अगर आप महंगी कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो जल्द ही खरीद लें कार क्योंकि जीएसटी परिषद ने पहले ही एसयूवी, मध्यम आकार व बड़ी एवं लक्जरी कारों पर उपकर (सेस) की दर को मौजूदा 15% से बढ़ाकर 25% करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. आज कैबिनेट की बैठक में सरकार द्वारा इस पर मुहर लगाने की संभावना है. सेवाकर लागू होने के बाद गाड़ियां सस्ती हुई थीं.

आपको बता दें कि आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक है. इस बैठक में कई अहम फैसले लिये जा सकते हैं. चर्चा है कि इस बैठक के बाद महंगी गाड़ियां खरीदना और महंगा हो जायेगा.

गौरतलब है कि जीएसटी के तहत कारों को उच्चतम दर 28% कर की श्रेणी में रखा गया है. इस वर्ग में वस्तुओं व सेवाओं पर 1-15% तक का सेस भी लगाया गया है, ताकि उससे प्राप्त आय के जरिये जीएसटी में राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके. नई व्यवस्था के तहत एसयूवी और बड़ी कारों पर सेस की दर बढ़ा दी गयी है.

इस मामले पर वित्त मंत्रालय ने भी बयान जारी करते हुए कहा था जीएसटी के बाद कारों पर कुल कर (जीएसटी और सेस मिलाकर) जीएसटी से पहले वाली व्यवस्था के मुकाबले शुल्क कम हो गया था. जीएसटी परिषद ने 5 अगस्त को हुई अपनी 20वीं बैठक में इस मसले विचार किया और केंद्र सरकार से सिफारिश की कि वह 8702 और 8703 शीर्षक के तहत आने वाले मोटर वाहनों पर अधिकतम सेस मौजूदा 15% से बढ़ाकर 25% करने के लिए विधायी संशोधन करने का प्रस्ताव रखा, जिसे उसी दिन सरकार ने मंजूरी दी थी.

8702 और 8703 शीर्षकों के तहत आने वाले मोटर वाहनों में मध्यम श्रेणी, बड़ी कार, एसयूवी और 10 से ज्यादा, लेकिन 13 से कम लोगों के बैठाने की क्षमता वाले वाहन आते हैं. साथ ही, 1500 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाले हाइब्रिड वाहन तथा 1500 सीसी से कम इंजन के मध्यम दर्जे की हाइब्रिड कारें भी इसमें शामिल हैं.

आटोमोबाइल सेक्टर नाराज

जीएसटी लागू होने से टैक्स में आई कमी के कारण आटोमोबाइल कंपनियों ने अधिकतर बड़ी कारों और SUV के प्राइसेज में 1.1 लाख से 3 लाख रुपये तक की कमी की थी. अब सरकार की सेस बढ़ाने की योजना से ये कंपनियां नाराज हैं और उनका कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद प्राइस में कमी की गई थी और अब इन्हें बढ़ाना पड़ सकता है.

मिड साइज कारों, बड़ी कारों और SUV पर जीएसटी रेट 28 पर्सेंट का है. इस पर 15 पर्सेंट सेस लगने से कुल टैक्स 43 पर्सेंट होता है. अगर सेस को बढ़ाया जाता है तो कुल टैक्स 53 पर्सेंट पर पहुंच सकता है. हालांकि, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि 25 पर्सेंट की सीमा है और सेस में बढ़ोतरी इससे कम हो सकती है. जीएसटी से पहले मिड-साइज सेडान पर टैक्स लगभग 47 पर्सेंट और SUV पर 55 पर्सेंट से अधिक था.

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