इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइल करने की अंतिम तिथि धीरे-धीरे नजदीक आ रही है. आप 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल कर सकते हैं. अगर आप 31 जुलाई को आईटीआर फाइल करने में चूक जाते हैं और 1 अगस्त से 31 दिसंबर के बीच फाइल करते तो आपको 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा. लेकिन अगर आपकी कुल आमदनी 5 लाख से कम है तो जुर्माने की रकम 1 हजार ही रह जाती है. लेकिन किसी भी प्रकार के जुर्माने से बचने के लिए जरूरी है कि आप समय से आईटीआर फाइल करें.
हर साल कुछ नौकरीपेशा और बिजनेस करने वाले ऐसे भी लोग होते हैं जो पहली बार आईटीआर फाइल करने वाले हैं. ऐसे लोग और जो आईटीआर फाइल नहीं करते उनके मन में हमेशा यही सवाल उठता रहता है कि आखिर आईटीआर भरने का क्या फायदा होता है. अगर आपके मन भी यही सवाल हैं तो आगे लिखे प्वाइंट में आपकी यह दुविधा दूर हो जाएगी. आईटीआर फाइल करने के एक नहीं बल्कि कई फायदें हैं. जानिए ऐसे ही 5 फायदों के बारे में.
ज्यादा बीमा कवर मिलने में आसानी
समय से और नियमित रूप से आईटीआर फाइल करने वाले अगर एक करोड़ रुपये का इंश्योरेंस कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो इंश्योरेंस कंपनियां आपसे आईटीआर प्रूफ मांग सकती हैं. आईटीआर प्रूफ दिखाने से आपको आसानी से टर्म प्लान मिल जाता है.
बैंक से लोन और क्रेडिट कार्ड लेना
नियमित तौर पर आईटीआर फाइल करने वाले लोगों को बैंक से किसी प्रकार का लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में परेशानी नहीं होती. आजकल तेजी से बढ़ती धोखाधड़ी के बीच बैंकों की तरफ से पूरी जांच पड़ताल के बाद ही लोन दिया जाता है. अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको कार या होम लोन आसानी से मिल जाता है.
वीजा पाने में सुविधा
अगर आप कारोबार या नौकरी के लिए विदेश जाना चाहते हैं तो आपके लिए आईटीआर जरूरी है. बहुत से विदेशी दूतावास वीजा एप्लिकेशन के साथ पिछले दो साल का आईटीआर मांगते हैं. अगर आप नियमित आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपकी विदेश जाने की प्लानिंग अधर में लटक सकती है.
बिजनेस के लिए जरूरी
अगर आप नौकरी करते हैं और बिजनेस शुरू करने का प्लान कर रहे हैं तो आईटीआर फाइल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. आप कारोबार शुरू करने जा रहे हैं या आप कोई कौन्ट्रैक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको आईटीआर दिखाना पड़ेगा. किसी सरकारी विभाग में ठेका हासिल करने के लिए भी पिछले पांच साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगा जाता है.
पते का सबूत
ऊपर बताए गए फायदों के अलावा आईटीआर की कौपी आपके लिए रेजिडेंशन या पते के प्रूफ के रूप में काम करती है. अगर आपके पास अभी भी कोई रेसिडेंशल प्रूफ नहीं है तो आप इसका उपयोग सभी सरकारी कामों में कर सकते हैं.