भारतीय इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने विदेशी बैंकों के खाते में कालेधन की जांच के सिलसिले में प्रमुख वैश्विक बैंक एचएसबीसी को नोटिस जारी किया है. टैक्‍स अधिकारियों ने चार भारतीयों तथा उनके परिवार के सदस्यों को टैक्‍स चोरी के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर ब्रिटेन के इस बैंक की स्विट्जरलैंड और दुबई ब्रांच के खिलाफ मुकदमा चलाने की चेतावनी दी है. अधिकारियों ने कहा है कि उनके पास बैंक के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.

एचएसबीसी ने विभिन्न देशों के टैक्‍स विभागों द्वारा उसकी जिनेवा शाखा के कथित सहयोग से की गई टैक्‍स चोरी और मनी लांड्रिंग को लेकर जारी जांच की जानकारी सार्वजनिक की है. उसने कहा है कि वह संबद्ध  देशों के अधिकारियों के साथ जांच में सहयोग कर रहा है. बैंक ने कहा है कि इन मामलों की जांच से उस पर बड़ा वित्तीय प्रभाव पड़ सकता है. एचएसबीसी की जिनेवा शाखा में सैकड़ों भारतीय खाताधारकों की सूची लीक होने और उसके भारतीय टैक्‍स अधिकारियों तक पहुंचने के बाद से भारतीय अधिकारी इस बैंक की पड़ताल में लगे हुए हैं. इसी प्रकार, अन्य देशों से जुड़ी सूची भी संबंधित कर विभागों तक पहुंची, जिसके बाद बैंक के खिलाफ जांच शुरू हुई है.

भारत सरकार ने हाल के वर्षों में स्विट्जरलैंड में कथित रूप से रखे कालेधन के खिलाफ कार्रवाई तेजी की है और ऐसी आशंका है कि तथाकथित अवैध धन दुबई जैसे अन्य जगहों पर ले जाया जा सकता है. एचएसबीसी ने उसकी स्विस या दुबई शाखाओं के जरिये कथित टैक्‍स चोरी में शामिल भारतीयों के नामों का खुलासा किए बिना कहा कि उसे सबसे पहले भारतीय टैक्‍स प्राधिकरणों से फरवरी 2015 में सम्मन जारी हुआ था, जबकि ताजा नोटिस अगस्त और उसके बाद नवंबर में जारी किए गए.

बैंक ने अपने वित्तीय नतीजे की भी घोषणा की. बैंक को भारतीय परिचालन से 2015 में 1.84 अरब डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ, जो 2014 में 1.74 अरब डॉलर था. उसका लाभ भारतीय परिचालन से 60.6 करोड़ डॉलर रहा. बैंक के अनुसार उसके खिलाफ अर्जेन्टीना, बेल्जिम और फ्रांस जैसे देशों में भी टैक्‍स चोरी या टैक्‍स धोखाधड़ी, मनी लांड्रिंग आदि का मामला चल रहा है.

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