कोई नया आविष्कार करने के लिए लोगों को क्या कुछ नहीं करना पड़ता. अकसर ऐसा हुआ है जब किसी ने कोई नई चीज ईजाद की, तो उसे शुरुआत में गलत समझ लिया गया. कई बार तो ऐसे लोगों को सनकी तक कहा जाता है. महान वैज्ञानिक आविष्कारक टामस एलवा एडिसन के साथ तो ऐसा कई बार हुआ. उन के कारनामों का मजाक उड़ाया जाता था और माना जाता था कि वे जिंदगी में कभी सफल नहीं होंगे. ऐसा ही एक वाकेआ वर्ष 2015 में अमेरिका के टैक्सास प्रांत में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले 14 वर्षीय लड़के अहमद मोहम्मद के साथ हुआ.
अहमद की घड़ी या बम
टैक्सास के इरविंग स्थित स्कूल में अहमद एक दिन पैंसिल बौक्स से खुद बनाई हुई एक डिजिटल घड़ी ले कर आया. उसे उम्मीद थी कि इस से उस के स्कूल टीचर प्रभावित होंगे और उसे शाबाशी मिलेगी. उस ने बड़े उत्साह से वह डिजिटल घड़ी अपने टीचर को दिखाई. टीचर ने उस की बनाई घड़ी को गौर से देखने के बजाय बम समझ लिया और इस के बारे में स्कूल प्रशासन व पुलिस को सूचित कर दिया. कुछ ही देर में पुलिस स्कूल में आई और अहमद के हाथों में हथकड़ी डाल कर उसे वहां से ले जाया गया. स्कूल प्रशासन ने इस बारे में दलील दी कि बम की सूचना पा कर वही कार्यवाही की गई, जो इस बारे में निर्धारित निर्देशों के तहत की जाती है.
गलती कैसे हुई
जिस स्कूल टीचर को अहमद की बनाई घड़ी बम दिखी थी, उसे अहमद एक आतंकवादी के रूप में नजर आया था. हालांकि बाद में उस टीचर ने दलील दी कि ऐसा भूलवश हुआ. लेकिन पूरे अमेरिका में उस के कृत्य की यह कहते हुए निंदा हुई कि उस की सोच समाज में प्रचलित इस नस्लवादी धारणा से प्रेरित थी कि एक मुसलिम आतंकवादी ही हो सकता है. इस ने पूरे अमेरिका और दुनिया के कई हिस्सों में नाराजगी पैदा कर दी. जब यह खबर और हथकड़ी पहने अहमद व उस की बनाई घड़ी का फोटो सोशल मीडिया पर डाला गया, तो उसे देखने व उस के बारे में जानने वालों की लाइन लग गई. घटना के बाद हाथ में हथकड़ी तथा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लोगो वाली टीशर्ट पहने अहमद मोहम्मद का फोटो कुछ ही घंटे में हजारों बार रीट्वीट कर दिया गया और ट्विटर पर हैशटैग स्टैंड विद अहमद ट्रैंड करने लगा. लोगों ने जहां स्कूल प्रशासन व गलती से घड़ी को बम समझने वाले टीचर की निंदा की, वहीं यह अपेक्षा भी की कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा इस मामले में दखल देंगे.
ओबामा तक यह खबर पहुंचने की देर थी कि अहमद को फौरन हथकडि़यों से आजाद कराया गया. ओबामा ने अहमद को उस के कौशल के लिए बधाई दी. ओबामा की बधाई को इसलामोफोबिया के आरोपों के बीच स्कूल प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के लिए सांकेतिक फटकार के तौर पर देखा गया.
कूल आविष्कार
ओबामा ने अहमद की बनाई घड़ी को एक बेहद दिलचस्प (कूल) आविष्कार बताते हुए पूछा कि क्या वह अपनी घड़ी को व्हाइट हाउस ला सकता है? साथ ही ओबामा ने उसे कई अन्य छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों, खगोलविदों और जानीमानी हस्तियों के साथ ‘एस्ट्रोनौमी नाइट’ के विशेष मौके पर आमंत्रित किया. डैमोक्रैटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने भी अहमद के साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए उस के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया. 20 अक्तूबर को जब अहमद व्हाइट हाउस पहुंचा तो उस का वहां भव्य स्वागत किया गया. वहां मीडिया के साथ हुए इंटरव्यू में अहमद ने कहा कि यह डिजिटल घड़ी उस का पहला आविष्कार जरूर है, लेकिन आखिरी नहीं. वह कई और नई चीजें बनाना चाहता है.
अहमद का सपना
सूडानी-अमेरिकी मांबाप की संतान अहमद का सपना अमेरिका के प्रतिष्ठित इंस्टिट्यूट, ‘मैसाच्युसैट्स इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी’ में दाखिला पाना है और वह इस के लिए प्रयासरत भी है. अहमद के प्रयास और सपनों की चर्चा इंटरनैट कंपनी गूगल द्वारा शहर माउंटेन व्यू में लगाए जाने वाले विज्ञान मेले में भी हुई. वहां आने वाले छात्रों ने अहमद से उस के आविष्कार के बारे में जानकारी ली और बताया कि स्कूलों में उस की कितनी चर्चा हो रही है.