इंटरनैट और कंप्यूटर ऐप्लिकेशंस की तेजी से बदलती दुनिया में क्लाउड कंप्यूटिंग ने डाटा स्टोरेज के क्षेत्र में नई क्रांति ला दी है. सामान्य रूप से आप अपने कंप्यूटर पर कोई सौफ्टवेयर या अन्य प्रोग्राम को इंस्टौल कर के इसे अपने लिए यूज या रन करते हैं, लेकिन क्लाउड कंप्यूटिंग के कारण अब इसे इस प्रकार से इंस्टौल करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह सौफ्टवेयर आप को वैब सर्विसेज के माध्यम से उपलब्ध होगा, जिस के लिए आप को किराया देना होगा. आप अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर उसी के मुताबिक किराए का भुगतान कर सकेंगे.

गूगल गियर ऐप्लिकेशंस द्वारा इन सेवाओं को औफलाइन भी प्राप्त किया जा सकता है. क्लाउड, जिसे तकनीकी भाषा में इंटरनैट भी कह सकते हैं, रिमोट में डाटा और अन्य कई प्रकार की इन्फौर्मेशन से भरे होते हैं इसे डिजिटल डाटा स्टोर कहते हैं. ये काफी पावरफुल और हाई कैपेसिटी कंप्यूटर्स से औपरेट किए जाते हैं जिन्हें सर्वर कहा जाता है.

आमतौर पर जब हम कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो कंप्यूटिंग रिसोर्सेज के रूप में सभी टूल्स जैसे कि कंप्यूटर, सर्वर, मौडम, इंटरनैट कनैक्शन या फिर अन्य आवश्यक टूल्स फिजिकली हमारे पास ही प्रैजेंट होते हैं, लेकिन क्लाउड कंप्यूटिंग में इन सभी टूल्स को अपनी जरूरत के अनुसार किराए पर ले कर इस्तेमाल किया जाता है. आप को इन टूल्स को खरीदने की आवश्यकता नहीं होती. क्लाउड कंप्यूटिंग में कंप्यूटिंग रिसोर्सेज के आवश्यक सभी टूल्स इस्तेमाल करने वाले के पास नहीं होते बल्कि ये टूल्स रिमोट में होते हैं और इस्तेमालकर्ता की जरूरत के हिसाब से इन को सप्लाई करने वाली कंपनियां पैसा ले कर बेचती हैं. यही कारण है कि इन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग कहा जाता है. इसे ‘वर्चुअलाइजेशन’ भी कहते हैं.

गूगल ऐप क्लाउड कंप्यूटिंग का एक अच्छा उदाहरण है जो बिजनैस ऐप्लिकेशन औनलाइन उपलब्ध कराता है. क्लाउड कंप्यूटिंग के जरिए आप डाटा और इन्फौर्मेशन को अपने कंप्यूटर के सिवा किसी रिमोट सर्वर में सेव कर के रख सकते हैं, जिसे क्लाउड के नाम से जाना जाता है. इस प्रकार के रिमोट सर्वर में सुरक्षित डाटा को कोई इस्तेमालकर्ता निश्चित पैसा दे कर इंटरनैट कनैक्टेड स्मार्टफोन, लैपटौप और डेस्कटौप से ऐक्सैस कर सकता है.

वास्तव में क्लाउड कंप्यूटिंग इंटरनैट आधारित कंप्यूटिंग पावर है. इस में इंटरनैट इस्तेमालकर्ता को अपने कंप्यूटर पर सभी सौफ्टवेयर और औपरेटिंग सिस्टम्स को लोड कर इंस्टौल करने की जरूरत नहीं होती. ये सभी सर्विसेज आवश्यकता पर आधारित होती हैं जिन्हें एक इस्तेमालकर्ता बिजनैस एग्रीमैंट के आधार पर औनलाइन प्राप्त कर सकता है. इस प्रकार इंटरनैट के सर्वर से डायरैक्टली सौफ्टवेयर और अन्य ऐप्लिकेशंस की सर्विसेज प्राप्त कर लेने की प्रक्रिया ही क्लाउड कंप्यूटिंग कहलाती है.

वर्तमान में यह अपनी कम लागत के कारण काफी प्रचलित हो रही है. डिजिटल जर्नल की एक रिपोर्ट का यह मानना है कि आने वाले 5-6 वर्ष में क्लाउड कंप्यूटिंग का बिजनैस केवल ऐजुकेशन सैक्टर में ही प्राय: 13 बिलियन डौलर का हो जाएगा. इस के अतिरिक्त यह सर्विस अमेजन डौट कौम जैसी कंपनी द्वारा उपलब्ध होती है.

