नई दिल्ली के पूसा इलाके में 19, 20 और 21 मार्च को बड़े पैमाने पर ‘राष्ट्रीय कृषि उन्नति मेला’ बहुत जोरशोर से आयोजित किया गया. यह मेला लोगों के लिए खास इस लिहाज से भी बन गया, क्योंकि पहले ही दिन इस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शामिल होना था.

मोदी की वजह से मेला शुरू होने से पहले ही इस की जटिलताओं के बारे में पूरा प्रचार किया गया. प्रधानमंत्री की हिफाजत को मद्देनजर रखते हुए मेले में सावधानियों को ज्यादा ही तरजीह दी गई. काफी पहले से ही ऐलान कर दिया गया था कि मेले में ढेरों पाबंदियां होंगी, जिन का सख्ती से पालन करना होगा वरना सुरक्षा करने वाले आने वालों को गेट से काफी पहले से ही बैरंग लौटा देंगे.

मेले के पहले दिन वहां बैग या कोई भी सामान ले कर जाने की सख्त मनाही थी. बहुत से लोग तो खौफ की वजह से पहले दिन मेले में जाने की हिम्मत ही नहीं जुटा सके.

तमाम नाटकीय मोड़ों व हालात के बावजूद 19 मार्च को नरेंद्र मोदी ने बाकायदा राष्ट्रीय कृषि उन्नति मेले का उद्घाटन किया. डरेसहमे लोगों के न आने के बावजूद मोदी को देखनेसुनने के लिए लोगों का हुजूम मेले में जमा हो गया था. बड़ी तादाद में किसान मोदी के लालच में मेला देखने पहुंचे थे. महिला किसानों में भी मोदी को देखने की बेहद ललक थी.

मैं ने कई महिला किसानों को कहते सुना कि मैं तो मोदीजी को ही देखने आई हूं. तमाम किसानों को गलतफहमी थी कि उन्हें तीनों दिन नरेंद्र मोदी के दीदार होंगे. मेले के तीसरे दिन एक महिला किसान अपने बच्चों के साथ मेरे पास आई और मेरे हाथों में ‘फार्म एन फूड’ की प्रतियां देख कर पूछने लगी, ‘आप तो किताब वाले लगते हो. क्या आप को पता है कि मोदीजी आज आएंगे या नहीं?’

किसानों की मोदी के प्रति ललक देख कर यह अंदाजा तो हो गया कि वाकई नरेंद्र मोदी ने किसानों के बीच अपनी अच्छी पैठ बना ली है, तभी तो मर्दों के साथसाथ औरतें व बच्चे भी उन्हें देखना चाहते हैं.

मेले के पहले दिन उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के तरीके बताए. मोदी ने काफी रोचक तरीके से अपनी बातों को पेश कर के किसानों को अपना कायल बना लिया. उन्होंने खेती में बेहतर सिंचाई इंतजामों पर जोर देते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास से किसानों की आमदनी में काफी इजाफा हो सकता है.

मोदी ने अपने लच्छेदार लुभावने भाषण में कहा कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कहा कि देश में बदलाव की लहर किसानों के जरीए ग्रामीण इलाकों से चलेगी, लिहाजा खेती में आधुनिक तकनीक और नवीनतम मशीनों का इस्तेमाल किया जाना बेहद जरूरी है.

मोदी ने आगे कहा कि आम बजट में सिंचाई व्यवस्था के लिए 20 हजार करोड़ रुपए मुकर्रर किए गए हैं. इस रकम का इस्तेमाल किसानों के लिए नहरें, तालाब व दूसरे साधन तैयार करने के लिए भी किया जा सकता है. बस सरकार का मकसद है  कि सिंचाई के मामले में किसानों को कोई दिक्कत न हो.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों की आमदनी सहजता से दोगुनी की जा सकती है. इस मकसद को एकसाथ मिल कर काम करने से मुमकिन बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पहली हरित क्रांति उन इलाकों में हुई, जहां पानी भरपूर मात्रा में मौजूद था. इसी वजह से पहली हरित क्रांति देश के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में हुई. मगर दूसरी हरित क्रांति में तकनीक व आधुनिकता को शामिल किया जाएगा और यह देश के पूर्वी भाग में होगी.

मोदी ने किसान सुविधा मोबाइल एप का भी लोकार्पण किया. इस से कारोबार, मंडी के दामों व मौसम की जानकारी मिल सकेगी. मोदी ने कहा कि उम्दा पैदावार के लिए किसानों  व सूबों को सम्मानित किया जाएगा.

मोदी ने किसानों से अपनी आय बढ़ाने के लिए फसलों में बदलाव करने के लिए कहा. उन्होंने किसानों से पोल्ट्री, डेरी व खाद्य प्रसंस्करण जैसे काम अपनाने को भी कहा. उन्होंने बताया कि उन की सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के इरादे से मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने व नई फसलबीमा योजना शुरू करने जैसे कारगर कदम उठाए हैं.

मोदी ने कहा कि पानी की बचत करना बेहद जरूरी है. इस के लिए बेहतर सिंचाई बंदोबस्त अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि पानी की एक भी बूंद बरबाद नहीं होनी चाहिए. हमें ‘पर ड्राप मोर क्राप पर’ जोर देना होगा. मौजूदा गरमियों में मनरेगा के तहत तय रकम से तालाब बनवाए जाएंगे.

बड़े पैमाने पर आयोजित इस शानदार मेले में तीनों दिन आनेजाने वालों का तांता लगा रहा. कोई भी किसान या खेतीजगत से जुड़ा व्यक्ति इस मेले में जाने से चूकना नहीं चाहता था.

मेले में खेती से जुड़ी नई से नई छोटीबड़ी मशीनों को बड़े पैमाने पर पेश किया गया था. बीजों और पेड़पौधों की नवीनतम किस्मों को शानदार ढंग से दिखाया गया था. खादों के स्टालों पर भी किसानों का हुजूम पूरी शिद्दत से जानकारी लेने में जुटा था. मेले का दायरा और स्टालों की तादाद इतनी ज्यादा थी कि किसानों को यह रंज ही रह गया कि वे पूरा मेला नहीं देख सके. वैसे किसानों के खानेपीने व शौचालय वगैरह का बंदोबस्त भी चौकस था. तमाम किसान व दर्शक जूट के थैले, चाबी के गुच्छे व कलैंडर जैसे उपहार मुफ्त में बटोरने में ही लगे रहे. मेरे हाथों में ‘फार्म एन फूड’ की प्रतियां देख कर हर किसान व दर्शक उसे मुफ्त में पाने को लालायित था.

मेले के दूसरे दिन यानी इतवार को वहां आने वालों की तादाद में काफी इजाफा दर्ज किया गया. मेले की आखिरी वेला यानी तीसरे और अंतिम दिन कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने वहां पहुंच कर किसानों की खोजखबर ली व प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया. इस के अलावा उन्होंने ‘धान की वैज्ञानिक खेती’ नाम की पत्रिका का भी विमोचन किया. उन के भाषण में भी कमोबेश मोदी वाले भाषण की ही बातें शामिल थीं.   

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