चौकलेट खाना किसे अच्छा नहीं लगता. कोई भी, कितना भी कैलोरी का हौवा पैदा करे, चौकलेट से मुंह फेरना बड़ा मुश्किल है. अक्सर चौकलेट में पाए जानेवाले फैट और शुगर को मोटापे का कारण बता कर इससे दूर रहने की सलाह दी जाती है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक – चौकलेट के मुंह में घुलते रेश्म से नरम-मुलायम एहसास के सभी कायल हैं. चौकलेट सामने हो तो सेहत के प्रति सचेत लोग भी फैट और शुगर की चिंता छोड़ बेईमान करने पर आमादा हो जाते हैं.
वैसे यह भी सच है कि चौकलेट खाने के बहुत सारे फायदे भी हैं. सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि चौकलेट मुड को तरोताजा कर देता है. इसीलिए निराशा, अवसाद और तनाव ग्रस्त लोगों के लिए इंस्टैंट लाभ पहुंचाता है. ऐसे मरीजों को मनोचिकित्सक चौकलेट खाने की भी सलाह देते हैं. दरअसल, वैज्ञानिक तथ्य यह है कि इसमें पाया जानेवाले तरह-तरह के एंटी-औक्सीडेंट तत्व और कई तरह के खनिज स्नायूतंत्र को तरोताजा करते हैं. इतना ही नहीं, यह स्ट्रोक की गुंजाइश को कम करता है और हाई बल्ड प्रेशर के मामले में इसे कारगर माना जाता है. कहते हैं कि बल्ड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में सहायक माना जाता है.
सामान्य चौकलेट की तुलना में डार्क चौकलेट को सेहत के लिए गुणकारी माना जाता है. कुकिंग डार्क चौकलेट में कृत्रिम मिठास लगभग नहीं के बराबर होता है. जबसे डार्क चौकलेट की खूबियों का प्रचार होने लगा है तबसे बड़े-बड़े ब्रांड डार्क चौकलेट लेकर बाजार में उतर आए हैं. बहुत सारे ब्रांड के डार्क चौकलेट उपलब्ध आजकल बाजार में उपलब्ध हैं. पर इनमें डार्क चौकलेट की कितनी खूबियां हैं, यह अपने आपमें शोध का विषय है.
बहरहाल, अब न तो चिंता करने करने की जरूरत है और न ही बेईमानी की. जल्द ही बाजार में मेडिसिनल चौकलेट आ रहा है और इसे लेकर आ रही है एक अमेरिका के बोस्टन की एक कंपनी है कुका जोको. जिसने कुछ समय पहले मेडिसिनल चौकलेट बनाने का दावा किया है, जिसे शौक या स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि दवा की तरह खाया जा सकता है. भारत में इस मेडिसिनल चौकलेट का बेसब्री से इंतजार हो रहा है.
आमतौर पर सामान्य चौकलेट में लगभग 70 प्रतिशत फैट और सुगर होता है. बाकी 30 प्रतिशत ककोआ और दूसरी अन्य सामाग्रियां. लेकिन वर्ल्ड चौकलेट फोरम में अमेरिकी कंपनी कुका जोको ने अपने मेडिसिनल चौकलेट के लिए दावा किया है कि इनके चौटलेट में फैट की मात्रा बहुत कम है. फिलहाल कंपनी ने सामान्य चौकलेट की तुलना में फैट और सुगर की मात्रा को 50 प्रतिशत घटा कर महज 35 प्रतिशत करने का दावा किया है कुका जोको ने. साथ में कंपनी का दावा यह भी है कि सेहत के लिहाज से इस चौकलेट को दवा के तौर पर भी नियमित रूप से खाया जा सकता है.
कुका जोको के प्रवक्ता और कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक ग्रेगरी अहारोनियन ने वर्ल्ड चौकलेट फोरम में इस मेडिसिनल चौकलेट की खूबिया गिनाते हुए कहा कि सेहत के लिए जितना फैट नुकसानदेह है, उतना ही सुगर भी. आनेवाले समय में सुगर निकोटिन जितना खतरनाक साबित हो सकता है. इसीलिए सुगर बगैर चौकलेट को मीठा बनाने के लिए कुछ तरीके इजाद करना जरूरी था. इसी दिशा में लगातार कई वर्षों तक काम करने के लिए कंपनी को इसमें सफलता मिली है.
गौरतलब है कि किसी भी तरह का चौकलेट क्यों न हो, उसका सबसे प्रमुख उपादान होता है ककोआ. जिस तरह कौफी बिन्स से कौफी प्राप्त किया जाता है, उसी तरह ककोआ बिन्स से भी चौकलेट प्राप्त किया जाता है. अपने आपमें ककोआ स्वाद में बहुत कडुवा होता है. इसके कड़वेपन को दूर करने के लिए चौकलेट निर्माता और कंफेक्शनर कंपनियां इसमें ढेर सारा सुगर, जो कि आमतौर पर कृत्रिम स्वीटनर होता है, मिलाती हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि स्वादिेस्ट बनाने और इसके टेक्सचर को सिल्की बनाने के लिए जिस पैमाने पर सुगर और फैट मिलाया जाता है, उसके नतीजा यह होता है कि ककोआ में पाए जाने वाले पोषक तत्व बड़े पैमाने पर नष्ट हो जाते हैं और तथाकथित तौर पर इसमें केवल स्वाद रह जाता है, जिसका ‘हेल्थ बेनिफिट’ लगभग नहीं के बराबर होता है.
अमेरिकी कुका जोको ककोआ की कहुवाहट को दूर करने के लिए बोलिविया और पेरू में पाया जानेवाला कुछ खास तरह के हर्ब का इस्तेमाल करती है. इसके अलावा ककोआ के पत्ते भी इसके बिन्स की कड़वाहट दूर करने के लिए काम में लाए जाते हैं. कंपनी का दावा है कि लंबे समय से शोध का नतीजा है कि कंपनी को इसमें सफलता मिली है. बोलिविया और पेरू के इन हर्बों का इस्तेमाल करने से एक तरफ ककोआ की कडुवाहट दूर हुई और दूसरी तरफ इसके पोषक तत्वों को भी बरकरार रखना संभव हो पाया है.
हालांकि कंपनी फैट और सुगर की मात्रा को और भी घटने के लिए लगातार शोध कर रही है. कंपनी का लक्ष्य इसे 10 प्रतिशत करने का है, जो फिलहाल 35 प्रतिशत है. जाहिर है सामान्य चौकलेट से नुकसानदेह सामग्रियों को कम कर दिया जाए तो मेडिसिनल चौकलेट का मजा अब बेरोकटोक के लिया जा सकता है. लेकिन अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. बाजार में पहुंचने से पहले यह औनलाइन पर उपलब्ध होगा.