विक्रमादित्य निर्देशित और  अनिल कपूर के बेटे व सोनम कपूर के भाई हर्षवर्धन कपूर के अभिनय से सजी फिल्म ‘‘भावेश जोशी’’ की बाक्स आफिस पर जितनी दुर्गति हो रही है, उसकी तो किसी ने कल्पना भी नही की थी. भावेश जोशी को पूरे देश में एक हजार सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया और इस फिल्म ने चार दिन के अंदर सिर्फ एक करोड़ रूपए ही इकट्ठा किये. यानी कि खर्च निकालकर निर्माता के हाथ में सिर्फ चालीस लाख रूपए ही आए.

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ‘भावेश जोशी’’ की क्या दुर्गति हो रही है. हालात यह बन गए हैं कि अब सिनेमाघरों ने ‘भावेश जोशी’ के शो रद्द करके सोनम कपूर की फिल्म ‘‘वीरे दी वेडिंग’’ को देना शुरू कर दिया है. एक मल्टीप्लैक्स के मालिक ने अपना नाम छिपाते हुए कहा-‘‘फिल्म ‘भावेश जोशी’ को देखने के लिए एक भी दर्शक नहीं आ रहा है. ऐसे में हमारे पास इस फिल्म के शो को रद्द करने के अलावा कोई चारा नहीं है. पर हम फिल्म ‘भावेश जोशी’ के शो रद्द करके सोनम कपूर आहुजा की फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ को दे रहे हैं, क्योंकि ‘वीरे दी वेडिंग’ को मुंबई से इतर कुछ क्षेत्रों में अच्छे दर्शक मिल रहे हैं.’’

यूं तो हमने फिल्म ‘भावेश जोशी’ की समीक्षा में साफ तौर पर लिखा था कि इस फिल्म को दर्शक मिलने कठिन हैं. क्योंकि इस फिल्म में कहानी निर्देशन सहित सब कुछ बहुत ही कमजोर है. असफल फिल्म ‘मिर्जिया’ से करियर की शुरुआत करने वाले हर्षवर्धन कपूर की दूसरी फिल्म है-‘भावेश जोशी’. लेकिन इस फिल्म में भी हर्षवर्धन कपूर अपने अभिनय में सुधार नहीं ला पाए हैं. ऐसे में भावेश जोशी को दर्शकों द्वारा पसंद ना किया जाना कोई आश्चर्य वाली बात नहीं है.

मगर बौलीवुड से जुड़े कुछ लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि फिल्म ‘‘भावेश जोशी’’ निर्माण के स्तर पर कमजोर होने के साथ साथ इस फिल्म की पी आर कंपनी ने इस फिल्म को असफल बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है. इस सूत्र का दावा है कि भुक्तभोगी सोनम कपूर को चाहिए था कि वह अपने भाई हर्षवर्धन कपूर की भलाई के लिए उसे सलाह देती कि वह निर्माता से कह कर फिल्म की पी आर कंपनी को बदलवाता.

ज्ञातब्य है कि फिल्म ‘‘खूबसूरत’’ के असफल होने पर इसका सारा दोष सोनम कपूर ने फिल्म ‘खूबसूरत’ की पी आर कंपनी पर मढ़ते हुए कई आरोप लगाए थे. मजेदार बात यह है कि ‘खूबसूरत’ का पी आर करने वाली कंपनी ने ही ‘भावेश जोशी’ का पी आर किया है.

लोग सवाल उठा रहे हैं कि फिल्म ‘‘भावेश जोशी’’ की पी आर कंपनी ने इस फिल्म को ठीक से प्रचारित क्यों नहीं किया? ‘भावेश जोशी’ की पी आर कंपनी ने फिल्म के कलाकारों इंटरव्यू भी सही ढंग से नहीं करवाए. तमाम पत्रकारों की अनदेखी की गयी. जिसके चलते भावेश जोशी सही ढंग से प्रचारित नहीं हो पायी. यदि फिल्म सही ढंग से प्रचारित होती, तो इस फिल्म को कम से कम ओपनिंग तो अच्छी मिल जाती. कुछ लोग पी आर कंपनी की बजाय हर्षवर्धन कपूर को दोष दे रहे हैं कि जब पी आर कंपनी उन्हे व फिल्म को सही ढंग से प्रचारित नहीं कर रही थी, तो उन्होंने किसी अन्य प्रचारक को रखकर अपना प्रचार क्यों नहीं करवाया.

जबकि बौलीवुड का एक तबका मानता है कि वर्तमान समय के फिल्म निर्माता अपनी पी आर कंपनी से जवाब तलब क्यों नहीं करते हैं? फिल्म निर्माता को स्वंय इस बात पर नजर रखनी चाहिए कि उनकी फिल्म का पी आर सही ढंग से उनकी फिल्म को प्रचारित कर रही है या नहीं?

वहीं बौलीवुड का एक सूत्र दावा कर रहा है कि एक साजिश के तहत कमजोर फिल्म ‘‘भावेश जोशी’’ को पूरी तरह से डुबाया गया. इस तरह की शंका व्यक्त करने वाले लोग सवाल उठा रहे हैं कि ‘भावेश जोशी’ को अचानक 25 मई की बजाय 1 जून को ‘वीरे दी वेडिंग’ के साथ प्रदर्शित करने का निर्णय क्यों लिया गया? क्या ऐसा सोनम कपूर, रिया कपूर और अनिल कपूर की मंशा से किया गया? कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि हर्षवर्धन कपूर के करियर पर कम से कम आंच आए, इसके लिए ‘वीरे दी वेडिंग’ के साथ ‘भावेश जोशी’ को प्रदर्शित किया गया, जिससे यह कहा जा सके कि भाई बहन की फिल्मों के टकराव में जीत बहन की फिल्म की हुई.

कुल मिलाकर ‘‘भावेश जोशी’’ की बाक्स आफिस पर हो रही दुर्गति के बाद अफवाहों का बाजार गर्म है..

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