वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार शाम को हुई हत्या के तीन दिन बाद भी जांच एजेंसी हत्यारे का सुराग नहीं लगा पाई है. इसके मद्देनजर सरकार ने मामले में लोगों की मदद लेने का फैसला लिया है और सुराग देने वाले को 10 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है.
कर्नाटक के गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मामले की जांच के लिए गठित पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के सदस्यों के साथ बैठक के बाद इनामी राशि की घोषणा की. साथ ही 21 सदस्यीय एसआईटी से संपर्क के लिए फोन नंबर और ईमेल आईडी जारी किया है, जिसपर लोग सूचना दे सकते हैं. बेंगलुरु पुलिस ने लोगों से अपील की वह मामले से जुड़ी जानकारी फोन नंबर 09480800202 या ईमेल आईडी sit.glankesh@ksp.gov.in पर साझा करें.
रिपोर्ट भेजी
केंद्रीय गृह मंत्रलय को कर्नाटक सरकार से गौरी लंकेश की हत्या के मामले में रिपोर्ट प्राप्त हुई है. इसमें राज्य मुख्य सचिव ने सनसनीखेज हत्या का ब्योरा का विवरण दिया है.
हत्यारे की पहचान में मुश्किल आ रही
गौरीलंकेश के घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज में एक काले जैकेट और हेलमेट लगाया व्यक्ति उनपर गोलियां चलाता हुआ दिख रहा है. पुलिस का कहना है कि हेलमेट की वजह से उसकी पहचान करने में मुश्किल आ रही है. गौरीलंकेश का घर पश्चिमी बेंगलुरु के भीड़भाड़ वाले राजराजेश्वरी वाले इलाके में है. इसके बावजूद अब तक कोई भी चश्मदीद गवाह सामने नहीं आया है. इस बीच, एसआईटी के सदस्य नए सिरे से गौरी के रिश्तेदारों और दोस्तों से पूछताछ कर रही है.
भाजपा-कांग्रेस में सियासी घमासान
गौरी लंकेश के हत्यारों का अब तक सुराग नहीं मिला है. लेकिन इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सियासी दौर चरम पर है. भाजपा ने राज्य सरकार पर सवाल उठाया है कि गौरी की जान का खतरा होने के बावजूद उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गई. वहीं कांग्रेस ने गौरी की हत्या पर कथित तौर पर जश्न मनाने वालों के प्रति भाजपा के रुख को खतरनाक बताया है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, गौरी की हत्या अफसोसजनक और दुर्भाग्यापूर्ण है. उन्होंने सवाल किया कि राज्य सरकार ने गौरी को सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया कराई. प्रसाद ने कहा, गौरी के भाई इंद्रजीत लंकेश ने कहा था उनकी बहन नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए काम करती थीं, तो क्या यह वह राज्य सरकार की सहमति से ऐसा कर रही थीं. यदि ऐसा था तो उन्हें पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं दी गई थी.
उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने राज्य सरकार पर सवाल क्यों नहीं उठाया. राहुल पहले ही आरएसएस से जुड़े समूहों को हत्या के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया है. ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती.
प्रसाद के आरोपों पर कर्नाटक के गृहमंत्री ने रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि गौरी ने कभी सुरक्षा की मांग नहीं की थी. अगर वह सुरक्षा मांगती तो कोई भी सरकार इससे इनकार नहीं करती.