फेक करेंसी का बाजार धड़ल्ले से बढ़ता जा रहा है, जाली नोट से आतंकवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. अब जल्द ही जाली नोटों पर लगाम लगाई जा सकेगी. जाली नोट बनाने वालों पर जल्द ही शिकंजा कसा जा सकेगा. एनपीएल फेक करेंसी के धंधे को चपत लगाने के लिए एक जादुई इंक लेकर आ रहा है. वित्त मंत्रालय और नीति आयोग को इस इंक का प्रपोजल दे दिया गया है. अगर इस इंक से नोट छापे गए तो जाली नोट बनाना असंभव हो जाएगा.

दुनियाभर में कोई नहीं बना सकता ऐसी इंक

जादुई इंक के बारे में एनपीएल दावा है कि ऐसी इंक दुनियाभर में कोई नहीं बना सकता. क्योंकि यह बाई कलर इंक है और बाई कलर को काउंटरफीट करना नामुमकिन होता है. साइंटिस्ट बिपिन गुप्ता बताते हैं कि फिलहाल किसी भी देश के नोटों में एक कलर की इंक का इस्तेमाल होता है इसलिए उसे काउंटरफीट करना आसान होता है, लेकिन अगर बाई कलर की इंक से नोट छपेंगे तो उसका कोई तोड़ नहीं होगा.

अभी इंपोर्ट होती है इंक

भारत में जो नोट छपते हैं उनमें एक ही तरह की इंक का इस्तेमाल होता है. इस इंक के साथ ही नोट के पेपर को भी को इंपोर्ट किया जाता है. नासिक, मुंबई के छापेखाने में मशीनें 150 साल पुरानी हैं. आरबीआई 365 यूवी फेक मनी डिटेक्टर से नोट चेक करती है. पुराने नोट रेड कलर के और नए नोट ग्रीन कलर के होते हैं. लेकिन अब अगर बाई कलर होगा तो दिखेगा एक ही कलर लेकिन जब आप 365 के एंगल से देखेंगे तो दूसरा रंग होगा. आम लोग एक छोटी सी एलईडी से इसकी पहचान कर सकते हैं कि ये असली नोट है या नकली.

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इंक में है यह खूबी

– असली और नकली नोट की पहचान के लिए छोटी यूवी टौर्च बनाई गई है.

– 50 रुपये की यूवी LED लाइट आप कहीं भी ले जा सकते हैं.

– केवल नोट नहीं, पासपोर्ट, चेक बुक की सिक्योरिटी के लिए भी ये इंक इस्तेमाल होगी.

– विश्व में इस इंक का कंपोजिशन कोई बना नहीं सकता.

– इंक कई तरह के कलर की बन सकती है. इसकी लाइफ 40 साल तक होगी.

– एक बार में कई क्विंटल तक इंक तैयार की जा सकती है.

एनपीएल की यह इंक अन्य इंक से इसलिए अलग है क्योंकि यह दो रंग की होगी. इन दो कलर के अंदर जो पिगमेंट होगा उसका कंपोजिशन बनाना असंभव है. वो मिलकर एक तीसरा ही कलर बन जाएगा. अगर नोट में इसका इस्तेमाल होता है तो ये एक कलर नहीं बल्कि दो कलर का दिखाई देगा. एक तरफ अगर लाल रंग है तो दूसरी तरफ नीला. जब आप इसे यूवी टौर्च से देखेंगे तो एक कलर दूसरी ओर थोड़ा पलटेंगे तो दूसरा रंग दिखाई देगा. ऐसे में जो लोग नकली नोट छापते हैं उनके लिए इसके कंपोजिशन को समझना संभव नहीं है.

नासिक की नोट कंपनी Spmcil (security printing and mining corporation of india limited) के साथ एनपीएल ने एक समझौते पर करार किया है. इसके तहत एनपीएल इंक, कलर शिपिंग के प्रोडक्ट्स बनाएगी और फिर एसपीएमसीआईएल इसकी गुणवत्ता जांच करके इसे आगे इस्तेमाल के लिए आरबीआई के पास भेज सकता है. आपको बता दें कि आरबीआई ने साल 2015 में – 5,94,446, 2016-6,32,926, 2017-7,62072 जाली नोट बरामद किए हैं. पिछले दो साल के मुकाबले साल 2017 में फेक करेंसी में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है.

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