बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की भारतीय ओलंपिक दल के गुडविल एम्बैसडर के तौर पर नियुक्ति पर हंगामा शुरू हो गया है जिसमें स्टार पहलवान योगेश्वर दत्त और महान स्प्रिंटर मिल्खा सिंह ने इस पर सवाल उठाए जबकि आईओए और कुछ अन्य एथलीटों ने इस फैसले का समर्थन किया.

सलमान अपनी आगामी फिल्म 'सुल्तान' में पहलवान की भूमिका निभा रहे हैं. उन्हें शनिवार को स्टार महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम, हॉकी कप्तान सरदार सिंह और निशानेबाज अपूर्वी चंदेला और अन्य की मौजूदगी में भारतीय ओलंपिक संघ ने गुडविल एम्बैसडर चुना है.

यह पद काफी अहमियत रखता है और आईओए के इसके लिए सलमान को चुनने के फैसले पर खेल जगत विभाजित है, जिसमें लंदन ओलंपिक के कांस्य पदकधारी योगेश्वर और महान एथलीट मिल्खा ने इसकी आलोचना की है.

आईओए ने हालांकि सलमान का नाम चुनने के फैसले का समर्थन किया. आईओए के उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा कि जब जानी मानी हस्तियां लोगों से मदद करने की अपील करती हैं तो साधारण सी बात है कि हमें और प्रचार मिलता है जो खेल के लिये अच्छा है. युवाओं में प्रवति है कि वे इस तरह की फिल्मी हस्तियों से प्रेरणा लेते हैं. अगर हम इनका इस्तेमाल करते हैं तो इसमें कोई नुकसान नहीं है.

उन्होंने यह भी कहा कि हम इसके लिए सलमान खान की मदद ले रहे हैं और उन्हें कुछ दे नहीं रहे हैं. आईओए सलमान को एक कौड़ी भी नहीं दे रहा. योगेश्वर ने कहा कि इस तरह की नियुक्ति के लिए सलमान ने कुछ नहीं किया है.

योगेश्वर: किसी खिलाड़ी को चुना जाना चाहिए

योगेश्वर ने हिंदी में ट्वीट किया,  “हर किसी को भारत में अपनी फिल्म प्रोमोट करने का अधिकार है लेकिन ओलंपिक फिल्म प्रोमोट करने की जगह नहीं है” .

योगेश्वर को लगता है कि इस भूमिका के लिए किसी खिलाड़ी को ही चुना जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि एथलीटों को इस तरह की नियुक्ति से क्या फायदा होगा. उन्होंने कहा कि क्या कोई मुझे बताएगा कि गुडविल एम्बैसडर की भूमिका क्या है आप लोगों को मूर्ख क्यों बना रहे हैं.

इस 33 वर्षीय पहलवान को लगता है कि इस काम के लिए कोई खिलाड़ी ही सही रहता. उन्होंने लिखा, एथलीट जैसे पीटी उषा और मिल्खा सिंह ने मुश्किल समय में देश के लिये मेहनत की, लेकिन इस दूत (सलमान) ने खेल के क्षेत्र में क्या किया है.

योगेश्वर ने कहा कि सलमान की नियुक्ति से क्या होगा? क्या पदक ज्यादा आ जायेंगे? अगर आपको ये नाटक ही करना था तो किसी खिलाड़ी को दूत क्यों नहीं बना दिया. उन्होंने लिखा, देश को पदक की जरूरत है, प्रायोजकों की नहीं.

मिल्खा सिंह : आईओए ने किया गलत फैसला

मिल्खा सिंह को भी लगता है कि आईओए ने गलत फैसला किया है और उन्हें अपने इस कदम पर दोबारा विचार करना चाहिए.

उन्होंने पूछा, भारत ने इतने सारे खिलाड़ी पैदा किये हैं, जिन्होंने देश के लिए पसीना और खून बहाया है जैसे पीटी उषा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अजीत पाल और अन्य बहुत सारे. इनमें से किसी एक को गुडविल एम्बैसडर बनाना चाहिए था. बॉलीवुड से किसी को इसके लिए लाने की क्या जरूरत थी.

साल 1958 और 1962 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले मिल्खा ने कहा कि किसी भारतीय खिलाड़ी को इस पद के लिए नहीं चुने जाने की बात से उन्हें काफी दुख हुआ है.

मिल्खा ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं सलमान खान के खिलाफ नहीं हूं लेकिन आईओए का फैसला गलत है और सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. ऐसा पहली बार है जब मैं देख रहा हूं कि ओलंपिक के लिए किसी बॉलीवुड अभिनेता को गुडविल एम्बैसडर बनाया गया है.

मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कभी बॉलीवुड ने किसी खिलाड़ी को अपने बड़े कार्यक्रम के लिए दूत बनाया है? उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि सलमान खान के दूत बनाने के फैसले को संशोधित किया जाना चाहिए.

धनराज पिल्लै: कोई खिलाड़ी ही बनें ब्रैंड एम्बैसडर

पूर्व हाकी स्टार धनराज पिल्लै ने भी उनकी भावनाओं का समर्थन किया. पिल्लै ने कहा, मैं किसी खिलाड़ी को ही ब्रैंड एम्बैसडर देखना चाहूंगा. हमारे पास मिल्खा सिंह, पीटी उषा, अभिनव बिंद्रा जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं. इसमें कोई शक नहीं सलमान बॉलीवुड में सबसे अहम चेहरा हैं और जो भी वह कहता है, वह बिकता है. लेकिन खेलों में, मुझे लगता है कि खिलाड़ी को ही दूत बनाया जाना चाहिए.

सरदार और मैरीकॉम: जागरूक होंगे लोग

हालांकि सरदार और मैरीकॉम को लगता है कि अगस्त में रियो ओलंपिक से पहले बॉलीवुड हस्ती का आकर्षण ओलंपिक खेलों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा.

सरदार ने कहा कि सलमान के अपार प्रशंसक हैं. उनके विचार खेलों के बारे में काफी अच्छे हैं और भारतीय खेलों के लिए उनका गुडविल एम्बैसडर बनना अच्छी चीज है. काफी लोग उनकी वजह से ओलंपिक खेलों से जुड़ रहे हैं. लेकिन लोग अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं. मैं उनकी राय का सम्मान करता हूं.

लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली मैरीकॉम ने कहा, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, यह एथलीटों के लिए अच्छी चीज है. उनके जैसा ब्रैंड एम्बैसडर रखना हमारे लिए अच्छा है.

कृष्णा पूनिया: सलमान की लोकप्रियता नकारा नहीं  जा सकता

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदकधारी चक्का फेंक एथलीट कृष्णा पूनिया ने कहा कि हालांकि कोई एथलीट इस पद के लिए अच्छा विकल्प होता लेकिन सलमान की लोकप्रियता को नकारा नहीं जा सकता.

पूनिया ने कहा कि हमारे देश में एथलीटों की कोई कमी नहीं है. पीटी उषा, सचिन तेंदुलकर और कई अन्य ने हमें गौरवान्वित किया है. लोग हालांकि फिल्मी सितारों को पंसद करते हैं और शायद यही सोच रही होगी कि इससे ओलंपिक खेलों को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी. मैं उन्हें इस भूमिका के लिए शुभकामनायें देती हूं.

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