क्लाउड कंप्यूटिंग में यूज होने वाली शब्दावली

क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में खास शब्दावली का प्रयोग किया जाता है. क्लाउड कंप्यूटिंग को अच्छी तरह से समझने के लिए इन को जानना भी आवश्यक है.

क्लाउड प्रोवाइडर : जो संस्था क्लाउड पर आधारित इन्फौर्मेशन टैक्नोलौजी की सेवा उपलब्ध कराती है, उसे क्लाउड प्रोवाइडर कहा जाता है. इन कंपनियों के पास कंप्यूटिंग रिसोर्सेज (कंप्यूटर या इंटरनैट की सहायता से कोई टास्क परफौर्म करने के लिए जितने टूल्स की आवश्यकता होती है, उन सभी टूल्स को तकनीकी रूप से कंप्यूटिंग रिसोर्सेज कहा जाता है) होते हैं जो क्लाउड कंप्यूटिंग के इस्तेमालकर्ता को उपलब्ध कराए जाते हैं.

क्लाउड कंज्यूमर :  वे सभी संस्थाएं और व्यक्ति जो किसी क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विसेज के प्रोवाइडर की शर्तों व अनुबंध के अंतर्गत आईटी रिसोर्सेज का इस्तेमाल करते हैं, क्लाउड कंज्यूमर कहलाते हैं.

क्लाउड सर्विस ओनर : वे सभी संस्थाएं और व्यक्ति जिन के पास कानूनी रूप से क्लाउड कंप्यूटिंग की सेवा प्रोवाइड करने का अधिकार है, क्लाउड सर्विस ओनर कहलाते हैं. वैसे क्लाउड कंप्यूटिंग की सर्विस एक क्लाउड कंप्यूटिंग ओनर और क्लाउड कंप्यूटिंग कंज्यूमर दोनों के पास हो सकती है.

क्लाउड कंप्यूटिंग ऐडमिनिस्ट्रेटर : क्लाउड पर आधारित आईटी रिसोर्सेज की सर्विसेज को ऐडमिनिस्ट्रेट करने वाली संस्था या व्यक्ति क्लाउड कंप्यूटिंग ऐडमिनिस्ट्रेटर कहलाता है.

ग्रिड कंप्यूटिंग :  कंप्यूटर्स के समूह का आपस में किसी खास उद्देश्य के लिए इंटरकनैक्ट होना ही ग्रिड कंप्यूटिंग कहलाता है.

यूटिलिटी कंप्यूटिंग :  क्लाउड कंप्यूटिंग का यह कौंसैप्ट ‘पे पर यूज’ यानी इस्तेमाल के हिसाब से भुगतान करो पर आधारित है. इस प्रोसैस के अंतर्गत यूजर अपनी जरूरत के हिसाब से कंप्यूटिंग सर्विसेज को परचेज करता है और उस का इस्तेमाल करता है.

क्लाउड कंप्यूटिंग के लाभ

क्लाउड कंप्यूटिंग टैक्नोलौजी इस्तेमालकर्ता को निम्न रूप से लाभ पहुंचा सकती है :

लागत : क्लाउड कंप्यूटिंग का सब से बड़ा फायदा यह होता है कि एक इंटरनैट यूजर को सौफ्टवेयर, हार्डवेयर, डाटा स्टोरेज और अन्य प्रकार की सर्विसेज के आवश्यक टूल्स और इंफ्रास्ट्रक्चर को इंस्टौल करने की जरूरत नहीं होती.

आसान अपडेट

क्लाउड कंप्यूटिंग का एक अन्य बड़ा फायदा यह है कि एक यूजर अपने लोकल कंप्यूटर पर प्रोग्राम और अन्य सौफ्टवेयर बिना इंस्टौल और डाउनलोड किए क्लाउड कंप्यूटिंग के सर्वर की सहायता से सभी प्रकार के प्रोग्राम्स को ऐक्सैस कर सकता है. ऐसे में सौफ्टवेयर अपडेट करने और मैंटेनैंस की कोई समस्या नहीं होती.

लोकेशन फ्रीडम

क्लाउड कंप्यूटिंग में सर्वर और वैब ब्राउजर के माध्यम से इंटरनैट सर्विसेज को आसानी से ऐक्सैस किया जा सकता है. इस सर्विस की ऐक्सैसिबिलिटी के लिए केवल इंटरनैट कनैक्शन की आवश्यकता होती है. इंटरनैट कनैक्शन द्वारा इस्तेमालकर्ता दुनिया के किसी भी कोने से अपने कामों को अंजाम दे सकता है जिन्हें वह अपने घर और औफिस में बैठ कर करता है.

