कल वो गए आज हमारी बारी है

ये आनाजाना तो जमाने की फनकारी है

दुआओं के भरोसे कौन जीता है

मेहनतकशों ने खुद जिंदगी संवारी है

पहले प्यार का नशा अजीब होता है

उम्रभर रहती उस की खुमारी है

मौत का डर किसे दिखाते हो यारो

मौत से अपनी बचपन से यारी है

साहिल के पास आ कर भी कश्ती डूब गई

डूबने वालों की तकदीर न्यारी है

मुश्किल है अब तो देव का बचना

इश्क की तलवार दोधारी है.

       – डा. तेजपाल सोढ़ी देव

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