दीवाली जहां उल्लास का माहौल निर्मित करती है, वहीं आप के खर्च में इजाफा भी कर देती है. बाजार में उपलब्ध नईनई चीजों व जगहजगह लगीं फैस्टिव सेल देख लगता है कि सबकुछ खरीद लिया जाए. इस चक्कर में गैरजरूरी चीजें भी हम खरीद लेते हैं. ऐसा करते समय अकसर बजट से ज्यादा खर्चा हो जाता है और अनपेक्षित खर्चों के एकदम आ जाने से त्योहार का मजा किरकिरा हो जाता है.

त्योहार के दौरान उपहार के खर्च बढ़ जाते हैं और मेहमानों का आगमन भी. मेहमानों के आदरसत्कार में कोई कमी रह जाए तो संबंधों में खटास आते देर नहीं लगती. ध्यान रखें कि इस समय आप को खुश भी रहना है और अपने बजट को देखना भी है. अचानक आ जाने वाले खर्चों के लिए 20 प्रतिशत इमरजैंसी कोष अवश्य रखें, ताकि कुछ कमी रह जाए तो उस की पूर्ति की जा सके. मनी मैनेजमैंट कर के आप अपने उत्साह को बरकरार रख सकती हैं. अपने बजट के अनुसार किस तरह चलें, इस के लिए अपनाएं ये टिप्स –

द्य सब से पहले तो दीवाली पर जिनजिन चीजों की आवश्यकता है, उन सभी संभावित खर्चों की सूची बनाएं. अलगअलग वर्गों के अंतर्गत खर्चों के गु्रप बनाएं ताकि कोई भी महत्त्वपूर्ण खर्च अनदेखा न रह जाए. खर्चे परिवार के सम्मिलित होते हैं, इसलिए उन्हें पूरा परिवार ही मिल कर तय करे.

द्य सूची में लिखी चीजों की संभावित कीमतों का अनुमान लगा लें. इस में बढ़ती कीमतों को भी ध्यान में रखें, ताकि आखिरी मौके पर इमरजैंसी कोष को खर्च करने की नौबत न आए.

द्य आजकल बाजार में मिल रहे मिलावटी खोए को देख कर यही लगता है कि घर में ही मिठाईनमकीन तैयार कर ली जाए. इस से महंगी मिठाइयां खरीदने से आप का बजट भी नहीं बिगड़ेगा. घर में पापड़ीचाट या नमकीन पारे बना लें. सभी इन्हें शौक से खाते हैं. मठरी, समोसे व लड्डू आदि भी घर में बनाए जा सकते हैं.

द्य बाजार में इतनी किस्मों के दीए व मोमबत्तियां उपलब्ध हैं कि सब को खरीदने का मन करता है, पर इतने सारे न खरीदें कि अगले साल तक उन्हें सहेज कर रखना पड़े. अगले साल तक वे या तो टूट जाएंगे या सारसंभाल ठीक न होने की वजह से बदरंग हो जाएंगे. 50 दीए बहुत रहेंगे और 4-5 पैकेट मोमबत्ती के. दीयों को ला कर 3-4 घंटों के लिए पानी में भिगो कर रख दें, इस से वे कम तेल पिएंगे.

द्य दीवाली पर महिलाएं आभूषण जरूर खरीदना चाहती हैं. कुछ ज्वैलर्स इस दौरान आकर्षक एक्सचेंज औफर देते हैं. जैसे, अपनी ही दुकान से खरीदी गई ज्वैलरी के बदले दोबारा उतनी ही कीमत की दूसरी ज्वैलरी लेने की छूट. आप चाहें तो ऐसी योजनाओं का फायदा उठा सकती हैं.

द्य बच्चों को अनावश्यक पटाखे आदि खरीद कर न दें. इस से प्रदूषण तो कम होगा ही, साथ ही, उन की अन्य पसंदीदा चीजें भी आप के बजट से ही पूरी हो जाएंगी.

शौपिंग से पहले सूची बना लें

त्योहारों में शौपिंग करना तो स्वाभाविक ही है, ऐसे में पहले से प्लानिंग कर न सिर्फ उस का लुत्फ उठाया जा सकता है बल्कि जरूरत और मनपसंद हर चीज वक्त रहते खरीदी जा सकती है. त्योहार के समय बाजारों में इतनी भीड़ होती है कि आपाधापी में अनुपयोगी वस्तुएं हम खरीद लेते हैं. इसलिए सूची ले कर बाजार जाएं और उस के अनुसार चीजें खरीदें.

चीजें जल्दबाजी में न खरीदें

अगर आप दीवाली पर फ्रिज, टीवी, एसी या वाशिंग मशीन जैसी कोई महंगी चीज खरीद रही हों तो ऐसी चीजें जल्दबाजी में न खरीदें. खरीदने से पहले इन चीजों के बारे में बाजार में घूम कर अच्छी तरह से जानकारी हासिल कर लें कि कौन सी कंपनी का कौन सा प्रोडक्ट आप के परिवार की जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त रहेगा. जो सामान आप खरीदने जा रही हैं उस की आफ्टरसेल वैल्यू क्या है, उस का गारंटी पीरियड कितना है, उस की सर्विसिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं, आदि जानकारी हासिल कर लें.

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