क्लाउड कंप्यूटिंग में कैरियर

आईटी सैक्टर में तेजी से हो रहे विकास के कारण बड़ी संख्या में कंप्यूटर साइंस में बीटैक और एमटैक के छात्रों का क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में रुझान बढ़ा है, क्योंकि इस में कैरियर की अपार संभावनाएं हैं. एक लेटैस्ट डाटा के अनुसार वर्तमान में आईटी सैक्टर में करीब 208 मिलियन युवा काम कर रहे हैं. उन के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही हैं. क्लाउड कंप्यूटिंग की बढ़ती मांग के कारण आने वाले समय में इंस्टौलेशन और मैंटेनैंस सैक्टर में इंजीनियर्स और तकनीशियंस की मांग भी तेजी से बढ़ेगी. एक सर्वे के अनुसार 2016 के अंत तक क्लाउड कंप्यूटिंग के सैक्टर में लगभग 2 मिलियन नई नौकरियों के क्रिएट होने की संभावना है.

आने वाले वर्षों में निम्न इंडस्ट्रीज में क्लाउड कंप्यूटिंग के कारण नौकरी के नए अवसरों में भारी वृद्धि की संभावनाएं हैं :

मीडिया : इस क्षेत्र में कंटैंट राइटिंग से ले कर डाटा एनालिसिस और प्रोडक्ट मार्केटिंग के सेगमैंट में नई नौकरियों की अपार संभावनाएं हैं.

रिटेल सैंटर : फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स के मौडर्न युग में क्लाउड कंप्यूटिंग मार्केटिंग के सेगमैंट में सफलता के नए रिकौर्ड स्थापित कर सकती है.

हैल्थ केयर : हैल्थ सैक्टर में हर रोज आ रही नई टैक्नोलौजी के कारण भी क्लाउड कंप्यूटिंग विशेषज्ञों के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. मैडिसिन से ले कर रिसर्च तक और मैनेजमैंट से ले कर रिकौर्ड कीपिंग तक क्लाउड कंप्यूटिंग एक महत्त्वपूर्ण टूल के रूप में साबित होगा. इस क्षेत्र में ब्यूटी और कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स के सेगमैंट में क्लाउड कंप्यूटिंग में रोजगार के नए अवसर बढ़ने की उम्मीद की जा रही है.

शिक्षा के क्षेत्र में :  शिक्षा अब पूरी तरह से ग्लोबल हो गई है और इस कारण क्लाउड कंप्यूटिंग ऐप्लिकेशन की संभावनाएं भी काफी बढ़ जाती हैं. क्लास मैनेजमैंट, टीचिंग, लर्निंग, आउटसोर्सिंग, स्टडी मैटीरियल्स, औनलाइन ट्यूशन और अन्य कई सेगमैंट्स में क्लाउड कंप्यूटिंग की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता. इसलिए माना जा रहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में क्लाउड कंप्यूटिंग में दक्ष युवाओं की भारी मांग पैदा होगी.

डिफैंस, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रीज, बैंकिंग, इंश्योरैंस, इंफ्रास्ट्रक्चर और इकोनौमी के प्राय: सभी सैक्टर्स में क्लाउड कंप्यूटिंग ऐप्लिकेशन से जौब सैक्टर में बड़े पैमाने पर वृद्धि की संभावना है.

क्लाउड कंप्यूटिंग के मुख्य 3 प्रकार हैं :

1. पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग :  क्लाउड कंप्यूटिंग की यह सर्विस आम लोगों के लिए ऐक्सैसिबल होती है और यही कारण है कि इस में प्राइवेसी अधिक नहीं रहती. ईमेल सर्विस इस प्रकार की पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग के अंतर्गत आती है.

2. प्राइवेट क्लाउड : क्लाउड कंप्यूटिंग की यह सर्विस इस्तेमालकर्ता के और्गेनाइजेशन या फिर उन के ग्रुप के लिए उपलब्ध होती है.

3. हाइब्रिड क्लाउड : ऐसा माना जाता है कि यह क्लाउड कंप्यूटिंग प्राइवेट और पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग का मिलाजुला रूप है, क्योंकि इस क्लाउड के अंतर्गत अधिक प्राइवेसी वाली टास्क को प्राइवेट क्लाउड के जरिए और कम सैंसिटिव और प्राइवेसी वाली टास्क को पब्लिक क्लाउड की सहायता से परफौर्म किया जाता है.

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