SC on Gambling Game : एक कहावत है कि जुआ किसी का न हुआ. जुआ सिर्फ उसी का हुआ जिस ने जुआरियों को जुआ खेलने की जगह दी. भारत में जुए की परंपरा रही है. पहले चार लोग किसी कोने में बैठ कर जुआ खेलते थे. जुए में कुछ लोग जीतते थे कुछ बर्बाद होते थे. आज औनलाइन का जमाना है. जुआ खेलने का तरीका बदला है लेकिन जुए के प्रति जूनून नहीं बदला.
आज पूरी दुनिया में औनलाइन गेमिंग के चक्कर में बहुत से लोग बर्बाद हो रहे हैं. इस के उलट बहुत से लोग और कंपनियां जो जुआरियों को औनलाइन जुआ खेलने का प्लेटफार्म मुहैया करवा रही हैं वो मालामाल हो रही हैं. जुए के इस मार्किट को खत्म करने के लिए भारत सरकार ने अगस्त 2025 में औनलाइन गेमिंग को रोकने के लिए क़ानून बनाया जिस से औनलाइन गेमिंग से जुड़े बहुत से लोग और कम्पनियां रातों रात बर्बाद हो गईं.
“प्रमोशन एंड रेगुलेशन औफ औनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025” यह कानून “औनलाइन मनी गेम्स” रियल मनी वाले गेम्स जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स, ई-स्पोर्ट्स और ऐसे गेम्स को प्रमोट करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए बना है.
इस क़ानून के खिलाफ एक व्यक्ति ने कोर्ट में याचिका दी. इस आदमी का कहना है कि यह क़ानून स्किल बेस्ड गेम्स पर भी रोक लगाता है जो कि संविधान के अनुच्छेद 19(1)(g) का उल्लंघन है. याचिका दाखिल करने वाला आदमी औनलाइन टूर्नामेंट्स से रुपए कमाता था और अपना ऐप लौन्च करने वाला था. इस क़ानून के बनने से उस की जिंदगी तबाह हो गई.
4 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा, “India is a strange country. You are a player, you want to play, and it’s your only source of income…” भारत एक अजीब देश है. आप खिलाड़ी हैं, खेलना चाहते हैं यहां तक तो ठीक हैं लेकिन क्या यही आप की एकमात्र आजीविका है यह बहुत अजीब है.
औनलाइन गेमिंग को रोकने का कानून अगस्त 2025 में पारित हुआ. तब से भारत के अलग अलग राज्यों के हाई कोर्ट में इस क़ानून के खिलाफ ढेरों याचिकायें दाखिल कि गईं. इसी को लेकर दिल्ली, कर्नाटक व मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर किया ताकि विरोधाभासी फैसले न हों. याचिकाकर्ताओं में कुछ कंपनियां भी शामिल हैं जो कहती हैं कि इस क़ानून से उन का कारोबार ठप हो गया है और लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. SC on Gambling Game :





