कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने पहली बार पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद की उम्‍मीदवार बनने की बात कही है. अमेरिकी दौरे के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस में वास्‍तविक लोकतंत्र है. यदि पार्टी चाहेगी तो वह प्रधानमंत्री पद का उम्‍मीदवार बनने को भी तैयार हैं.

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता. हिंसा में मैंने अपनी दादी (इंदिरा गांधी) और पिता (राजीव गांधी) को खोया. मुझसे बेहतर हिंसा को कौन समझेगा. उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने मेरी दादी को गोली मारी, मैं उन लोगों के साथ बैडमिंटन खेलता था. मुझे पता है कि हिंसा से क्या नुकसान हो सकता है. जब आप अपने लोगों को खोते हैं, तो आपको गहरी चोट लगती है.’

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझसे अच्‍छे वक्‍ता हैं. उन्‍होंने कहा कि मैं विपक्ष का नेता हूं लेकिन मोदी मेरे भी पीएम हैं. प्रधानमंत्री मोदी अच्छे वक्ता हैं, उनके पास लोगों तक अपना संदेश पहुंचाने की कला है. स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह आइडिया मुझे काफी पसंद आया.

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी से देश को नुकसान हुआ है. देश की अर्थव्‍यवस्‍था GDP के दो प्रतिशत  प्रतिशत तक गिर गई. नोटबंदी करते समय संसद को अंधेरे में रखा गया. हमारी पार्टी ने लोगों को राइट टू इंफोर्मेशन (आरटीआई) का अधिकार दिया. लेकिन मोदी जी ने आरटीआई पर शिकंजा कस दिया और इसको बंद कर दिया.

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत में अभी नए रोजगार का सृजन नहीं हो रहा है. भारत को रोजगार का सृजन करना होगा. लेकिन इस मामले में हम चीन का अनुकरण नहीं कर सकते. उसकी नीतियों पर चलकर जॉब क्रिएट नहीं की जा सकती. हमें लोकतांत्रिक तरीके से ही ये करना होगा. भारत में छोटे-कारोबार में ही जॉब हैं.

राहुल ने अपने संबोधन में यह स्‍वीकार किया कि साल 2012 में कांग्रेस में घमंड आ गई थी और पार्टी ने जनता से संवाद कम कर दिया था. इस कारण पार्टी की लोगों से दूरी बन गई थी. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को भी लपेटे में लिया. उन्‍होंने कहा कि बीजेपी ने हजारों लोगों को सोशल मीडिया पर बैठा रखा है जो दिनभर मेरे खिलाफ एजेंडा चलाते हैं. मेरे हर बयान और मेरे काम को गलत संदर्भ में दिखाने की कोशिश करते हैं. लेकिन दुनिया मुझे देख रही है और मेरे काम से मेरे बारे में राय बनाई जानी चाहिए. कश्‍मीर में कांग्रेस पार्टी के नौ वर्षों के काम को एनडीए सरकार ने महज 30 दिनों में नष्‍ट कर दिया.

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