कसम जिंदगी की यह मेरी चाहत
तेरी मुहब्बत से कम न होगी
तेरी चाहत की रंगीन दुनिया
मेरी इबादत भी कम न होगी
लिखी है दिल पर गमों की दस्तक
खुशी की आहट से कम न होगी
बहुत हैं रोए बहुत हैं तड़पे
कहानी अब ये बयां न होगी
आंखों में नींदें न नीदों में सपने
देखें कि कब तक सुबह न होगी
मिले न मुझ को मैं जिस को ढूंढूं
मेरी तलाशें कभी कम न होंगी
खुशी की महफिल से हम को उठ कर
गमों की महफिल सजानी होगी
सुबह न होगी अब जिंदगी में
रातों को करवटें बदलनी होंगी
मैं सो रही हूं यादों में तेरी
नीदों में मेरी खलिश न होगी.
- रीता अत्रीय
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
(1 साल)
USD48USD10

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
(1 साल)
USD100USD79

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और