मौसमी बदलाव के साथ कई बार आंखों में एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है. इन दिनों मौसम तेजी से बदल रहा है, तापमान में लगातार गिरावट आ रही है, हवा में ठंड का एहसास बढ़ गया है, साथ ही वातावरण में पुआल आदि के कण बढ़ गए हैं. ऐसे में गरमाहट के लिए कृत्रिम उपायों की जरूरत महसूस होने लगी है. इस मौसम में आंखों में कई बार एलर्जी और परेशान करने वाले रूखेपन का एहसास होता है. एस्सिलोर इंडिया के सीईओ शिवकुमार जे कहते हैं, ‘‘कंजंक्टिवा आंखों की एक बेहद मुलायम और पारदर्शी त्वचा है जो हमारी भीतरी आंख और बाहरी दुनिया के बीच एक पारदर्शी परदे का काम करती है. एलर्जी होने पर आमतौर पर आंखों की इसी बाहरी परत पर असर पड़ता है. इस के प्रभाव से आंखें लाल हो जाती हैं. उन में खुजली होने लगती है और आंखों से पानी निकलने लगता है.’’

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घर को एलर्जीमुक्त रखें

आप को हवा में मौजूद पुआल आदि के कणों या धूलमिट्टी से एलर्जी है, तो इन दिनों अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें ताकि ये चीजें घर के अंदर न आएं. एलर्जी बढ़ाने वाले इन तत्त्वों से बचाव के लिए एअरकंडीशनर का इस्तेमाल करें. कमरे से कारपेट हटा दें, क्योंकि इन में आंखों की एलर्जी बढ़ाने वाली धूल जमा हो सकती है. अपने कंबल और बिस्तर आदि साफ रखें.

फफूंदी पर नियंत्रण रखें

फफूंदी एक फंगस है जो अकसर घर के भीतर उमस और सीलन की वजह से उग आती है. इस की वजह से त्वचा और आंखों में कई तरह की एलर्जी हो सकती है. यह सुनिश्चित करें कि घर में सीलन और उमस न हो.

रूखेपन के लिए आईड्रौप

ठंडी हवाएं और रूखा मौसम कई बार आंखों के रूखेपन की वजह बन जाते हैं. ऐसे में आंखों में सूजन और खुजलाहट होती है. अपनी आंखों में नमी बरकरार रखने के लिए डाक्टर की सलाह से आईड्रौप का इस्तेमाल करें.

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चश्मा लगाएं

गरमी के दिनों के विपरीत ठंड के दिनों में हम ज्यादा वक्त घर से बाहर गुजारना चाहते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि बादल वाले दिन में भी सूरज की 80 प्रतिशत अल्ट्रावायलेट किरणें हम तक पहुंचती हैं. ऐसे में यह धारणा पूरी तरह से गलत साबित होती है कि बादल छाए होने पर अल्ट्रावायलेट किरणों का हम पर कोई असर नहीं होता. ऐसे में कोई भी मौसम हो, आंखों की सुरक्षा के लिए आई सन प्रोटैक्शन फैक्टर यानी ईएसपीएफ वाले चश्मे लगाएं, जैसे कि क्रिजाल यूवी, ताकि आप की आंखें यूवी किरणों के खतरे से बची रहें.

धुएं से बचें

चूंकि ठंड में बाहर ठिठुरन का एहसास होता है, ऐसे में अकसर लोग घर के अंदर ही धूम्रपान करते हैं. सिगरेट का धुआं आंखों को परेशान कर सकता है और एलर्जी की समस्या बढ़ा सकता है. अगर आप को धुएं से एलर्जी है तो घर को सख्ती से ‘स्मोक फ्री जोन’ में तबदील करें. इस के साथ ही, डीजल वाली गाडि़यों से निकलने वाले धुएं से भी दूर रहें.

सफाई और देखभाल

गंदे हाथों से आंखों को न छुएं. अपने हाथों को बारबार धोएं और अपने आसपास वालों को भी ऐसा करने के लिए कहें. तौलिया, रूमाल, आंखों के कौस्मैटिक्स व अन्य चीजें एकदूसरे के साथ शेयर करने से बचें.

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