मन समर्पित दिल समर्पित
पर नहीं समर्पित ‘तन’
पर-
कुरसी हथियाने को ‘जान’ समर्पित
उत्तराखंड से झारखंड
दबाव रहता है
अनुशासन का पाठ पढ़
फिर भी तेवर तीखे
‘लार’ टपकती रहती है
तो हो समर्पित
किस के लिए
मन तत्पर अर्पित-
मात्र सत्ता के लिए
हार गए पकड़े गए
निकाले गए तो भी
कहेंगे-
सबकुछ दल के नेता
के लिए
प्राणप्रिय दल के लिए.
– अविनाश दत्तात्रय कस्तुरे
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