पोंगापंडितों और धार्मिक आडंबरों पर कटाक्ष करती फिल्म ‘पीके’ का औडियो वर्जन नैरेशन के साथ खासतौर पर नेत्रहीनों के लिए तैयार किया जा रहा है. इस नए प्रयोग से नेत्रहीन नैरेशन की वजह से फिल्म की कहानी भी समझेंगे. रमी सेठ ने इस से पहले फिल्म ब्लैक का भी औडियो डिस्क्रिप्शन तैयार किया था. आमतौर पर एक फिल्म को इस तरह तैयार करने के लिए करीब 1 लाख रुपए का खर्च होता है. यह प्रयोग सराहनीय है क्योंकि मनोरंजन सब को चाहिए. कई बार शारीरिक अपंगता राह में रोड़ा बन जाती है लेकिन तकनीक ने सबकुछ आसान कर दिया है.
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