हिन्दुत्व के सभी नियम कानूनों को मानने वाली भाजपा को अब दलितों की सुध आई है. भाजपा की केन्द्र सरकार ने डाक्टर अंबेडकर की 125वीं जयंती को पूरे जोरशोर से मनाने की शुरूआत 14 अप्रैल को अंबेडकर जंयती से कर रही है. केन्द्र सरकार ने 14 अप्रैल से 24 अप्रैल तक 10 दिन का ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ का विशेष अभियान चलायेगी. इस अभियान के सहारे केन्द्र सरकार पंचायती राज को मजबूत करने की बात कह रही है. ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ के जरीये भाजपा दलित वोटबैंक को जोडने का काम करना चाहती है. इसीलिये उसने इसकी शुरूआत 14 अप्रैल को अंबेडकर जंयती से की है. डाक्टर भीमराव अंबेडकर के साथ दलितों का भावनात्मक लगाव है. भाजपा इसको वोट बैंक में बदलना चाहती है. भाजपा की कोशिश यह है कि दलित वर्ग नेशनल लेवल पर कांग्रेस को दलितों का शोषक माने. खुद प्रधनमंत्री मोदी कांग्रेस नेता जगजीवन राम को लेकर ऐसा आरोप कांग्रेस पर लगा चुके है.
‘ग्रामोदय से भारत उदय’ के पहले 3 दिन केन्द्र सरकार पूरे देश में समरसता दिवस मनायेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महू से इसकी शुरूआत कर रहे है. इंदौर के पास महू जगह का चुनाव इसलिये किया गया है क्योकि यहां पर डाक्टर अंबेडकर का जन्म हुआ था. इंदौर मध्य प्रदेश में है जहां भाजपा की सरकार है. ऐसे में प्रधानमंत्री के लिये इस कार्यक्रम को सफल बनाना सरल हो गया है. 17 से 20 अप्रैल तक पंचायत लेवल पर किसान सभाओं का आयोजन होगा. जिसमें खेती को लाभप्रद बनाने के उपाय बताये जायेगे. 21 से 24 अप्रैल तक ग्राम सभाओं की बैठक होगी जिसमें इस बात पर विचार किया जायेगा कि सही तरह से कैसे काम किया जाये. 24 अप्रैल को प्रधनमंत्री जमशेदपुर से सभी ग्राम पंचायतों को लाइव टेलीकास्ट के जरीये संवाद करेगे. भाजपा इसे सबसे बडी ग्राम सभा की तरह से पेश कर रही है.
कार्यक्रम की सफलता में कोई संशय न रहे इसलिये इसकी शुरूआत और समापन दोनो की भाजपा शासित प्रदेशों में रखा गया है. वैसे तो कार्यक्रम में राज्य सरकारों को भी जोडने की बात कही जा रही है पर असल में यह पूरी तरह से केन्द्र सरकार का काम है. केन्द्र के नौकर, सांसद और मंत्रियों को अपने अपने क्षेत्रों में रहकर इसे सफल बनाने के लिये आदेशित किया गया है. 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को सामने कर पिछडी जातियों को पार्टी से जोडने का अभियान चलाया. सरदार पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति लगाने के लिये गांव गांव से लोहा एकत्र करने का अभियान चलाया था. अब दलित वोट बैंक को खुद से जोडने के लिये डाक्टर अंबेडकर को ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ अभियान से जोडा है. भाजपा अपने ऊंची जातियों के चेहरे को बदलने में जुटी है. पटेल के बाद अब अंबेडकर का भाजपा ने सहारा लिया है.