फर्नीचर हर घर के इंटीरियर का हिस्सा होता है. यह घर को सजाने संवारने के अलावा घर के सदस्यों की जरूरत को भी पूरा करता है. इसकी मौजूदगी जितनी आरामदायक है, उतनी ही खतरनाक भी साबित हो सकती है. खासतौर पर यदि घर पर कभी आग लग जाए तो सबसे पहले लकड़ी और प्लास्टिक के फर्नीचर जलकर राख होते हैं. साथ ही इनके आसपास रखा सामान भी आसानी से आग की चपेट में आ जाता है. लेकिन अब इस मुसीबत से बचने का रास्ता खोज लिया गया है. यह खोज की है उत्तर प्रदेश के महानगर कानपुर के मनु भास्कर गौर ने.
दरअसल मनु ने एक रिसर्च के तरह फर्नीचर को फायरप्रूफ, दीमकप्रूफ औैर रिंकलप्रूफ करने का फार्मूला निकाला है. इस बाबत मनु कहते हैं, अक्सर लोगों की शिकायत रहती हैं कि उनके महंगे फर्नीचर में आग लगने, दीमक लगने और रिंकल पड़ने से उनकी खूबसूरती में दाग लग गया है. इस वजह से उन्हें जल्दी जल्दी फर्नीचर बदलना पड़ता है. लेकिन जिस तकनीक पर मैंने काम किया है वो न केवल उनके फर्नीचर की खूबसूरती को संभाल कर रखेगी बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में घर को कम से कम हानि पहुंचने में भी मददगार साबित होगी.
मनु के बनाए यह फर्नीचर जल्द ही उनकी वैबसाइट (www.thecounterculture.com) में बिक्री के लिए मौजूद होंगे. मनु अपनी कंपनी के बारे में बताते हैं, (www.thecounterculture.com) एक ई कौमर्स कंपनी है, जिसमें फर्नीचर्स की औनलाइन बिक्री की जाती है.
क्या है तकनीक?
– इस फर्नीचर में इस्तेमाल होने वाला कपड़ा फायरप्रूफ होगा. इस कपड़े पर खास तरह की कैमिकल कोटिंग की जाएगी जो कपड़े को फायरप्रूफ बनाएगी.
– इस खास फर्नीचर को बनाने में फैब्रिक रबिंग टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में कपड़े को मशीन के दोनों ओर बांध दिया जाता है और फिर मशीन उसे रगड़ती है. इस रगड़ में जितने कपड़े में जितने रोएं उठते हैं उसी पर फैब्रिक की गुणवत्ता तय होती है.
– आमतौर पर 30 हजार रगड़ बर्दाश्त करने वाले फैब्रिक पर यदि रोएं न उठे तो उसे अच्छा माना जाता है. लेकिन इस फर्नीचर के लिए 45 से 85 हजार रबिंग क्षमता रखी गई है.
– फर्नीचर को दीमक प्रूफ बनाने के लिए एक कैमिकल तैयार किया गया है जिसका उपयोग लकड़ी पर ट्रीटमेंट देने के लिए किया जाएगा. जिससे लकड़ी दीमकप्रूफ हो जाएगी.
– इस फर्नीचर को रिंकल फ्री बनाने के लिए लोहे की कील की जगह लकड़ी की विशेष किलों को प्रयोग किया गया है.
अन्य स्टार्टअप बिजनैस पर एक नजर
1. छत पर बनाएं किचन गार्डनः thelivinggreen.com प्रतीक तीवारी द्वारा वर्ष 2013 में र्स्टाटअप इंडिया के तहत शुरू किया गया बिजनैस है. यह कंपनी शहरी घरों की छत पर किचन गार्डन सैटअप करने का काम करती है.
2. सेंटेड जूतेः खुशबूदार जूते बनाने वाली यह कंपनी वर्ष 2014 में करण विज द्वारा स्थापित की गई थी. और्गेनिक कौटन से बने यह जूते बहुत ही हल्के होते हैं. इनकी कीमत भी ज्यादा नहीं है. 1800 रुपए से 2700 रुपए तक में यह आपको scentra.com में आसानी से मिल जाएंगे.
3. औन डिमांड औफिसः बड़ी बड़ी मैट्रो सिटीज में रहनें को जगह नहीं मिलती औफिस खोलने के लिए मनचाही जगह मिल पाना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में कौशल सांघवी ने वर्ष 2015 में औन डिमांड औफिस की सुविधा के लिए breathingroom.com नाम से एक औनलाइन पोर्टल की शुरुआत की, जहां मात्र 79 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से कोई भी अपना औफिस सैटअप कर सकता है.