कौमेडी का मुकाबला कौमेडी से कर लोगों के बीच हीरो बन गए हैं मैक्सिको के अर्थरो हेरनांदेज और एक निजी कंपनी में सिटी मैनेजर अमेरिकी युवती अर्ने अस डेन रूदेन. जब लोग ऊटपटांग हरकतें करने से बाज नहीं आते, तो ये भी अपनी कौमेडी से न सिर्फ लोगों को गुदगुदाते हैं, बल्कि इस के माध्यम से सही रास्ते पर भी ले आने में कामयाब होते हैं. शहर के जिन स्थानों पर अकसर लोग जाम लगा देते हैं, वहां पर हेरनांदेज उन्हें सबक सिखाने के लिए पहले से ही अपनी गाड़ी लगा कर खड़ी कर देते हैं. उन की इस हरकत को देख कर तो लगता है जैसे वे कह रहे हो कि दम है तो लगा कर दिखाओ जाम. उन की गाड़ी को देख हर किसी की सिट्टीपिटटी गुम हो जाती है.
यही नहीं अगर सडक़ पर हुए गड्ढे की प्रशासन ने समय रहते सुध नहीं ली, तो फिर तो उन का कारनामा देखने लायक होता है. वे खुद ही गड्ढे में पानी भर कर उस में नहाना शुरू कर देते हैं ताकि प्रशासन शर्म से पानी पानी हो जाए. वे भद्दे कपड़े पहनने में भी नहीं हिचकते. जब लोग ऐसे कपड़ों पर कमैंट्स करते हैं तब उन की जबान पर यही डायलौग होता है, ‘जब तुम्हें गंदी हरकतें करने में शर्म नहीं आती तो फिर मुझे काहे की. देखो आंखें फाडफ़ाड़ कर मेरे ऐसे कपड़ों को. जब आए खुद की हरकतों पर शर्र्म तब ठान लेना सुधरने की.’ उन की बात सुन कर लोग खुद को बदलने पर मजबूर हो जाते हैं.