हिंदी सिनेमा जगत के किंग खान और सुपरस्टार के नाम से प्रसिद्ध अभिनेता शाहरुख खान अब 52 साल के हो गए हैं. इंडस्ट्री में 25 साल गुजार चुके शाहरुख ने इस बार अपने जन्मदिन को मीडिया और फैन्स के साथ मनाया. उन्हें उनके फैन्स करोड़ो की संख्या में हर साल पूरे विश्व से सोशल मीडिया के सहारे बधाईयां देते हैं. इतना ही नहीं मुंबई के बांद्रा इलाके के बैंड स्टैंड में हजारों की संख्या में उनके फैन्स हर साल उनके आवास ‘मन्नत’ के आगे घंटो खड़े इसलिए होते हैं, ताकि उन्हें शाहरुख की एक झलक पूरे दिन में अवश्य मिले और वह मिलती भी है, क्योंकि शाहरुख दिन में कई बार अपने छत के ऊपर से, सबको वहां उपस्थित होने की वजह से, हाथ हिलाकर बधाई देते हैं. जन्मदिन से कुछ दिन पहले से वह अपने आपको फ्री रखते हैं, ताकि किसी भी फैन को मायूस न होना पड़े.
अपने कैंडिड बातचीत में वे कहते हैं कि मैं एक साधारण परिवार में पला और बड़ा हुआ लड़का हूं, जिसे अभिनय की इच्छा तो थी, पर इतना कामयाब होऊंगा, ये पता नहीं था. मैं अपने आप को ‘लकी’ मानता हूं कि मुझे जो भी मिले, सही इंसान मिले, जिसने मुझे हमेशा आगे बढ़ने में सहयोग दिया. इसमें निर्माता, निर्देशक, को-स्टार, सिनेमा की पूरी टीम, मीडिया और फैन्स सबकी भागीदारी है, क्योंकि मैं जानता हूं कि मेरे जैसे कितने भी आर्टिस्ट हर दिन अपने भाग्य की आजमाइश, एक्टर बनने के लिए करते हैं और अपना घर छोड़ देते हैं, पर उन्हें ऐसा मौका नहीं मिलता और वे या तो वापस घर चले जाते हैं या तनाव के शिकार हो जाते हैं. मैं उनके लिए इतना कहना चाहता हूं कि ये इंडस्ट्री मेहनत को मांगती है और मेहनत से ही हर काम सफल होता है, लेकिन उसके लिए आपको सही मौका और प्रतिभा दोनों का होना जरूरी है.
शाहरुख अपने पुराने दिनों को याद करते हैं, जब वे दिल्ली के राजिंदर नगर में अपने परिवार के साथ रहते थे, वे हंसते हुए कहते हैं कि मैं हमेशा अपने परिवार के साथ ही जन्मदिन मनाना पसंद करता हूं, तब माता-पिता के साथ मनाता था अब अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मनाता हूं, लेकिन उस दौरान जो ‘गिफ्ट’ मुझे मिलता था, वह तब भी पसंद था और आज भी पसंद है, बाकी अंतर ये है कि अभी मेरी जिंदगी काम की वजह से पब्लिक के साथ हो गयी है, ऐसे में अगर मैं उनके साथ जन्मदिन न मनाऊं, तो उसमें कुछ अधूरापन रह जाता है.
जब मैंने अभिनय शुरू किया था और थोड़ा काम भी मिल रहा था उस समय भी मैं अपने परिवार के साथ ही जन्मदिन मनाता था, लेकिन तब मेरी पौपुलैरिटी इतनी पता नहीं चलती थी, क्योंकि मीडिया इतनी स्ट्रोंग नहीं थी. मुझे याद आता है, जब मैं एक बार गोविंदा से मिला था और उस समय मैं तीन साल से काम भी कर रहा था. तब गोविंदा ने कहा था कि भारत इतनी बड़ी देश है कि यहां 10 साल तक अगर लगातार अच्छी फिल्में बनाते रहोगे, तब जाकर शायद लोग तुम्हें भारत के हर कोने में जानेंगे. इतना ही नहीं, काम करते हुए मैं हमेशा कहता रहा हूं कि इंडस्ट्री में हम सब एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं, जिसमें मीडिया भी है. मैं पर्दे पर अभिनय करता हूं और आप पर्दे के बाहर हमारे बारे में लिखकर लोगों तक, आपके मैगजीन के जरिये पहुंचाते हैं. इसलिए मैं जन्मदिन से एक दिन पहले अपने परिवार के साथ उसे मना लेता हूं और जन्मदिन के दिन मीडिया और फैन्स के लिए रखता हूं.
मैं अपने खुशी के हर एक पल को सबके साथ मनाना चाहता हूं और उसी से मुझे खुशी मिलती है. मेरे हिसाब से वह समय अच्छा था कि धीरे-धीरे एक्टर्स को अपनी सफलता का पता चलता था, लेकिन आज तो कुछ सेकंड में सब पता चल जाता है, इससे गलत ये हो जाता है कि कुछ लोगों को तो बिना सफलता पाये ही लगता है कि वे सफल हैं. तब प्रसिद्धी मिलने के बाद भी कलाकार को पता नहीं चलता था कि वे सफल हैं और वे मेहनत अधिक करते रहते थे. वे अपने बारें में कम और काम अधिक करते थे.
शाहरुख अपने बच्चों से काफी चीजें सीखते हैं. उनके हिसाब से आज की पीढ़ी इमानदार और आत्मविश्वास से भरी हुई है. अधिकतर युवा जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं. जो सच होता है, वे सामने कहने से घबराते नहीं. शाहरुख आगे कहते हैं कि मुझे आज भी अगर कुछ गलत हुआ हो और उसे कुछ कहने की जरुरत होती है तो ढाई से तीन दिन उस बात को कहने में लग जाते हैं. कई बार मैं बहुत ‘हार्श’ भी हो जाता हूं, लेकिन अब मैं अपने आपको कंट्रोल भी करता हूं. मेरे बच्चों से मैंने सीधा बात करना सीखा है.
शाहरुख के फैन्स उन्हें पूरे साल कुछ न कुछ अच्छी मेसेज भेजते रहते हैं. जिसका कलेक्शन उनके पास रहता है. उसमें बहुत स्वीट और नौटी मेसेज होते हैं, उसे पढने में उन्हें बहुत अच्छा लगता है. हमेशा कूल और पेशेंट दिखने के पीछे उनकी सोच ये रहती है कि उनकी वजह से कुछ गलत न हो, इसका वे पूरा ध्यान रखते हैं, हालांकि पहले उन्हें ऐसा करने में मुश्किल होती थी, पर अब नहीं होती. उम्र और अनुभव से वे इसे समझ चुके है.