यह सच है कि आज के समय में औरत आदमी से कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं पर इस सफर में उन के सामने कई चुनौतियां आती रहती हैं. राह चलते कार्यस्थलों आदि मिंमहिलाएं शोषण कह शिकार न हों. दहेज प्रथा, बाल विवाह, घरेलू हिंसा जैसे अपराध महिलाओं  खिलाफ न हों, इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग की महिला पावर लाइन 1090 के कर्मियों द्वारा ‘पावर ऐंजल’ प्रेजेंटेशन ने महिलाओं की जिंदगी की दिशा बदलने का बीड़ा उठाया है

प्रदेश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर लगाम कसने के लिए 10 अप्रैल को महत्त्वाकांक्षी ‘पावर ऐंजल’ योजना की भी शुरुआत की जा रही है. इस के तहत 2 लाख युवतियों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) बनाने का लक्ष्य तय किया गया है.

पहली कोशिश

देश में इस तरह की यह पहली कोशिश है जब शैक्षणिक संस्थानों, पुलिस थानों और ग्राम प्रधानों के माध्यम से लगभग 4 लाख आवेदन फार्म को प्रदेश भर में बांटा गया है. अब तक 86,000 युवतियों ने आवेदन किया है. इस के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी है.

महिला पावर लाइन की प्रभारी और आई जी नवनीत सेकेरा ने बताया, ‘‘10 अप्रैल को हम इन युवतियों को प्रशिक्षण खत्म होने के बाद एसपीओ कार्ड देंगे और उन्हें पावर ऐंजल के तौर पर तैनात किया जाएगा.’’

मालूम हो कि परेशान महिलाओं की मदद के लिए साल 2012 में महिला पावर लाइन की शुरुआत की गई थी. डब्ल्यू पी एल की डिप्युटी एसपी बबीता सिंह ने बताया हमें पावर ऐजेंलों की जरूरत महसूस हुई. दरअसल युवतियां मुख्य रूप से अपने मुद्दों के लिए आवाज उठाने से झिझकती हैं और साथ ही उन में संबंधित कानूनों को ले कर जागरूकता भी नहीं होती हैः

पावल ऐंजल के कार्य करने का अलग अंदाज

पावर ऐंजलो को अपने इलाके और शैक्षिणित संस्थानों में हो रही घटनाओं पर नजर रखनी होगी और वहीं उन्हें महिलाओं से शोषण या फिर घरेलू हिंसा की जानकारी मिलती है तो वे पुलिस को इस बारे में जानकारी देगी. इस के बाद पुलिस अपना काम करेगी. ये पावर ऐंजल अपने साथ की महिलाओं को महिलाओं से जुड़े अधिकारों और कानूनों की जानकारी देगीं. पुलिस इन की पहचान को गुप्त रखेगी.

पावर ऐंजल की योग्यता

पावर ऐंजल बनने के लिए न्यूनतम 9वीं तक की शैक्षिक योग्यता रखी गई है मगर इसके लिए उनके स्कूल, कालेजों और अभिभावकों की रजामंदी भी जरूरी है.

कार्यकाल

एक एसपीओ का कार्यकाल 3 से ले कर 5 साल तक का होगा. सभी एसपीओ को पहचान पत्र दिया जाएगा. इस में युवतियां मुखबिरों के तौर पर काम करेंगी. इन का प्रशासकीय कामों में लेनादेना नहीं होगा वे अपनी पहचान का इस्तेमाल 1090 पर या फिर पुलिस अधिकारियों को किसी घटना की जानकारी देते वक्त करेंगी.

पावर ऐंजल डेटा बैंक

आईजी नवनीत सेकेरा ने बताया, ‘‘हमारे पास सभी पावर ऐंजल का एक कंप्यूटरीकृत डेटा बैंक भी होगा. दूसरे चरण में ये पावर ऐंजल कम से कम 10 और युवतियों को शामिल करेगी. इस से प्रदेश की 20 लाख युवतियां सशक्त बनेंगी.’’

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