भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने मंगलवार को एक दूसरे को उनके घर में ही घेरा. एक तरफ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, स्मृति ईरानी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक साथ कांग्रेस के गढ़ अमेठी में विकास कार्यों को लेकर राहुल गांधी पर हमला बोला. वहीं, गुजरात दौरे के दूसरे दिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए.
केंद्र ने अर्थव्यवस्था चौपट की: राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को गुजरात दौरे के दूसरे दिन केंद्र सरकार के फैसलों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी जैसे निर्णयों ने अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है. बेरोजगारी की स्थिति गंभीर हो गई है, लेकिन सरकार किसी की सुन नहीं रही है. राहुल ने कहा कि अगर जीडीपी की वृद्धि दर पुरानी प्रणाली के अनुसार गिना जाए तो यह गिर कर 4.2 प्रतिशत पर आ गई है.
उन्होंने कहा कि भारत की व्यवस्था जटिल है और ऐसे में यहां छोटे से छोटे निर्णय जनता की राय के आधार पर लिये जाने चाहिए पर सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी को बिना राय मशविरे के थोप दिया. जब कांग्रेस की सरकार आएगी तो हम जनता के मन की बात सुनेंगे. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान मनरेगा योजना के लिए 35 हजार करोड़ के खर्च को लेकर हायतौबा मचायी जा रही थी. अब सरकार किसानों का कर्ज माफनहीं करती है.कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सरकार बेटी बचाओ से आगे बढ़ते हुए बेटा बचाओ में बदल गई है.
राहुल की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है जब भाजपा अध्यक्ष के पुत्र जय अमित शाह के समर्थन में अनेक केंद्रीय मंत्री सामने आ गए हैं. उन्होंने पीयूष गोयल ने जय शाह के कारोबारी लेनदेन का बचाव किया शीर्षक से रिपोर्ट को भी अपने ट्वीट के साथ जोड़ा.
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम महंगाई की जड़
राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को महंगाई की जड़ करार दिया. उन्होंने इन पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की. व्यापारियों के साथ संवाद में उन्होंने जीएसटी की मौजूदा पांच कर दर वाली व्यवस्था को त्रुटिपूर्ण करार देते हुए एकसमान 18 प्रतिशत दर से जीएसटी लागू करने का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह प्रणाली एक देश एक कर की अवधारणा पर आधारित है ही नहीं.
सरकारी शिक्षण संस्थानों की मजबूती जरूरी
उन्होंने कहा कि आईआईटी एक सरकारी संस्थान होने के बावजूद देश का सबसे बेहतर शैक्षणिक संस्थान है. इसलिए सरकारी शिक्षण संस्थानों को पोषित किया जाना चाहिए. वह निजी शिक्षा के खिलाफ नहीं है पर इसकी कीमत को नियंत्रित रखने के लिए सरकारी प्रणाली को मजबूत रखना जरूरी है जबकि गुजरात सरकार ने पूरी तरह निजीकरण के लिए इसे नष्ट कर दिया है.
राहुल अमेठी की जनता को हिसाब दें : शाह
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उनके ही गढ़ अमेठी में घेरा. राहुल गांधी के मोदी सरकार से तीन साल का हिसाब मांगने पर शाह ने कहा कि अमेठी की जनता उनसे उनकी तीन पीढ़ियों का हिसाब मांग रही है.
एक बार मोदी पर भरोसा कीजिए पछताना नहीं पड़ेगा
शाह ने अमेठी के कौहार में विकास कार्यक्रमों के लोकार्पण और शिलान्यास के जरिये अमेठी से लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया. उन्होंने कहा कि 2019 में जब वोट मांगने आएंगे तो आपसे काम का वादा नहीं करेंगे बल्कि हमने आपके लिए क्या किया, यह पूरा हिसाब लेकर आएंगे. उन्होंने अमेठी की जनता से अपील की कि 55 साल तक गांधी परिवार पर भरोसा किया तो एक बार मोदी व भाजपा पर भी विश्वास कीजिए, आप को पछताना नहीं पड़ेगा. उन्होंने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि सांसद होन के बावजूद वह अमेठी में बहुत कम आते हैं.
सपा-बसपा खाते ज्यादा थे
प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा-बसपा सरकारों पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि सपा-बसपा खाते ज्यादा थे और केंद्र से मिलता भी कम था. केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश को मिल भी ज्यादा रहा है और योगी आदित्यनाथ जनता तक पहुंचा भी ज्यादा रहे हैं. हर गरीब को छत, शौचालय और बिजली की रोशनी देना सरकार का लक्ष्य है.
गर्मियों में ननिहाल चले जाते हैं राहुल
शाह ने कहा कि राहुल को जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है,गर्मी के दिनों में वह ननिहाल चले जाते हैं. जबकि भाजपा सरकार ने आम जनता के हित में योजनाएं शुरू की हैं, देश की सीमाओं को सुरक्षित किया है. पार्टी कार्यालय का शिलान्यास करने सीतापुर पहुंचे शाह ने आरोप लगाया कि अमेठी की जनता के लिए भी कांग्रेस ने कुछ नहीं किया, कलेक्ट्रेट तक नहीं बनी. आज हम कलेक्ट्रेट भवन का शुभारंभ करके आए हैं. शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने तो गेहूं खरीद मूल्य दो माह में ही भुगतान किया है. पिछली सरकारों में सालों गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं होता था, किसान परेशान रहता था. हमारी सरकार ने 22 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों का भुगतान छह माह में कराया है.