दी.

मेले में पशुपालन का शिविर खासतौर पर अलग और बड़े इलाके में लगाया गया था. पशुपालन वैज्ञानिक डा. पीके मड़के की देखरेख में लगे इस शिविर में किसानों का तांता लगा रहा. पशुपालन को बढ़ावा देने के इरादे से किसानों के उम्दा मवेशियों को मेले में पेश किया गया. इन्हीं पशुओं में से अच्छी नस्ल के स्वस्थ पशुओं को इनाम भी दिए गए. कुछ पशुओं ने भड़क कर मेले में नाटकीय माहौल भी पैदा कर दिया था.

डा. अरविंद यादव ने ज्यादा कीटनाशकों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसानों के बारे में किसानों को विस्तार से समझाया और इस मामले में सतर्क रहने की नसीहत दी. उन्होंने फसलों के रोगों व कीटों से जैविक विधि से निबटने के बारे में जानकारी भी दी.

गोष्ठी और मेले का संचालन करने वाले डा. विपिन कुमार ने किसानों को दलहनी खेती करने की सलाह दी ताकि ज्यादा आमदनी होने के साथसाथ मिट्टी की सेहत भी सुधरती रहे. उन्होंने गोष्ठी में दिए गए भाषणों के आधार पर ‘किसान ज्ञान सवालजवाब’ कार्यक्रम भी कराया, सही जवाब देने पर पुर्सी की शिवानी कादराबाद के मनोज, कल्लूगढ़ी के अख्तर, चितौड़ा के मनोज, धेंधा के अश्विनी व खुर्रपुर के राजन को इनाम दिए गए.

नाबार्ड के डीजीएम ने किसानों को नाबार्ड बैंक की योजनाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने किसानों को एकजुट हो कर कृषक उत्पादन कंपनी बनाने की सलाह दी ताकि खेती से ज्यादा फायदा हो सके.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक ई. भीम सिंह ने छोटेछोटे उन्नतशील कृषि यंत्रों पर खास जोर देते हुए कहा कि आज इनसानी ताकत काफी महंगी है, नतीजतन खेती का खर्च बढ़ रहा है, मजदूरी का बढ़ता खर्च कम करने का इकलौता तरीका है कि उन्नतशील कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया जाए.

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान करनाल के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डा. राजवीर सिंह ने नील क्रांति, श्वेत क्रांति व भूरी क्रांति के साथसाथ जैविक क्रांति के बारे में भी किसानों को तफसील से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब हर किसान को जैविक विधि अपनानी चाहिए, तभी फसलों की बीमारियों से नजात मिल सकती है.

 मेले में फारमर, हरित, बोनसाई, धानुका पेस्टीसाइड, फाउंडेशन, गन्ना विकास परिषद, पेस्ट कंटोल आफ इंडिया, इफको, कृषि संचार, इंडियन क्राप साइंस, अदामा इंडिया, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, त्रिवेणी पेस्टीसाइड, आदर्श ग्रामोद्योग सेवा संस्थान, रूडसेड संस्थान व अंशिता महिला स्वयं सहायता हस्तशिल्प समूह के स्टालों से एक खास रौनक आ गई थी.

पशु शिविर में लगे औषधि स्टालों पर भी खूब भीड़ मौजूद रही. वहां एमएसडी, गौरी फार्मा, जीड्स, पशुपालन विभाग मुरादनगर और मैनकाइंड फार्मा के स्टालों पर खास हुजूम जमा रहा.

मेले में खासतौर पर लगाए गए ‘फार्म एन फूड’ पत्रिका के स्टाल पर जागरूक व समझदार किस्म के किसानों का तांता लगा रहा. दिल्ली प्रेस की इस कृषि पत्रिका के प्रति किसानों ने खास दिलचस्पी दिखाई. कई किसानों ने बताया कि वे पहले से ही इस पत्रिका को पढ़ कर फायदा उठा रहे हैं. कई किसानों ने इस पत्रिका से जुड़ने की मंशा जाहिर की.

पशुप्रदर्शनी में उम्दा गाय के लिए पहला इनाम पुर्सी के विपिन को, दसूरा इनाम मुरादनगर के जसबीर को व तीसरा इनाम मुरादनगर के ही दूसरे जसबीर को मिला. उम्दा भैंस के लिए पहला इनाम चित्तौड़ा के विजय को, दूसर इनाम पुर्सी के विपिन को व तीसरा इनाम पुर्सी के प्रशांत को मिला. इस आयोजन में डा. राहुल अग्रवाल, डा. प्रमोद मड़के व डा. अनंत कुमार खासतौर पर शामिल थे.

मेले में हुई गोष्ठी का संचालन डा. विपिन कुमार ने किया, तो डा. अरविंद कुमार ने मेले की अन्य गतिविधियों को संभाला. इन के अलावा डा. तुलसा रानी, डा. देवेंद्र पाल, जईम खान, योगेंद्र कुमार शर्मा, नीरज यादव, अवधेश त्यागी, शिव व रणजीत ने भी मेले में पूरा सहयोग दिया. कार्यक्रम समन्वयक डा. हंसराज सिंह की देखरेख में यह मेला बेहद कामयाब रहा.

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