ब्लैकमनी यानी काले धन के खिलाफ सरकार ने जो अभियान छेड़ा है, अब उसकी रेडार पर बेनामी सम्पत्ति रखने वाले भी आ गए हैं. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पिछले 10 महीने में मुंबई दिल्ली समेत 14 राज्यों के करीब 650 बेनामी संपत्ति रखने वालों पर कार्रवाई की गई है.
इसी के साथ अब सरकार ने मोटी राशि यानी करोड़ो रुपये की बेनामी सम्पत्ति रखने वालों की पहचान कर उनके घर नोटिस भेज दिया गया है. अगर इन लोगों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया तो इनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इनकी करोड़ो की सम्पत्ति जब्त भी की जा सकती है.
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के अनुसार जिन 450 लोगों को बेनामी सम्पत्ति के मामले में नोटिस भेजा गया है, उनके पास करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति होने का शक है. नोटिस भेजने के 15 दिनों के भीतर इनको जवाब देना होगा. अगर ये लोग जवाब नहीं देते तो फिर इनके खिलाफ बेनामी सम्पत्ति ट्रांजैक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी. अगर इन्होंने जवाब दिया तो यह देखा जाएगा कि इन सम्पत्तियों का ब्यौरा इन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न में दिया है कि नहीं. अगर दिया है तो वह कितना सही है. अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो फिर इनसे पूछताछ की जाएगी. इनकम टैक्स के सूत्रों का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो बेनामी सम्पत्ति के जांच में ईडी और अन्य जांच एजेंसियों की मदद भी ली जाएगी.
अगर जांच में यह साबित हो गया कि इनके पास बेनामी सम्पत्ति है तो नवंबर 2016 से लागू बेनामी संपत्ति ट्रांजैक्शन एक्ट के तहत इनकी सम्पत्ति जब्त की जाएगी. इनके खिलाफ टैक्स चोरी और ब्लैक मनी खपाने का मामला भी बनेगा. अगर इनके खिलाफ वित्तीय आपराधिक या धन शोधन का मामला बना तो इनको सजा भी हो सकती है.
सरकार को शक है कि शेल कंपनियां बनाकर लोग बेनामी सम्पतियों की खरीददारी कर रहे हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐसे लोगों को साफ चेतावनी दी और कहा कि शेल कंपनी के जरिए बेनामी सम्पत्ति खरीदने वाले या इस रूट से पैसा लाने वालों में न सिर्फ बिजनेसमैन, बल्कि राजनेता और बड़े अधिकारी भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग ने बेनामी संपत्तियों की पहचान शुरू कर दी है और जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी.